Success Story (Part – 2)

Success Story  (Part - 2)
Success Story (Part – 2)
#Sucess Story (Part – 2)
24 तारीख सुबह 6.00 बजह रेपोटिंग था । परंतु में सुबह 5.30 बजह पहुंच चुका था और यह सब संभब हो रहा था केबल मेरे अंकल की बजह से । मेरे अंकल के बारे में थोड़ा जानकारी दे देता हूँ । वो मेरे गाँव के अंकल है (Mr. Ashok Kumar Nanda) जो पिछले कई सालों से अपनी परिबार के साथ Rourkela में आ कर रह रहे हैं । जब से मेरा Rourkela में selection process चलति आ रही है तब से उन्होंने मेरे लिये बक्त निकाल कर मुझे जाने आने तथा उनके घर मे रहने का बंदोबस्त किये थे । किसि तरह कोई भी असुविधा होने पर अंकल मुझे सलाह के साथ मदद भी करते थे । जब जरूरत पड़े बहां आकर खड़े होते थे । सुबह सुबह कड़ाके की ठंड में भी वो मुझे Recruitment Camp में छोड़ने जाते थे । उनकी मदद को में कभी नहीं भूल पाऊंगा । उनकी घर में प्रबेश के बाद सोचा था की मुझे अतिथि जैसे सेबाएं प्रबंध किया जाएगा परंतु बहां मुझे बेटे जैसे सम्मान दिया गया । जितना सम्मान उन्होंने मुझे दिए थे उतना सम्मान मेरे कोई अन्य रिस्तेदार के घर से नहीं मिला था । उनकी जितना भी तारीफ करूँ तो कम पड़ेगा । उनकी नम्र ब्यबहार आज तक वैसा ही है । पहला सिलेक्शन से लेकर आखरी तक बो मेरे साथ थे ।
Rourkela बिसरा कैम्प में हमको पहुंचना था । वह दिन खुसी तथा भाग्य बदलने बाला दिन था । 06.00 बजते ही एक एक करके सबकी मेडिकल call Letter जांच तथा नाम के साथ प्रबेश किया जा रहा था । एक जवान आये हमको एक लाइन में खड़े होने का आदेश दिए और क्या करना है और कहां जाना है उसके बारे में दिशा निर्देश किये तथा हमको सुभकामनाये दिए। आखरी में एक शब्द बोले और उश शब्द को सुनकर जितने भी लड़के गेट के अंदर प्रबेश किये थे सबके मुख में रौनक के साथ खुसी भर गया । बो शब्द था कि ” यह गेट आपकी भाग्य रेखा खोलेगी , जो भी लड़का यह गेट में कदम रखा बह आज यहां से नौकरी का कॉल लेटर अपने साथ लेकर जाएगा और जो नहीं आया उसका नसीब खराब हैं। ” इशलिये जो में बोलता हूं उसी तरह काम कीजिये । कोई भी लड़का बिना बताये कहीं नहीं जाएगा । जहां भेजा जाएगा एक एक करके जाएंगे और अनुसाशन का पालन करेंगे । कुछ मिनट के बाद एक ट्रक आया और हमको ग्राउंड में लिया गया । बहां पर हमारा फ़ोटो शूट किया गया और कुछ डॉक्यूमेंट चेक करके मेडिकल जांच हेतु लिया गया ।
मेडिकल में हम 08 बजह पहुंच गए थे । पहले हमको अपना यूरिन तथा Blood देने केलिए बोला गया । सारे लड़के एक एक करके blood एबं urine लैबोरेटरी में submit किये । फिर हमको X-Ray टेस्ट केलिए लिया गया । उसके बाद Eye,Ear, Body Parts, Body Scratching, Vein test Etc.. टेस्ट किया गया । समय का अंदाज़ा नहीं था । दिन निकल गया देखते देखते 04 बज गया । उस दिन 40 से अधिक लड़के को मेडिकल जांच हेतु बुलाया गया था । सबको भूक लग रहा था और कोई पूछता है तो उनको बाहर जाने केलिए मना था । मन मे डर था कहीं Reject ना कर दें । अभी बारी था इंटरव्यू मतलब मेडिकल के संदर्भ में कुछ पूछताछ करेंगे । दिन भर की मेडिकल जांच के बाद मेडिकल रिपोर्ट में जो कुछ खामियां है उसके बारेमें पूछेंगे और अन्य कुछ जानकारी लेंगे । मेरा नम्बर 35 या 36 था , ठीक से याद नहीं आ रहा था । जब मेरा नम्बर आया में अंदर गया । वहाँ पर दो डॉक्टर बैठे थे । पहले मेरा height और Weight फिर से चेक किया गया । उसके बाद मुझे उनके सामने बैठने केलिए बोला गया ।जब उनके सामने बैठे कुछ प्रश्न किये तथा शरीर मे कुछ घाब के दाग था उसके बारेमें पूछने लगे । उसके बाद ऐसे कुछ प्रश्न किये जिससे में थोड़ा घबरा गया । मेरा BP चेक करने केलिए बोला गया । BP की पारा 130 छू गया । फिर बो मुझे समझाए बोले कि डरो मत !!! हम तो प्रश्न कर रहे हैं । इसमें डरने बाली बात कुछ नहीं है । फिर मुझे कहा गया देश के जवान केलिए आये हो !! डरने से आपको रिजेक्ट कर दिया जाएगा । तब में थोड़ा साधारण अबस्था में आया और मे बोला !! नहीं sir , नहीं डरूंगा । डाक्टर साहब मुझे बोले अभी आप जा सकते हो ।
समय शाम की 7 बजह हमको बोला गया कि आप सब एक जगह बैठे रहेंगे । हमारा एक अफसर आएंगे आपको कुछ बोलेंगे । आप सिलेक्शन हुए या नहीं बो बताएंगे । उसके बाद सबकी हस्ताक्षर लिया गया ।
करीब 08 बजह एक ऑफिसर आया बोले कि आप सभी लड़को को इस फोर्स में स्वागतं है । आप सब हमारे फ़ोर्स के मेंबर बन ने जा रहे हैं । अंदर इतना खुसी महसूस हो रहा था मन कर रहा था वहाँ मन भर के Dance करूँ । उसके बाद उश ऑफिसर ने क्या क्या बोल रहे थे सब सुनाई दे रहा था मगर खुसी से जैसे बहरा(Deaf) हो गए थे । ये महसूस वहां के उपस्तित सारे लड़के के मन मे हो रहा था । आखरी में एक शब्द बोला गया कि 1 लड़का है उसका 18 साल पूरा नहीं हुआ है उसका गलती से सिलेक्शन हो गया है । और उस लड़के का सिलेक्शन किया जाएगा या रिजेक्ट किया जाएगा बह हमारा बोर्ड़ तय करके 10 मिनट में फैसला सुनाया जाएगा । हम उसी जगह बैठे रहे । 10 मिनट के बाद 4 ऑफिसर आये और बोले कि बोर्ड़ ने उश लड़के केलिए एक उपाय निकाला है जिस से उस लड़के को अस्थायी रूप से सिलेक्ट किया जाएगा । परंतु जब उश लड़के को 18 साल हो जाएगा उसको पुनः एक पत्र मिलेगा उसके तहत बह यहां आ कर अपना जोइनिंग लेटर लेके ट्रेनिंग करने जाएगा । उसके बाद सबको जोइनिंग लेटर दिया गया । आदेश दिया गया की आप सबका मार्च 06 से ट्रेनिंग आरंभ होगा इशलिये कोई भी लड़का अपना हात,पेर नहीं तोड़ेगा ना ही एक्सीडेंट होंगे । अपनी शरीर को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग सेन्टर में समय पे पहुंचेंगे । साथ ही जिस लड़का का अस्थाई रूप से सेलेक्ट किया गया था , उसको भी निर्देश दिया गया अपना शरीर को चोट नहीं पहुंचना चाहिए । इतना बोलकर हमको छोड़ दिये ।
सब बहुत खुश थे एबं भूक भी लग रहा था । मेडिकल की गेट के बाहर आये तो सामने एक समोसा और कुछ फास्टफूड बेच रहा था । देखते देखते उसका सारा सामान खतम हो गया । सब लड़के कुछ खाये और जब ट्रक में बैठे। उसके बाद हर एक लड़का अपने घर में कॉल करके बात करने लगे । ऐसे की सारे लड़के एक साथ बात कर रहे थे । कोई भी लड़का खाली नहीं बैठा था । सब खुसी से अपनी घर मे कॉल करके खुसी जाहिर कर रहे थे । वो समय देखने लायक था की ऐसे लग रहा था जैसे उस बस में कोई बड़ा Conference चल रहा हो । में भी घर मे कॉल करके अपना खुसी जाहिर किया और सिलेक्शन हो गया इसके बारे में बताया । हम सबको बिसरा चोक के पास छोड़ा गया और सब अपने अपने घर या होटल में गए ।
रात को 10 बजह मेरे अंकल के घर पहुंचा तब तक सबकी रात्रि भोजन हो गया था । किंतु मेरे लिए चाची ने फिर से खाना बनाये ।
25 तारीख सुबह हम कुछ दोस्त आगे की टिकट केलिए रेलवे स्टेशन गए । मगर टिकट मिला परंतु वह waiting मिला । शाम को 4 बजह बस लेकर गांब आ गया। 26 फरबरी से लेकर 03 मार्च तक मेरा कैसे दिन निकल गया मुझे पता नहीं चला । उतना दिन में कहीं नहीं गया सिर्फ घर मे रहा और माँ की गौद में सोता था ।
अब बारी आया जाने की 03 मार्च को भुवनेस्वर से ट्रेन था Kota केलिए । क्योंकि हमारा ट्रेनिंग राजस्थान के Deoli में होने बाला था । सही समय पर हम सब दोस्त भुबनेश्वर में पहुंचे और ट्रेन लेकर कोटा केलिए निकल पड़े । waiting टिकट की बजह से हम 4 दोस्त पूरे ट्रैन सफर में कभी लैट्रिन के पास तो कभी किसीके सीट पर मात्र रात में सब लोग अपनी अपनी सीट पर सो जाने के बाद हम लैट्रिन के पास बैठके 2 दीन 2 रात निकाल दिए । कोई भी पैसेंजर लैट्रिन में आता था तो परेशानी होता था । दूसरे दिन रात को 02 बजह कोटा में उतरे । ओडिशा से जितने भी लडके आये थे सब उसी ट्रैन में थे । 2 बजह हम बाहर आ कर deoli केलिए local बस में बैठे सुबह सुबह 6 बजह हम deoli ट्रेनिंग सेन्टर में पहुंच गए थे ।
गेट पर प्रबेश के बाद हमारा नाम के साथ कॉल लेटर को चेक किया जा रहा था । गेट के दक्षिण में एक मैदान था उसमें कुछ लड़के की ट्रेनिंग चल रही थी । फ़ोर्स में कुछ गलती करोगे तो आपके साथ जितने लड़के होंगे सबको दंड मिलता था । सायद कोई लड़का गलती किया होगा इशलिये पूरे प्लाटून को दंड दिया जा रहा था । उसी समय से मन मे डर बैठ गया था कि ट्रेनिंग । परंतु जब ट्रेनिंग सुरु और कैसे खत्म हुआ पता नहीं चला । हम जितने लड़के थे सबको अपनी ऊंचाई के हिसाब से कंपनी में भेज दिया गया । सोचे थे सारे लड़के एक जगह रहेंगे परंतु वहां सबको अलग अलग कर दिया गया और कंपनी के साथ एक Chest Number दिया गया । किसी भी जगह जाओ आपकी पहचान वही Chest Number से जाना जाता था । एक हफ्ते के पश्च्यात हमारी ट्रेनिंग आरंभ हुआ हुआ और सितंबर में खत्म हो गया था ।
दोस्त यह था मेरा ट्रेनिंग तक जाने का सफर । मेरा ये स्टोरी आपको कैसा लगा कमेंट जरूर कीजिये और मेंरे ब्लॉग को Subscribe कीजिये । ट्रेनिंग की कुछ यादें है अगर आपको ट्रेनिंग की कहानी पढ़ना है तो कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यबाद

Bilupta Samayara Sampark Odia Poem (ବିଲୁପ୍ତ ସମୟର ସମ୍ପର୍କ)


#Bilupta Samayara Sampark

ଜୀବନର ସମସ୍ତ ବନ୍ଧନ
ଆପଣାର ଲାଗୁଥିଲା,
ଜନ୍ମ ଦାତ୍ରୀ ଠାରୁ……..,
ମୂର୍ତ୍ୟୁ ମନାସୁ ଥିବା
ସମ୍ପର୍କ ଯାଏଁ ……..।
ମନର ନିରବ ନୀଳୟେ
କାହାର ବିମଳ ସ୍ମୃତିତ……
ସଜୀବ ସ୍ନେହ…….;
ମନ ଭିତରେ ଲୁହର ପ୍ରଣତି କିମ୍ବା
ବିଦେହୀ ସାନିଧ୍ୟ …….।
ଅବନନୀୟ – ଅତୁଳନୀୟ
ସେହି ସମ୍ପର୍କ ସବୁ……;
କି ପରିଚୟ ଦେଇ ହେବ
ବିଲୁପ୍ତ ସମୟରେ ଲୀନ ହୋଇଥିବା….
“ଆଇ ମା ର ପଖାଳ ଭାତ,
ମା କୋଳରେ ବଶି ଖାଇବା
ଅଳି – ଅଝଟ ଆଉ ଦୁଷ୍ଟାମୀ……,
ଯେତେ ସବୁ ଅବାନ୍ତର ବାହାନା….।
ସାଙ୍ଗ ମେଳେ ଚତୁର୍ଦିଗ ଭ୍ରମଣ
ଏକାନ୍ତ ଏକାକାର ହୋଇ…..,
ଗଗନ ମାପିବାର ଯେଉଁ ଆନନ୍ଦ…..
ସ୍କୁଲରେ ପଛ ଧାଡ଼ିରେ
ଖଟି କରୁଥିବା…. କଲ୍ଲୋଳ ଆନନ୍ଦ
ଅଦ୍ୱିତୀୟ ସେହି ସମ୍ପର୍କ ସବୁ…..।
ଆତ୍ମସ୍ତ ହୋଇ ଯାଆନ୍ତି
ପ୍ରତିବିମ୍ବର ମାନସ ପଟରେ
ସନ୍ଧ୍ୟା ଆଳତି ପରେ….
ସେହି ସମ୍ପର୍କ ସବୁ……..।
ଶୁଭ ଦୀପାବଳି ର ହାର୍ଦ୍ଦିକ ଅଭିନନ୍ଦନ….

ମନୋଜ କୁମାର ବେହେରା 
      ……… ଙ୍କ କଲମରୁ

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Thanks….

Lifestyle Changing Thoughts in Hindi (Part-12)





LCT-66:
किसीको खुसी करने केलिए
कुछ कहना पड़े तो पहले करना चाहिए ।
अर्थात
अगर कोई झूठी तारीफ से बहुत खुश होता है
तो आप जरूर कीजिये क्योंकि इसमें कोई पाप नहीं है ।



LCT-67:
” मेरा मन जो कहे में बही करूँगा ”
बात तब पैदा होता है जब अहंकार को अपना लेते हैं ।
मगर सलाह देने वाला व्यक्ति आपकी भलाई केलिए बोलता हो ।
जरा सोचिए???



LCT-68:
ऐसा समय था साधारण जल
की स्नान से दिन का प्रारंभ होता था ।
परंतु
बर्तमान ठंड की मात्रा धीरे धीरे बढ़ रही है
जल की तापमान की बजह से
तबीयत खराब होने का डर है ।
सचेत  रहें ।।।


LCT-69:
कभी कभी आपके सारे मार्ग बंद हो जाते है । गलत कदम से पेहले सयंम तथा शांत मन से बह ब्यक्ति से सलाह लीजिये जिन्हें मार्ग का सरल उपाय पता हो । इस परीक्षा में खुद की काबिलियत का पता चलता है ।।




LCT-70:
भगवान का दिया हुआ आज का यह दिन को
खुसी से उपभोग कीजिये ।
क्योंकि
अस्पताल की बेड में पड़ा ब्यक्ति को एक दिन बिताना बहुत कष्टदायक है ।।
खुसी में सुख का तलाश कीजिये और यह सबको बांटने की कोशिस करें ।


Tuma Bina. (ତୁମ ବିନା)


Tuma Bina
 
 
ଚାଲୁଅଛି ଦୁନିଆଁ ମୁଁ……..
ତୁମରି ଇଛାରେ
ରକ୍ଷ ପ୍ରଭୁ……………….।
 
ଭାସୁଅଛି ମୁଁ ସଂସାର ସାଗର ରେ
ତୁମେ ହିଁ କାଯ୍ୟ, ତୁମେ କିରଣ
ତୁମେ ହିଁ ଉତ୍ଥାନ ଏବଂ ପତନ ।
 
ସମୀରଣ ସ୍ରୋତରେ ହଜିଯିବାର ଭୟ……
ଅକାଂକ୍ଷାର ସୌରଭରେ ଚତୁର୍ଦିଗରେ
ବିକଶିତର ସ୍ପୃହା ……।
 
ରକ୍ଷ ପ୍ରଭୁ………!  
ଆତ୍ମ ଜ୍ଞାନ ଦେଇ…।
ତୁମେ ଧର୍ମ, ତୁମେ କର୍ମ – ପାଳକ
ତୁମେ ହିଁ ଜିବାତ୍ମା, ତୁମେ ହିଁ ଆତ୍ମା
ତୁମ ବିନା ନିରାଶ୍ରୟ,
ଭବିଷ୍ୟତ ର ଅଜଣା ପଥରେ ।।
 
ମନୋଜ କୁମାର ବେହେରା 
……. ଙ୍କ କଲମରୁ
 
 
ଆପଣଙ୍କୁ ଦୀପାବଳି ଉତ୍ସବ ର ହାର୍ଦ୍ଦିକ ଶୁଭେଚ୍ଛା ।
ମୋତେ ଶୁଭେଚ୍ଛା ଜଣେଇବା ପାଈଁ
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ଧନ୍ୟବାଦ…
 

Pherai Deuchhi Odia Poem ( ଫେରାଇ ଦେଉଛି )


Pherai deuchhi
 
 
 
ମୁଁ ଆଜି ଫେରାଇ ଦେଉଛି..
ତୁମ ରାଗ ଅଭିମାନ….
ଓଠକୁ ଛୁଇଁ ଯାଉଥିବା ଲୁହକୁ,
ମନ ଭିତରେ ଉଙ୍କି ମାରୁଥିବା….
ଅବିଶ୍ୱାସ…. ଅବାସ୍ତବ ସବୁ….।
ମୁଁ ଆଜି ଫେରାଇ ଦେଉଛି ..
ତୁମ ହସ କୁ.. ତୁମ ଲାଜ କୁ…
ତୁମ ମନର…  ହୃଦୟର ଭାବନା ସବୁ…
ତୁମେ ଥରେ ଦେଖି ନିଅ..
ମୋ ପାଖରେ ରଖିଥିବା…
ତୁମ ସମ୍ମାନ…. ତୁମ ବାସ୍ତବତା…
ବିଶ୍ୱାସ ଆଉ ପବିତ୍ରତା…..
ତୁମ ଅଧିକାର କୁ…
ମୁଁ ଆଜି ଫେରାଇ ଦେଉଛି ……
 
 
ନୀଳମାଧଵ ଭୂୟାଁ
…..ଙ୍କ କଲମରୁ
 
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Lifestyle Changing Thoughts in Hindi (Part-11)




LCT-61:
किसीके बारे में बेकार चिंता अर्थात अपनी समय का बरबाद करना बराबर है  ।
सुप्रभात
अपने लिए और परिवार केलिए सोचना अर्थात समय का सही उपयोग माना जाता है ।।

 


LCT-62:
जहां पे प्रतिदिन बरशात होता है
वहां बारिश का हालचाल नहीं पूछा जाता।
अर्थात
कोई कार्य को किसी ब्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन किया जाता हैं तो
उशी कार्य के बारे में पूछताछ करना मुर्खता है ।।


LCT-63:
समय रहते हुए सही कार्य को चयन करना जरूरी है।
अर्थात
अगर समय को ब्यतीत कर दोगे तो आगे आपका हात खाली रहेगा । बर्तमान समय का कदर करें ।।


LCT-64:
कुछ ब्यक्ति निम्न स्थर से ऊपर जाने के बाद
अपनी परिचय को भूल जाते है।
तथा
इज़्ज़त और धन आपकी परिचय का मूल्य है,
इसके उपरांत सब शून्य है ।।


LCT-65:
दान करना महापुण्य है ।
जब दान ग्रहण कर्ता लोभमुक्त हो।।
सुप्रभात
याद रहे अपनी ऐसे द्रब्य को दान करें
जो आगे दुरुपयोग युक्त ना हो ।।


Surprise Odia Poem

Surprise
ମନ ଅସ୍ଥିର ହୋଇ ପଡ଼ିଲା ଯେବେ
ତମେ ନ ଆସିବ ବୋଲି ଜାଣିଲି…..
କହିପାରିଲିନି କି ଆସ ଥରେ ଦେଖା କରି ଯାଅ
ମନ କୁ ବହୁତ ବୁଝେଇଲି…
କିନ୍ତୁ ଅଶ୍ରୁ କୁ ରୋକିବା ମୋ ପାଇଁ କଷ୍ଟ କର ଥିଲା
ଗୋଟିଏ ମାସର ଉପରାନ୍ତ ରେ
ତୁମ କୁ ଦେଖିବାକୁ ବହୁତ ଇଛା ହେଉଥିଲା
ଦୁଃଖ ହେଲା କିନ୍ତୁ କହିଲି ନାହିଁ
ମନ ରେ ବହୁତ ବିଶ୍ୱାସ ଥିଲା କି….
ତୁମେ ଆସିବ ବୋଲି ??
କିନ୍ତୁ
ସେଦିନ ବିସ୍ମିତ ହେଲି
ତୁମକୁ ଦେଖିଲା ପରେ !!
ଖୁସିର ଲୁହ କୁ ରୋକି ପାରିଲିନି….
ଲାଗୁଥିଲା ଯେମିତି ସ୍ବପ୍ନ ରେ ଆସିଛ
ଶରୀର ସ୍ପର୍ଷ ଅନୁଭବ ରେ ଜାଣିଲି
ଯେ ତୁମେ ପ୍ରକୃତରେ ଆସିଛ ??
ମନ ରେ ଥିବା ସବୁ ଦୁଖଃ ଉଭେଇଗଲା
ଦୌଡ଼ି ଆସିଲି ତୁମ ପାଖକୁ।।
ଅଶ୍ରୁ ର ବନ୍ଧ ଭାଙ୍ଗି ଗଲା……
ଖୁସି ର ସୀମା ଟପି ଗଲା…..
ସେଦିନ ଜାଣିଲି !
ମୋ ହୃଦୟର ପ୍ରତି ଟି ଶବ୍ଦ କୁ
ତୁମେ ବୁଝି ପାରୁଛ…..
ସେଇ ବିସ୍ମୟକର ପରିସ୍ଥିତି ରେ ତୁମକୁ
ମନ ଭରି ଦେଖିଲି….
ମୋ ମନର ମଣିଷ ମୋ ସମ୍ମୁଖରେ
ଭାବନା ସତ ଥିଲା ।
ତୁମର ପ୍ରତି ଟି Surprise ମୋ ପାଈଁ
ଖୁସିର ଆଲୋକ ନେଇ ଆସିଛି
ଆଉ ସେ Surprise ମୋ ପାଇଁ
ଅଭୁଲା ସ୍ମୃତି ହୋଇ ରହିଯାଇଛି ।।
ରୁବି ନାହାକ
…….ଙ୍କ କଲମରୁ
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ବିମର୍ଷ ପୃଥିବୀ

Bimarsh prithibi
ବିମର୍ଷ ପୃଥିବୀ

ଆଜିର ଏ ଦୁନିଆକୁ ଯିଏ ଦେଖେ
କହିଥାଏ…..ଦୁନିଆରେ ସବୁ ଅଛି…….. କିଛି ନାହିଁ
କି ପ୍ରକାର ରହସ୍ୟ ଏଠି ?
ହସ ଖୁସି – ସୁଖ – ଦୁଖଃ ଆଉ ଲୁହ
ଏଠି ବାସ୍ତବତା ଅଛି, ସ୍ବପ୍ନ ମଧ୍ୟ
ସ୍ବପ୍ନ ଯେବେ ବିକଳ୍ପର ଦ୍ୱାର ଖୋଲେ
ବାସ୍ତବତା ନିର୍ଦ୍ଦୟ କଠୋର ହୋଇ
ତଳି ତଳାନ୍ତ କରିଦିଏ ।
ବସନ୍ତ ଏଠି ସ୍ବପ୍ନ ର ଅଭିପ୍ସା,
ଗ୍ରୀଷ୍ମ ତାକୁ ଦେଇଥାଏ ଉଜୁଡା ସମ୍ଭାର,
ଶ୍ରାବଣର ମାଦକତା, ଶୀତର ଚପଳତା,
ଏଠି ଅଛି ପଥରର ବିଗ୍ରହ, ପୁଣି…………
ଗଦା ଗଦା ପାହାଡ଼ ପର୍ବତ………..
ମୋହିନୀ ନିର୍ଝରିଣୀ ଅଛି ଆଉ
ପ୍ରବଳ ସ୍ରୋତସ୍ୱିନି
ଭସାଇ ନେବାକୁ ବନ୍ୟାଜଳେ……
ଅଛି ଏଠି ଜୀବନ……………..ଜୀବନ ସତ୍ତା
ସମାଜ ଅଛି ଏଠି ସଭ୍ୟତା ଏଠି
ଖାଲି କୁସଂସ୍କାର ଅନ୍ଧ ବିଶ୍ୱାସ…..
ଏହା କଣ ପୃଥିବୀ ??
ପୃଥିବୀ ର ବାସ୍ତବତା ??
ମନେ ହୁଏ ଏହି ପରା
ବିମର୍ଷ ପୃଥିବୀ ।।।
ନୀଳମାଧଵ ଭୂୟାଁ
ଙ୍କ କଲମରୁ……
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Mother Odia Poem ( ମା )



ତୁମକୁ ଭୁଲି ପାରୁନି ବୋଲି ତ..

ସାନ୍ତ୍ୱନା ଦିଏ ଦି ଧାର ଲୁହ ପ୍ରତିଦିନ….

ତୁମ ବିନା ବଞ୍ଚି ପାରୁନି ବୋଲି ତ..

କଷ୍ଟ ଦିଏ ମୋତେ ପ୍ରତି ମୁହୂର୍ତ୍ତରେ….,

ତୁମ ଭଲ ପାଇବା…. 

ତୁମ ସ୍ନେହ ବୋଳା ଆଶୀର୍ବାଦ…..

ତୁମ ବିନା ନିଶ୍ୱାସ ବି ଅବିଶ୍ୱାସ ଲାଗୁଛି

ଏତେ ବଡ଼ ପୃଥିବୀରେ……

ଏକା ଏକା ବଞ୍ଚିବାର…….

ପୀଡା ଅନୁଭବରେ ଆଖିରୁ ଅଶ୍ରୁ ବଦଳରେ

ଲହୁ ଝରିଯାଏ…

ତୁମର ସେ ଦି ଗୁଣ୍ଡା ଖାଇବା

ମୋ ପାଈଁ ସ୍ବପ୍ନ ହୋଇ ପଡିଛି…

ପ୍ରତ୍ୟେକ ସନ୍ଧ୍ୟା ରେ ତୁମେ ମୋତେ

 ଖୋଜିବାର ସ୍ମୃତି ମନେ ପଡିଲେ 

ଆଖି ରେ କେବଳ ଅଶ୍ରୁ ର ବନ୍ୟା ଦେଖାଯାଏ

ଫେରାଇ ନିଅ ମା ମୋତେ

ସେ ସମୟ କୁ 

ଯୋଉ ସମୟରେ ତୁମ କୋଳ ମୋର

ଖେଳଘର ପାଲଟି ଥିଲା

ଆଉ ତୁମ ଆଖିର ଠାର ରେ

ମୋ ଓଠରେ ଆସୁଥିବା ହସ କୁ 

ଅନୁଭବ କରିବାକୁ ଚାହେଁ “ମା…”

ପୁଣି ଥରେ କୋଳେଇ ନିଅ ମୋତେ

ତୁମ ପଣତ କାନି ଦେଇ….

ପିଆଇ ଦିଅ..

ଦୁଇ ଟୋପା ଅମୃତ……..

ଆଉ

ଶାନ୍ତି ର ନିଦ୍ରା ରେ ଶୋଇ ଯିବା ପାଇଁ ….




ମନୋଜ କୁମାର ବେହେରା
……. ଙ୍କ କଲମରୁ



Father (ବାପା)

Father

ବାପା

ଆମ ହାତଧରି ଚାଲିବା ଶିଖାଇଛ
ବଂଚିବାର ମାର୍ଗ ଦର୍ଶକ ସାଜି…
ତୁମ ଭଲପାଇବା….
ତୁମ ପ୍ରେମ…… ବିଶ୍ୱାସ…. ତୁମ ସ୍ବପ୍ନ……
ତୁମର ବଳିଷ୍ଠ ନେତୃତ୍ୱରେ
ଆମେ ଏ ଯାଏଁ ପହଞ୍ଚି ପାରିଛୁ……
ଏତେ ବଡ଼ ପୃଥିବୀରେ …….।
ତୁମ ଆଶୀର୍ବାଦ….
ଆମ ଉଜ୍ଜ୍ବଳ ଭବିଷ୍ୟତକୁ……
ସୁପୁଷ୍ପିତ କରି ଦେଇଛି……
ତୁମର ତ୍ୟାଗ…… ତୁମର ଅକ୍ଲାନ୍ତ ପରିଶ୍ରମ……।
ଆମ ଆଶାର ଆକାଶ ଠାରୁ ବି…
ତୁମ ଭଲପାଇବା……
ତୁମର ସ୍ନେହ …..ପ୍ରେମ……ଆଶୀର୍ବାଦ…..
ବିଛାଇ ଦେଇଛ ବର୍ଷ ବର୍ଷ ଧରି
ଆମ ଓଠରେ ହସ ଟିକେ
ଦେଖିବା ପାଇଁ………।
ବାପା ତୁମକୁ ମୋର
ଶତ ପ୍ରଣାମ…..।।
ମନୋଜ କୁମାର ବେହେରା
ଙ୍କ କଲମରୁ……

Apahanch Eelaka Odia Poem (ଅପହଞ୍ଚ ଇଲାକା)




ଅପହଞ୍ଚ ଇଲାକା


ମନ ହଜିଯାଏ……
ବର୍ଷାର ପ୍ରତ୍ୟେକ ବିନ୍ଦୁରେ,
ଆଖି କୋଣରୁ ବାହାରୁଥିବା
ଲୁହ ବଦଳରେ….. ଛଳନାରେ,
ଅଟ୍ଟହାସ୍ୟରେ………!
ଅଭିଳାଷର ଉଚ୍ଚ ସୋପାନରୁ
ନିର୍ଦ୍ଦୟ ହୋଇ ଟାଣିନିଏ……
କେଉଁ ଏକ ନିଭୃତ-ନିଘଞ୍ଚ
ବେଦନାସିକ୍ତ ଅପହଞ୍ଚ ଇଲାକାକୁ
ଯେଉଁଠି ଥାଏ ଖାଲି 
ମିଥ୍ୟା ଅଭିମାନ,
ଦେଖାଇ ହେବା ଆଉ
ଅଭିନୟ କରିବା ।

ମନୋଜ କୁମାର ବେହରା
ଙ୍କ କଲମରୁ………       

Lifestyle Changing Thoughts in hindi (Part-10)




LCT-56:
कुछ लोग अपना अपना कहकर
सब कुछ हासिल करना चाहते हैं।
मगर हासिल करते करते उम्र निकल जाता है
जो कुछ हासिल किए थे
दूसरे के नाम पे छोड़ना पड़ता है ।।



LCT-57:
आपकी काबिलियत को दूसरे द्वारा तारीफ
मिलना मतलब  उसी कार्य मे आप सफल हुए हो।
और
अपनी काबिलयत को दिखाबा करना मूर्खता केहलाता है ।



LCT-58:
गलती होने के पश्चात
प्रथम कर्तब्य यह है कि गलती को कैसे सुधारा जाए, ना कि गलती करने वाले को दंड दीया जाय ।



LCT-59:
अपनों से दूरी बनाने की कोशिश में हार जाओगे ।
जब बो  दुनिया छोड़ जाएगा उसकी हार महसूस करोगे।।



LCT-60:
गम को कुछ समय केलिए भुला देता है।
मन हल्का तथा शरीर को पीड़ा मुक्त करता है ।।
अर्थात
यह महसूस कुछ समय केलिए है।
उसके पश्च्यात आपको गलत एहसास होता है । इसीलिए मदिरा पान का त्याग खुसी का उचित मार्ग है ।।




Clear the unused space and data from any WhatsApp number and groups.


Hi friends

This information help us clear your unused space and storage of Whatsapp group and number
So lets start step by step
1. Open the WhatsApp and click the 03 dots 



2. Open the settings menu



3. Click the data and storage usage


4. Click the storage usage


5. You see the large amount of MB/GB storage occupied your number or Groups. The heavy storage occupied seen on top.


6. After opened the option you see the how many conversations text messages contacts, photos etc.. with how many space occupied will shown on the right. If you wish to clear the so Click the Free up space.


7. You choose and tick the option what you did not want and clear the space for free your ROM. Click the delete items(000MB/GB) etc.

After click the option a few seconds taken and free up your space.

So please the review in comment box 

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How to set a fingerprint lock to your WhatsApp


Hi friends this information helps you for lock and unlock through fingerprint on your WhatsApp application. So lets start step by step.

1. Open application on the above right corner click 03 dots for proceed for settings menu.




2.open Settings


3. Click Account settings


4. Click privacy settings


5. Go to last option Fingerprint lock





9.Then the option show enabled immediately



10.when u again start the WhatsApp ask for fingerprint
11. When you promt the fingerprint the application opened.
 



The above information are helpful so comments me.

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Bless (आशीर्वाद)

A Blessed From Poor Person
Blessed From Poor Person

एक ब्यक्ति भारी सामान के साथ एक रिक्शा बाले के पास जाता है । रिक्शा बाले की उम्र करीब 50 के होंगे । बह ब्यक्ति उसको पूछता है कि कितना रुपये लोगे मेट्रो जाने केलिए । रिक्शा बाला बोलता है 20 रुपए । परंतु वहां से बैटरी रिक्शा में 10 रुपये लगता है । बह ब्यक्ति उस रिक्शा बाले से बोला कि “ताऊ जी 10 रुपये लोगे तो में बैठूंगा” अगर चाहता बह ब्यक्ति मेट्रो तक पैदल आराम से पहुंच सकता था उसके पास बहुत समय था । वहां पे कोई बैटरी वाला नहीं था । सामान को देखकर बह ब्यक्ति थोड़ा आलसी हो गया । ब्यक्ति ने आगे की और निकलते समय पीछे से रिक्सा बाले की पुनः आवाज़ आया । भाई साहब कितना दोगे बैठो । उस ब्यक्ति ने बोला कि 10 रुपये दूंगा ,रिक्सा बाले बोला 15 रुपये देदो साहब बहुत देर से खड़ा हूँ कोई सबारी नहीं मिला। आप चलोगे तो 10-20 रुपये मिल जाएगा । उस ब्यक्ति रिक्सा बाले की चेहरा को देखकर बोला ताऊ जी 10 रुपये दोगे तो चलो नहीं तो बैटरी रिक्सा से चले जाऊंगा । भारी सामान को देखकर रिक्सा बाले ने हाँ बोलते हुए कहा चलो साहब 10 रुपये दे देना। ब्यक्ति ने रिक्सा में बैठ गया तथा कुछ रास्ता चलने के पश्च्यात एक बूढ़ी औरत पैदल जा रही थी । रिक्सा बाले ने उनको बोला बैठ जाओ मां जी । वो बूढ़ी औरत को बिठाने केलिए रिक्सा बाले ने उस ब्यक्ति से अनुमति मांगी । ब्यक्ति के अनुमति मिलने पर बूढ़ी औरत को बिठाया । रास्ते में बहुत भीड़ था । बहां से मेट्रो स्टेशन की दूरी 1 km के आसपास होगा । रिक्सा बाले ने भीड़ को आवाज़ दे कर अपना रिक्सा आगे लेके जा रहा था । कभी रिक्सा से उतरता था तो कभी रास्ता साफ मिलने पर वह फिर से रिक्सा में पेडल देकर आगे ले जाता था । शाम को 6 बजने बाला था । मौसम साधारण था मगर गर्मी नहीं था । उस ब्यक्ति ने गौर किया कि रिक्सा बाले की बहुत फसीना आ रहा है । असल में वह फसीना मेहनत की थी ।

मेट्रो स्टेशन में पहुंचने बाला था । ब्यक्ति ने रिक्सा बाले से पूछा ताऊ जी आप दिन में कितना कमा लेते हो। तो रिक्सा बाले ने बोला “क्या बताऊँ साहब हमारी धंदा में ये बैटरी बालो ने ठप करके रखे हैं । कभी 1000 होता है तो कभी 500 और कभी कभी 100 भी बड़ी मुश्किल से होता है ” । तो ब्यक्ति पुनः सवाल किया आपके घर मे कौन कौन रहता है ? तो रिक्सा बाले थोड़ा दुःखी होकर जबाब दिया ।” में और मेरी पत्नी” । ब्यक्ति ने पूछा बेटा या बेटी नहीं है क्या ? रिक्सा बाले ने जबाब दिया ” क्या बताऊँ साहब सब स्वार्थि हो गये हैं । बेटा बहु को लेकर बाहर रहता है और बेटी तो कभी कभी आती थी आजकल बो भी नहीं आती है “। बेटा क्या करता है पुनः ब्यक्ति ने पूछा ? जबाब में रिक्सा बाले ने वोला बह मजदूरी करता है और मेरे घर से एक किलोमीटर की दूरी में रहता है । पुनः ब्यक्ति का सबाल था कि आपके साथ रह सकते थे बो बाहर क्यों रहते हैं । रिक्सा बाले के आँखों से आंशु आ गया और जबाब दिया कि ” बहु को पसंद नहीं है में रिक्सा चलाऊं और उसको हमारी रहन सहन अच्छा नहीं लगता है । इसलिए वह बाहर रहते है”। मेरा तो मजबूरी है , आज से 20 साल होने जा रहा है रिक्सा चलाते चलाते। इस धंदा को कैसे छोड़ दूं ।
तबतक मेट्रो स्टेशन पहुंच गया था । ब्यक्ति ने रिक्सा बाले से पूछा कितना हुआ ? रिक्सा बाले ने बोला “दे दो साहब जो देना है ” ब्यक्ति ने बोला 10 रुपये ना? तो रिक्सा बाले ने बोला ठीक है बाबूजी दे दो” । ब्यक्ति फिर से पूछा कितना बताओ ? रिक्सा बालो ने बोला 15 दोगे तो अच्छा रहेगा। ब्यक्ति ने बोला हमारी बात हुई थी 10 कि आप फिर से 15 बोल रहे हो । इतना बोलकर ब्यक्ति ने 100 रुपये निकाल कर रिक्सा बालो को दिया । रिक्सा बाले ने अपने पॉकेट से कुछ सिक्के और नोट्स निकाले । ब्यक्ति ने पूछा आज कितना कमाई हुआ है ? रिक्सा बाले ने जबाब दिया मेरे हात में जितना रुपये है ! इतना ही कमाई हुआ है । ब्यक्ति ने पूछा कितना है ये , रिक्सा बाले ने गिनकर बताया 335/- रुपये हुआ है सुबह से अभी तक की कमाई । ब्यक्ति ने पूछा छुट्टा है क्या आपके पास? रिक्सा बाले ने बोला कि हो जाएगा साहब । ब्यक्ति थोड़ा मुस्कुराते बोला ये 100/- रुपये आप रख लो । आप जितना मेहनत करते हो उसके बदले ये 100 रुपये कम है । इतना सुन ने के बाद रिक्सा बाले चकित हो कर ब्यक्ति की और देखता रहा गया ।अगले पल ही रिक्सा बाले की चेहरे पर मुस्कान आ गया । सायद बह ब्यक्ति रिक्सा बाले की मुस्कान देखना चाहता था । रिक्सा बाले ने ब्यक्ति को हाथ जोड़कर प्रणाम किया बोला धन्यबाद साहब । आपकी हर मनोकामना पूरी हो और आप जहां भी रहो भगवान आपको अच्छे से रखे । ब्यक्ति भी उसको धन्यवाद देकर आगे बढ़ने लगा ।
ब्यक्ति ने थोड़ा आगे जाकर देखा बह रिक्सा बालो ने दूसरे रिक्सा बालों को उस ब्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए कुछ बोल रहा था और 100 रुपये को बार बार देख रहा था । जैसे उसकी खुसी दुगुनी हो गया है । ब्यक्ति को रिक्सा बाले ने दूर से प्रणाम किया । ब्यक्ति मेट्रो स्टेशन की और चला गया ।
दोस्तों आज भी दुनिया में कुछ लोग रहते है जहां गरीब की एक मुस्कान केलिए खुसी से दान करना पसंद करते हैं। बह ब्यक्ति उस रिक्सा बाले से 10 या 15 रुपये देकर आ सकता था । पता नहीं उस ब्यक्ति के मन मे ऐसा दया क्यों आया?
दुनिया में बहुत कुछ कर लो मगर किसी गरीब आदमी की आशिर्बाद आपको मिलता है ना? तो आप सौभाग्यशाली मनुष्य हो। यह आशिर्बाद के आगे बड़े से बड़े कीमती सामान कम पड़ जायेगा । कितना भी पैसा खर्चा करलो मगर गरीब की दया और आशिर्बाद को आप नहीं खरीद सकते । आपकी इच्छा से दान करना भी एक पुण्य है । दान करने के उपरांत आपको पक्का खुसी मिलेगी ये मेरी अनुभूति है ।
यह पोस्ट अच्छा लगे तो सबको शेयर करिए ।
धन्यवाद
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Lifestyle changing thoughts in hindi (Part-9)


LCT-51:

अपनापन दिखाना काफी नहीं है ।
उसको बनाये रखना पड़ता है ।
अर्थात
जो ब्यक्ति आपके जरूरत के समय साथ दिया
उसको आप अपनापन का दर्जा दे सकते हो ।।


LCT-52:
माता जी की प्रसाद मिलना अर्थात
आपको उनकी आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।
और
माता जी की दर्शन मिलने से
मन मे शांति तथा शरीर में शक्ति जाग उठता है ।
जय माता दी।।।


LCT-53:
जीबन में संघर्ष
आपको सफल दे सकता है ।
परंतु
सफल होने के पश्चात अहंकार को अपना 
लिया तो सफलता का कोई फायदा नहीं ।।


LCT-54:
अहंकार का त्याग अथार्त सूखी जीबन का असली मार्ग है।


LCT-55:
आपकी सरीर में जिश जगह आघात लगा होगा
उशी जगह आपको बार बार चोट लगेगा ।
ध्यान रहे
किश कार्य से आपको हानि पहुंचेगा
दुशमन सदा उशी कार्य कर सकता है,
सतर्क हो कर यात्रा करना आपकी जिम्मेदारी है ।।

lifestyle changing thoughts Part-2



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Success Story ( Part-1 )

Success Story ( Part-1 )
Success Story ( Part-1 )

16 फरबरी 2010 को शाम को में गाय केलिए खर लेकर आ रहा था । मेरे गांव को प्रबेश से पहले एक चौकी पड़ता है । उश जगह मेरे भाग्य खोलने बाला ब्यक्ति मेरा इंतजार कर रहे थे । पीछे से आवाज़ आया कोई पत्र(Letter) आया है तुम्हारे नाम पर । मेंने पूछा कहाँ से आया है । तो वो बोले कि “तू फ्रेश होकर घर के सामने आ जा” में इंतजार कर रहा हूँ आने के बाद खुद देख लेना । में हां बोलते हुए गाय को खर देकर जल्दी जल्दी फ्रेश हो कर घर के सामने आया । बह ब्यक्ति के चेहरे पर थोड़ा मुस्कान था । बह मुस्कान देख कर मेरे चेहरे पर भी थोड़ा मुस्कान आया । में पूछा बताओ तो क्या है पत्र ? बो पत्र को मेरे हाथ मे थमाते हुए बोले की यह तीसरा पत्र है । में क्या बोलूं तू ही खोल और बता क्या है ये ? इस से पहले भी 02 लेटर समान पते से मुझे प्राप्त हुआ था । पत्र को खोला और कुछ शब्द को पढ़कर इतना खुस हुआ जैसे कि मेरे चेहरे में रौनक आ गया । बह था मेरा Medical Examination की आमंत्रण पत्र । में इतना जानता था कि में मेडिकल परीक्षा में विफल नहीं हो सकता । इसलिए मेरे अपने ऊपर भरोसा था ओर खुसी के मारे नाचने को मन किया था । सामने बैठा ब्यक्ति हमारे गांब के पोस्ट मास्टर थे । उनको बहुत धन्यवाद दिया । क्योंकि उश समय मेरे भाग्य लेकर आने बाला ब्यक्ति वही थे । बो भी बहुत खुस हुए । बह एक शब्द बोले कि मुझे लगा कि कोई अति महत्वपूर्ण पत्र होगा इशलिये बह उसको आज ही लेकर आये। इतना बोलकर पोस्ट मास्टर जी अपने गांब की और प्रस्थान किये ।

अगले दिन 17 तारीख मेरा BA Last Year की आखरी Paper था । परंतु मेरा मन तो आमंत्रित पत्र पर था । परीक्षा कैसे गया और क्या लिखा मुझे ठीक से याद नहीं फिर भी परिक्षा मेरा अच्छा हुआ था । मेरे पास सिर्फ 05 दिन था और उसी 05 दिन के अंदर एक दिन इतवार भी था बचा 04 दिन में कुछ कागजात इकठ्ठा करना था । जो तहसीलदार और पुलिस स्टेशन तथा जिलापाल कार्यालयों से इकठ्ठा करना था । आप जानते होंगे इस कार्यलयों में काम जल्दी होता नहीं है फिर भी मेरा भाग्य मेरा साथ दिया था ।
18 तारीख को में पुलिस स्टेशन पर गया जो कि मुझे अपनी Personal Verification करना था । Verification यह कि मेरे ऊपर कोई गैर कानूनी मुकदमा तो नहीं चल रहा है या पहले हुआ है । किसी भी सरकारी नौकरी होने से पूर्ब यह कागजात आपको इकठ्ठा करना पड़ता है तो उस दिन सुबह 10 बजह पुलिस स्टेशन पहुंच गया । मेरे हाथ में अपना आमंत्रित पत्र तथा Blank Police Verification Letter को लेकर पुलिस स्टेशन के अन्दर प्रबेश किया । मन मे डर रहते हुए जीबन काल मे पहली बार पुलिस स्टेशन में प्रबेश कर रहा था । अंदर दो पुलिस के जवान कुछ लिख रहे थे । मुझे पूछे क्या हुआ भाई मेने दोनों पत्र उनको दिखाते हुए कहा कि श्रीमान मुझे अपनी पुलिस Verification करना है । दोनों जवान मेरे चेहरे को बार बार देखें और बोले कि जाओ बाहर जो बेंच है उसमें बैठो हम जब बुलाएंगे तब आप आओगे । उनकी जबाब के बाद में बाहर बेंच में आकर बैठ गया । सुबह 10.00 बजह से लेकर दोपहर 4.00 बजह तक कई बार उनके पास गया । मुझे बही उत्तर मिलता था जाओ बाहर बैठो आपको हम बुलायेंगे । मन तो कर रहा था चला जाऊं अपनी गांब ! सरकारी नौकरी केलिए इतना तंग होना पड़ता है !!! फिर मन को शांत करके बोलता था थोड़ा संयम रख इतना मेहनत के बाद ये मिला है उसको ऐसे जाने देगा क्या?? ठीक है कब तक बिठाएंगे रात भी हो जाये आज Sign करके ही जाऊंगा । 4.05 में एक हाबिलदार मेजर स्टेशन में प्रबेश करने से पहले उनकी नज़र मेरे ऊपर पड़ा । मुझे इसारे से पूछे कहाँ और यहां क्यों बैठे हो ?? उनकी इसारा का जबाब देते हुए अपना आमंत्रित पत्र तथा Verification पत्र दिखाया । तो बह बोले यहां क्यों बैठे हो ?? अंदर आकर Sign करके जाओ अपने गांब । उनकी ये बात सुनकर मेरे दिल मे कुछ समय केलिए खुसी महसुस हुआ । हाबिलदार मेजर को बोला की में कई बार अंदर Sign करने केलिए आया हूँ परंतु बो दोनों Sir मुझे यह बोलते हैं कि आपको हम बुलाएंगे आप बाहर बैठो । फिर हाबिलदार मेजर ने मुझे पूछे की आप कब आये ? मेने कहा श्रीमान में सुबह 10 बजह से यहाँ बैठा हूँ । इतना सुनकर बह थोड़ा गुस्से में उन जवान को बोले “क्यों भी इनका काम क्यों नहीं कर रहे हो” । बाद में मुझे अंदर बुलाया गया और मेरा नाम तथा मेरे बारें मे जानकारी लिया गया और पूछा गया कि कोई गैर कानूनी काम किये हो क्या या कोई राजनीति पार्टी के साथ घूमते हो क्या ?? तथा बहुत सारे प्रश्न पूछे । उन्होंने मेरा नाम उनकी रेजिस्टर में दर्ज किये तथा SHO Sir के चैम्बर में जाने केलिए बोले और आदेश दिया कि जो जो सबाल हम आपको किये बही सबाल SHO Sir पूछ सकते हैं तो सही सही जबाब देना नहीं तो कोई Sign नहीं कराएंगे । उनकी आदेश का पालन करते हुए चैम्बर के अंदर गया । बहां SHO Sir के साथ और एक आदमी बैठे थे । मे उनको सम्मान देते हुए अंदर प्रबेश किया । SHO Sir ने मुझे प्रथम प्रश्न पूछे कि “आप आखरी बार police स्टेशन कब आये थे” तो मैने जबाब दीया Sir में आज पहली बार आया हूँ । दूसरा प्रश्न नहीं था एक सलाह था “आप एक देश के जवान बन ने जा रहे हो ” देश का नाम ऊंचा रखना । इतना सुन कर में बहुत खुश हुआ । Sir मुझे Pen मांगे और मेरे Pen से Verification पत्र पर Sign किये । दिन भर भूका था जब आखरी में SHO Sir की सलाह सुनकर दिल को थोड़ा सुकून मिला और मन मे एक अलग सी आशा जागने लगा था ।
तीसरा दिन मेरा तहसीलदार कार्यालय में Central OBC Certificate में Sign की जरूरत था । बह कार्य भी हुआ परंतु दोपहर के बाद हुआ क्योंकि तहसीलदार साहब कार्यालय से बाहर थे । आखरी में जिल्लापाल कार्यालय में कागजात बाकी रह गया । परंतु शनिबार होने हेतु काम होगा या नहीं होगा मन में डर बिठाकर जिल्लापाल कार्यालय में गया मगर बहां भी बहुत आदमी कतार में खड़े थे । परंतु उश जगह भी सही बक्त पर कागजात पर Sign हो गया ।
22 तारीख को शाम को बस से Rourkela की और निकल पड़ा और दूसरे दिन सुबह पहुंचा । अगले दिन सुबह यानी कि 24 feb को मेरा medical Examination था और सुबह Recruitment की गेट पर सही समय पर पहुंच गया था।
बाकी की कहानी में अगले Blog में लेकर आऊंगा । वह भी बहुत मजेदार कहानी है । मुझे पता है आप जरूर पढ़ेंगे परंतु इस से पूर्ब मेरा Blog को आप follow करना पड़ेगा तब आपको Email में Notification आएगा और बाकी की कहानी को आप आसानी से पढ़ पाएंगे ।
दोस्तो एक सबाल था आपसे की असल मे उश दिन भर मुझे पुलिस स्टेशन पर क्यों बैठना पड़ा । वह दोनों जवान मेरे साथ ऐसा ब्यबहार क्यों किये ??? अगर वह चाहते तो मेरा काम 10 मिनट में कर सकते परंतु सुबह 10.00 बजह से दोपहर 04.00 बजह तक बिठाके रखने का क्या तात्पर्य था ???
आपके पास इसका जबाब है तो Comment Box में जरूर बताएं !!
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Lifestyle changing thoughts in hindi (Part-8)


LCT-46:

आप क्या सुनकर खुस होते हैं ।
बह आपके ऊपर निर्भर करता है ।
अर्थात
जब आपको कोई सम्मान देता है ।
बह है असली खुसी ।।
यह तब सफल है जब आप किसीको 
दिल से सम्मान दिए होंगे ।







LCT-47:
यह सत्य को आप बदल नहीं सकते
और जानकार भी आप हैरान होंगे।।
बह है
जब शरीर मिट्टी का रूप लेगा तब 
बह मिट्टी को गंद होना पडेगा।
कब तक गंद की बजह से मुहं टेड़ा करते रहोगे
स्वच्छ रहने और रखने की प्रयास जारी रखो।।




LCT-48:
कुछ ब्यक्ति की आदत है की
समय से पहले निकलेंगे नहीं 
और समय पर पहुंचेंगे नहीं ।
असल में
वह ब्यक्ति अपने आप को धोखा दे रहा है। 
खुद की सोच से बह चालाक है 
परंतु सबसे ज्यादा गाली बही खाता है ।
आपके आसपास भी कुछ लोग जरूर होंगे ।




LCT-49:
कुछ ब्यक्ति की आदत है दूसरे का कार्य हो या
ना हो परंतु मेरा कार्य पहले होना चाहिए ।।
हाँ
याद रहे खुद का मूल्यबान समय को मत गबाइये
क्या पता बाद में पश्चात्ताप करने पड़े ।
दूर रहे ऐसे ब्यक्ति से ।।




LCT-50:
मेरी इच्छा के मुताबिक अगर सारे कार्य हो जाते 
तो में समय को नहीं देखता ।।
अर्थात
अपनी इच्छा को पूरी करने केलिए समय को 
देखकर कार्य करना अनिवार्य है ।
आपकी अगली इच्छा क्या है ??? 




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Meri Matrubhumi Eassay (Topic in hindi for kids)

   Style-1(Long Topic)
भारत मेरी मातृभूमि है यहां के अधिकांश लोग गांवों में रहते हैं। यहां कई बड़े शहर भी हैं| मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई इनमें से कुछ हैं| भारत संतों का देश है| यह कालीदास, कबीर और गुरु नानक की भूमि है। भारत एक बहुत बड़ा देश है। इसके उत्तर में, हिमालय हैं वे दुनिया के सर्वोच्च पर्वत हैं। हिंद महासागर अपने दक्षिण में है भारत बड़े वन, झीलों, घाटियों और नदियों की भूमि है। वे अपनी सुंदरता को जोड़ते हैं भारत की मिट्टी बहुत उपजाऊ है यह हमें कई प्रकार की फसलों देता है भारत शेरों, बाघों और हाथियों की भूमि है और भारतीय बहादुर और बुद्धिमान लोग हैं वे शांतिप्रिय लोग हैं मुझे अपने देश और उसके लोगों पर गर्व है।

मैं भारत को प्यार करता हूं| भारत, सबसे बड़ा लोकतंत्र है और विश्व के सबसे पुराने नागरिकों में से एक है, चेन के बाद दुनिया में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारतीय सभ्य लोग हैं मेरे देश ने पुरु, रण प्रताप और शिवाजी और जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे नेता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बगट सिंह और लाला लाजपेट रे जैसे स्वतंत्रता सेनानियों जैसे योद्धाओं का निर्माण किया है।

साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में मेरे देश ने रबींद्रनाथ टैगोर, प्रेमचंद, सारा चंद्रा, सी.वी. रमन, जगदीश चंद्र बोस और डॉ अब्दुल कलामा ऐसे महान नाम मुझे अपने देश पर गर्व करते हैं। मेरा देश गांवों और खेतों से भरा इलाका है। मुझे उनके गाँव पर गर्व है जहां से भारतीय सभ्यता आगे बढ़ रही है। हमारे देश के महान नेताओं गांवों से आए थे। हमारे खेतों को गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा और कावेरी जैसे नदियों से पानी मिलता है। गंगा वैली हमारे देश के सबसे उपजाऊ क्षेत्र हैं।

महासागर जो तीन तरफ उसके तटों को धोते हैं और उत्तर में खड़े शक्तिशाली हिमालय ने मेरे देश को प्राकृतिक सीमाएं पक्षों से दी हैं। फिर, पहाड़ों की लालच ने समृद्ध संस्कृति के इस देश में कई कारनामों को आकर्षित किया है।


Style-2( Short Topic)

 जिस व्यक्ति का जन्म जहाँ पर होता है उसे वह भूमि बहुत प्यारी होती है। वह उस भूमि की गोद में ही बढ़ा होता है और वह उसकी माँ के समान होती है और उसे उसकी मातृभूमि कहा जाता हैं। मेरी मातृभूमि भारत है और मुझे इससे बहुत ही ज्यादा प्यार है। यह कला संस्कृति और साहित्य से भरपूर है। इसे रिशि मुनियों की भूमि भी कहा जाता है और यहाँ पर बहुत से महापुरूषों का भी जन्म हुआ है। मेरी मातृभूमि चारों तरफ से प्रकृति से घिरी हुई हैं। इसमें कहीं पर घने जंगल है तो कहीं पर पहाड़ और कहीं पर नदियाँ हैं।

इसमें बहुत से मंदिर और आश्रम बने हुए हैं। इसकी मातृभाषा हिंदी है। इसमें पर्यटन के बहुत सारे स्थल हैं। यहाँ पर सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। मेरी मातृभूमि विभिन्नता में एकता की प्रतीक है। यहाँ पर सभी धर्मों के लोग रहते हैं और प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषता है। इसके कण कण में माँ की ममता छिपी है और कृषि प्रधान देश होने के कारण यहाँ पर हर समय खेतों में फसलें लहलहाती नजर आती है। मेरी मातृभूमि बहुत ही सुंदर है और इसकी सुंदरता को देखने हर साल बहुत से पर्यटक विदेशों से भी आते हैं।

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Lifestyle Changing Thoughts in hindi (Part-7)



LCT-41:
कौन क्या सोचता है उसका परबाह मत करो और करो ही मत !!
क्योंकि
आप जो करते हो सही तरीके से करते हो क्योंकि आप अपनी दिल की सुनते हो। 
यही आपकी अच्छा स्वभाब है ।।

LCT-42:
आपके आस पास के लोग अच्छे हैं या नहीं।
तब आप सुनिश्चित कर सकते हो 
जब आप किसी समस्या में होंगे ।
अर्थात
आपकी सतर्क रहना !! आने बाले 
समस्या झेलने की शक्ति है ।
आशा है उश शक्ति का सही उपयोग करते होंगे ।

LCT-43:
कौन कहता है लोग दुःख भूल जाते है ,
अपनो के साथ रहने के बाद । गलत सुने हैं आप!!  
कहने के मतलब
जब अपने लोग ही दूर में रहना चाहते हैं तो सुख क्या ??
दूरी को नज़दीकी बनाओ यारोँ ।


LCT-44:
कील को शक्त प्रहार देने से पूर्ब अपने
हात को सही तरीके से पकड़ना आपके जिम्मेदारी है।
क्योंकि
कोई भी जोखिम कार्य से पूर्ब 
खुद को सही तरीके से स्थापित करना आपकी जिम्मेदारी है । नहीं तो कष्ठ और बिपत्ति कभी भी जन्म ले सकता है ।


LCT-45:
धान की नसीब में लिखा रहता है कि
बह फिर से पौधा बनेगा या खाने का चावल !!
अर्थात
उसी तरह ब्यक्ति का कार्य कहता है 
बह अछि रास्ते को चुनेगा या बुराई को !!
चयन आपका है !!!




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