20-30 साल पहले तब यह पृथ्वी हरा भरा हुआ करता था । कारण यह है की उस समय पेड़ पौधे तथा बाताबरण शुद्ध हुआ करता था ।
क्यों था यह सब?? हम कभी अपने आपको पूछने की कोशिश कियें है । यह सवाल का जवाब किसी के पास हां हो तो किसके पास ना होगा । क्यों की आज की दैनिक जीवन में बहुत बदलाब आया है । हम सब कंप्यूटर युग में आ गए है । सब कुछ यंत्र के ऊपर निर्भर शील है और आगे भी यह शील शिला बढ़ता रहेगा ।
क्यों हम दैनिक जीवन को इतना बदलाब कर दिए और कर रहें हैं ?? कभी इसके बारे में चर्चा किए हैं ?? इसका जवाब भी अलग अलग आयेगा ।
तो कहना का मतलब यह है की, यह सवाल अपने आपको कीजिए और जवाब पाने केलिए कुछ कीजिए जैसे की ।
आज की जेनरेशन में जो बदलाब हो रहा है यह आगे हमारे मुशीबत की क्षण बन सकता है । मसीन, कंप्यूटर और मोबाइल हमारे इतने करीब हो गए हैं की अपने आस पास बाताबरण के बारें में हम सोचना भूल गए हैं । आपको याद भी होगा 20-30 साल पहले हर जगह हरा भरा इसलिए था क्यों की प्रकृति की वरदान भरपूर था मगर आज बह सब लुप्त होने की कगार में है । इसका दोष सीधे हमारे ऊपर आता है ।
यह सवाल आपके मन में जरुर आया होगा । जवाब यह है की ?? आप जो भी कर रहे हो या करने वाले हो अपनी स्वार्थ केलिए कर रहे हो , मेरा मतलब यह है की अपनी बुढ़ापे तथा अपनी बाल बच्चे की भविष्य केलिए कर रहे हो । पैसा,गाड़ी और घर तो बना दोगे मगर भाविष्य केलिए बाताबरण को गबा बैठोगे । सायद मेरे इश बात से आप सहमत होंगे ।
यह बात सच है की हमारे भविष्य अंधकार ना हो यह सब प्रयास में हम लगे हुए हैं ।
तो मेरी बात आपको कड़बी लगे तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है क्यों की यह हम सबका प्राथमिकता है की अपने वातावरण को बचाएं और उसके लिए पेड़ काट कर घर या मशीनरी बनाने से अच्छा पेड़ को बचाओ और नए पेड़ की रोपण करो। भले ही भविष्य केलिए पैसे कम संचय हो मगर अपने आस पास पेड़ बहुत सारा लगाने की कोसिस करो । यह पेड़ आपके भविष्य में शुद्ध वातावरण कायम रखने में मदद करेगा तथा आपको स्वस्थ भी रखेगा।
यह मेसेज आपको अच्छा लगा हो तो आगे भेजने की कंजूसी मत करोगे । क्यों की इश मेसेज में सबकी भविष्य जुड़ी हुई है ।
धन्यवाद….
By. Bhuyansblog
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इच्छा एक ऐसा स्वाभाविक क्रिया है जिसमे हर मनुष्य इसके द्वारा प्रभावी बन जाता है ।
कभी कभी हम इतनी इच्छा रख लेते हैं की, बह साकार होना मुश्किल हो जाता है । और उसका परिणाम हम उस चीज़ को लेकर दुखी हो जाते हैं ।
इच्छा एक ऐसा मनो वैज्ञानिक क्रिया है जो हरवक्त मन में नया पौधा बन कर उभर आता है । जिसको केबल पानी की नही उसके बढ़ने केलिए खनिज पदार्थ की भारी मात्रा में जरूरत पड़ जाता है ।
दुनिया की हर प्राणी इस क्रिया से पीड़ित है । हर पल यह जिज्ञासा देता रहता है की यह मुझे प्राप्त नहीं हुआ ।
यह क्रिया से लोग पीड़ित होकर अपनी जान हारने की बात भी कर लेते है मगर परिणाम कुछ नहीं आखरी में बह इच्छाएं पूरी नहीं हो पाती है । अच्छा यह होगा कि पाने की कोशिश करते रहो काश देर सही बह आपके नसीब में हो !!!
हां यह कभी कभी हो जाता है । हम इच्छा को एक रोग बना लेते है जिसका अंजाम तनाब का जन्म लेकर सारे काम को बिगाड़ने में सहायता करता रहता है ।
इच्छा को सीमित रख कर देखिए , हर इच्छा आपकी पूरा ना होगा मगर कुछ इच्छाएं तो पूरा हो सकता है ।
इच्छा एक मकड़ी की जाल की तरह है जिसमे हम एक बार फस जाते हैं तो हम बाहर नहीं निकल पाते है ।
जब मनुष्य इच्छा को जीवन का मूलमंत्र बना लेता है और मन में बिस्वास रख कर आगे बढ़ता रहता है तो कुछ राह पर उसको बह मिलने लगता है ।
इच्छा पूरा ना होने पर खुद को खोने की कभी प्रयास ना करें ।
जितना हो सके इच्छा को सीमित रखे और खुस रहें ।
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कुछ जरूर बाते जो दैनिक जीवन में आपके बहुत काम आने बाला है।
मनुष्य सर्वदा जरूरत के समय जांच किए बिना कुछ ऐसा कार्य कर लेता है जिसकी वजह से कई दुविधा और समस्या से उसको गुजरना पड़ता है । मनुष्य की सोच ऐसा है की मेरे साथ जो हो रहा है सब अच्छा हो रहा है मगर बह सोचता नहीं की क्या यह कार्य करने से पहले मुझे कुछ जांच पड़ताल करना जरूरी है उस कार्य की?
कुछ सतर्क बातें जो सर्वदा आपके काम में आयेगा और आता रहेगा ।
1. अगर कहीं अनजान जगह पर आपको बैठने हेतु स्थान प्रदान किया जाता है तो पहले उस स्थान को जांच करना जरूरी है क्यों की उस जगह आपके लिए खतरा हो सकता है । वहां पर गड्ढा हो सकता है । आपके लिए कांटे भी बिछाया हुआ हो । हमेशा स्थान पर बैठने से पहले उस जगह को पैर से या किसी दूसरे वस्तु से छू कर जांच करना जरूरी है ।
2. अगर रास्ते में जाते जाते कोई अनजान नारी आपको दिखती है तो सर्वदा अपनी मन से काम लें। अगर रास्ता सुन सान है और आस पास कोई जंगल झाड़ी है तथा बह नारी हद से ज्यादा नाटकीय रूप से आपके सामने दिखावा कर रहा है तो सतर्क रहें बह आपके लिए खतरा साबित हो सकता है । आपकी जान को खतरा हो सकता है । उस से दूर भागने की चेष्टा करें ।
3. अगर अनजान जगह पर आपको रात्रि बिताना पड़ रहा हो और बह जगह आपको संदेह जनक जैसा अनुभव हो रहा हो ?? तो सर्वदा याद रखें वहां पर आपको सोने से अच्छा जागकर रात बिताना जरूरी है । अगर संदेह सत्य साबित हो गया तो आपकी जान बच सकता है ।
4. थोड़े थोड़े बाते पर क्रोध करना आपके लिए खतरा साबित हो सकता है । बह खतरा आपकी जान तक ले सकता है । जैसे किसी अनजान जगह होगया या ऐसे जगह जहां आपकी जान पहचान से बाहर का इलाका है। उस जगह पर आप अपनी गुस्सा पर काबू करना जरूरी है । क्यों की गुस्सा होने पर वहां आपको कोई साथ नहीं देगा उल्टा आपकी नुकसान हो सकता है ।
स्रोत: शास्त्र से…
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