एक ब्यक्ति भारी सामान के साथ एक रिक्शा बाले के पास जाता है । रिक्शा बाले की उम्र करीब 50 के होंगे । बह ब्यक्ति उसको पूछता है कि कितना रुपये लोगे मेट्रो जाने केलिए । रिक्शा बाला बोलता है 20 रुपए । परंतु वहां से बैटरी रिक्शा में 10 रुपये लगता है । बह ब्यक्ति उस रिक्शा बाले से बोला कि “ताऊ जी 10 रुपये लोगे तो में बैठूंगा” अगर चाहता बह ब्यक्ति मेट्रो तक पैदल आराम से पहुंच सकता था उसके पास बहुत समय था । वहां पे कोई बैटरी वाला नहीं था । सामान को देखकर बह ब्यक्ति थोड़ा आलसी हो गया । ब्यक्ति ने आगे की और निकलते समय पीछे से रिक्सा बाले की पुनः आवाज़ आया । भाई साहब कितना दोगे बैठो । उस ब्यक्ति ने बोला कि 10 रुपये दूंगा ,रिक्सा बाले बोला 15 रुपये देदो साहब बहुत देर से खड़ा हूँ कोई सबारी नहीं मिला। आप चलोगे तो 10-20 रुपये मिल जाएगा । उस ब्यक्ति रिक्सा बाले की चेहरा को देखकर बोला ताऊ जी 10 रुपये दोगे तो चलो नहीं तो बैटरी रिक्सा से चले जाऊंगा । भारी सामान को देखकर रिक्सा बाले ने हाँ बोलते हुए कहा चलो साहब 10 रुपये दे देना। ब्यक्ति ने रिक्सा में बैठ गया तथा कुछ रास्ता चलने के पश्च्यात एक बूढ़ी औरत पैदल जा रही थी । रिक्सा बाले ने उनको बोला बैठ जाओ मां जी । वो बूढ़ी औरत को बिठाने केलिए रिक्सा बाले ने उस ब्यक्ति से अनुमति मांगी । ब्यक्ति के अनुमति मिलने पर बूढ़ी औरत को बिठाया । रास्ते में बहुत भीड़ था । बहां से मेट्रो स्टेशन की दूरी 1 km के आसपास होगा । रिक्सा बाले ने भीड़ को आवाज़ दे कर अपना रिक्सा आगे लेके जा रहा था । कभी रिक्सा से उतरता था तो कभी रास्ता साफ मिलने पर वह फिर से रिक्सा में पेडल देकर आगे ले जाता था । शाम को 6 बजने बाला था । मौसम साधारण था मगर गर्मी नहीं था । उस ब्यक्ति ने गौर किया कि रिक्सा बाले की बहुत फसीना आ रहा है । असल में वह फसीना मेहनत की थी ।
मेट्रो स्टेशन में पहुंचने बाला था । ब्यक्ति ने रिक्सा बाले से पूछा ताऊ जी आप दिन में कितना कमा लेते हो। तो रिक्सा बाले ने बोला “क्या बताऊँ साहब हमारी धंदा में ये बैटरी बालो ने ठप करके रखे हैं । कभी 1000 होता है तो कभी 500 और कभी कभी 100 भी बड़ी मुश्किल से होता है ” । तो ब्यक्ति पुनः सवाल किया आपके घर मे कौन कौन रहता है ? तो रिक्सा बाले थोड़ा दुःखी होकर जबाब दिया ।” में और मेरी पत्नी” । ब्यक्ति ने पूछा बेटा या बेटी नहीं है क्या ? रिक्सा बाले ने जबाब दिया ” क्या बताऊँ साहब सब स्वार्थि हो गये हैं । बेटा बहु को लेकर बाहर रहता है और बेटी तो कभी कभी आती थी आजकल बो भी नहीं आती है “। बेटा क्या करता है पुनः ब्यक्ति ने पूछा ? जबाब में रिक्सा बाले ने वोला बह मजदूरी करता है और मेरे घर से एक किलोमीटर की दूरी में रहता है । पुनः ब्यक्ति का सबाल था कि आपके साथ रह सकते थे बो बाहर क्यों रहते हैं । रिक्सा बाले के आँखों से आंशु आ गया और जबाब दिया कि ” बहु को पसंद नहीं है में रिक्सा चलाऊं और उसको हमारी रहन सहन अच्छा नहीं लगता है । इसलिए वह बाहर रहते है”। मेरा तो मजबूरी है , आज से 20 साल होने जा रहा है रिक्सा चलाते चलाते। इस धंदा को कैसे छोड़ दूं ।
तबतक मेट्रो स्टेशन पहुंच गया था । ब्यक्ति ने रिक्सा बाले से पूछा कितना हुआ ? रिक्सा बाले ने बोला “दे दो साहब जो देना है ” ब्यक्ति ने बोला 10 रुपये ना? तो रिक्सा बाले ने बोला ठीक है बाबूजी दे दो” । ब्यक्ति फिर से पूछा कितना बताओ ? रिक्सा बालो ने बोला 15 दोगे तो अच्छा रहेगा। ब्यक्ति ने बोला हमारी बात हुई थी 10 कि आप फिर से 15 बोल रहे हो । इतना बोलकर ब्यक्ति ने 100 रुपये निकाल कर रिक्सा बालो को दिया । रिक्सा बाले ने अपने पॉकेट से कुछ सिक्के और नोट्स निकाले । ब्यक्ति ने पूछा आज कितना कमाई हुआ है ? रिक्सा बाले ने जबाब दिया मेरे हात में जितना रुपये है ! इतना ही कमाई हुआ है । ब्यक्ति ने पूछा कितना है ये , रिक्सा बाले ने गिनकर बताया 335/- रुपये हुआ है सुबह से अभी तक की कमाई । ब्यक्ति ने पूछा छुट्टा है क्या आपके पास? रिक्सा बाले ने बोला कि हो जाएगा साहब । ब्यक्ति थोड़ा मुस्कुराते बोला ये 100/- रुपये आप रख लो । आप जितना मेहनत करते हो उसके बदले ये 100 रुपये कम है । इतना सुन ने के बाद रिक्सा बाले चकित हो कर ब्यक्ति की और देखता रहा गया ।अगले पल ही रिक्सा बाले की चेहरे पर मुस्कान आ गया । सायद बह ब्यक्ति रिक्सा बाले की मुस्कान देखना चाहता था । रिक्सा बाले ने ब्यक्ति को हाथ जोड़कर प्रणाम किया बोला धन्यबाद साहब । आपकी हर मनोकामना पूरी हो और आप जहां भी रहो भगवान आपको अच्छे से रखे । ब्यक्ति भी उसको धन्यवाद देकर आगे बढ़ने लगा ।
ब्यक्ति ने थोड़ा आगे जाकर देखा बह रिक्सा बालो ने दूसरे रिक्सा बालों को उस ब्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए कुछ बोल रहा था और 100 रुपये को बार बार देख रहा था । जैसे उसकी खुसी दुगुनी हो गया है । ब्यक्ति को रिक्सा बाले ने दूर से प्रणाम किया । ब्यक्ति मेट्रो स्टेशन की और चला गया ।
दोस्तों आज भी दुनिया में कुछ लोग रहते है जहां गरीब की एक मुस्कान केलिए खुसी से दान करना पसंद करते हैं। बह ब्यक्ति उस रिक्सा बाले से 10 या 15 रुपये देकर आ सकता था । पता नहीं उस ब्यक्ति के मन मे ऐसा दया क्यों आया?
दुनिया में बहुत कुछ कर लो मगर किसी गरीब आदमी की आशिर्बाद आपको मिलता है ना? तो आप सौभाग्यशाली मनुष्य हो। यह आशिर्बाद के आगे बड़े से बड़े कीमती सामान कम पड़ जायेगा । कितना भी पैसा खर्चा करलो मगर गरीब की दया और आशिर्बाद को आप नहीं खरीद सकते । आपकी इच्छा से दान करना भी एक पुण्य है । दान करने के उपरांत आपको पक्का खुसी मिलेगी ये मेरी अनुभूति है ।
16 फरबरी 2010 को शाम को में गाय केलिए खर लेकर आ रहा था । मेरे गांव को प्रबेश से पहले एक चौकी पड़ता है । उश जगह मेरे भाग्य खोलने बाला ब्यक्ति मेरा इंतजार कर रहे थे । पीछे से आवाज़ आया कोई पत्र(Letter) आया है तुम्हारे नाम पर । मेंने पूछा कहाँ से आया है । तो वो बोले कि “तू फ्रेश होकर घर के सामने आ जा” में इंतजार कर रहा हूँ आने के बाद खुद देख लेना । में हां बोलते हुए गाय को खर देकर जल्दी जल्दी फ्रेश हो कर घर के सामने आया । बह ब्यक्ति के चेहरे पर थोड़ा मुस्कान था । बह मुस्कान देख कर मेरे चेहरे पर भी थोड़ा मुस्कान आया । में पूछा बताओ तो क्या है पत्र ? बो पत्र को मेरे हाथ मे थमाते हुए बोले की यह तीसरा पत्र है । में क्या बोलूं तू ही खोल और बता क्या है ये ? इस से पहले भी 02 लेटर समान पते से मुझे प्राप्त हुआ था । पत्र को खोला और कुछ शब्द को पढ़कर इतना खुस हुआ जैसे कि मेरे चेहरे में रौनक आ गया । बह था मेरा Medical Examination की आमंत्रण पत्र । में इतना जानता था कि में मेडिकल परीक्षा में विफल नहीं हो सकता । इसलिए मेरे अपने ऊपर भरोसा था ओर खुसी के मारे नाचने को मन किया था । सामने बैठा ब्यक्ति हमारे गांब के पोस्ट मास्टर थे । उनको बहुत धन्यवाद दिया । क्योंकि उश समय मेरे भाग्य लेकर आने बाला ब्यक्ति वही थे । बो भी बहुत खुस हुए । बह एक शब्द बोले कि मुझे लगा कि कोई अति महत्वपूर्ण पत्र होगा इशलिये बह उसको आज ही लेकर आये। इतना बोलकर पोस्ट मास्टर जी अपने गांब की और प्रस्थान किये ।
अगले दिन 17 तारीख मेरा BA Last Year की आखरी Paper था । परंतु मेरा मन तो आमंत्रित पत्र पर था । परीक्षा कैसे गया और क्या लिखा मुझे ठीक से याद नहीं फिर भी परिक्षा मेरा अच्छा हुआ था । मेरे पास सिर्फ 05 दिन था और उसी 05 दिन के अंदर एक दिन इतवार भी था बचा 04 दिन में कुछ कागजात इकठ्ठा करना था । जो तहसीलदार और पुलिस स्टेशन तथा जिलापाल कार्यालयों से इकठ्ठा करना था । आप जानते होंगे इस कार्यलयों में काम जल्दी होता नहीं है फिर भी मेरा भाग्य मेरा साथ दिया था ।
18 तारीख को में पुलिस स्टेशन पर गया जो कि मुझे अपनी Personal Verification करना था । Verification यह कि मेरे ऊपर कोई गैर कानूनी मुकदमा तो नहीं चल रहा है या पहले हुआ है । किसी भी सरकारी नौकरी होने से पूर्ब यह कागजात आपको इकठ्ठा करना पड़ता है तो उस दिन सुबह 10 बजह पुलिस स्टेशन पहुंच गया । मेरे हाथ में अपना आमंत्रित पत्र तथा Blank Police Verification Letter को लेकर पुलिस स्टेशन के अन्दर प्रबेश किया । मन मे डर रहते हुए जीबन काल मे पहली बार पुलिस स्टेशन में प्रबेश कर रहा था । अंदर दो पुलिस के जवान कुछ लिख रहे थे । मुझे पूछे क्या हुआ भाई मेने दोनों पत्र उनको दिखाते हुए कहा कि श्रीमान मुझे अपनी पुलिस Verification करना है । दोनों जवान मेरे चेहरे को बार बार देखें और बोले कि जाओ बाहर जो बेंच है उसमें बैठो हम जब बुलाएंगे तब आप आओगे । उनकी जबाब के बाद में बाहर बेंच में आकर बैठ गया । सुबह 10.00 बजह से लेकर दोपहर 4.00 बजह तक कई बार उनके पास गया । मुझे बही उत्तर मिलता था जाओ बाहर बैठो आपको हम बुलायेंगे । मन तो कर रहा था चला जाऊं अपनी गांब ! सरकारी नौकरी केलिए इतना तंग होना पड़ता है !!! फिर मन को शांत करके बोलता था थोड़ा संयम रख इतना मेहनत के बाद ये मिला है उसको ऐसे जाने देगा क्या?? ठीक है कब तक बिठाएंगे रात भी हो जाये आज Sign करके ही जाऊंगा । 4.05 में एक हाबिलदार मेजर स्टेशन में प्रबेश करने से पहले उनकी नज़र मेरे ऊपर पड़ा । मुझे इसारे से पूछे कहाँ और यहां क्यों बैठे हो ?? उनकी इसारा का जबाब देते हुए अपना आमंत्रित पत्र तथा Verification पत्र दिखाया । तो बह बोले यहां क्यों बैठे हो ?? अंदर आकर Sign करके जाओ अपने गांब । उनकी ये बात सुनकर मेरे दिल मे कुछ समय केलिए खुसी महसुस हुआ । हाबिलदार मेजर को बोला की में कई बार अंदर Sign करने केलिए आया हूँ परंतु बो दोनों Sir मुझे यह बोलते हैं कि आपको हम बुलाएंगे आप बाहर बैठो । फिर हाबिलदार मेजर ने मुझे पूछे की आप कब आये ? मेने कहा श्रीमान में सुबह 10 बजह से यहाँ बैठा हूँ । इतना सुनकर बह थोड़ा गुस्से में उन जवान को बोले “क्यों भी इनका काम क्यों नहीं कर रहे हो” । बाद में मुझे अंदर बुलाया गया और मेरा नाम तथा मेरे बारें मे जानकारी लिया गया और पूछा गया कि कोई गैर कानूनी काम किये हो क्या या कोई राजनीति पार्टी के साथ घूमते हो क्या ?? तथा बहुत सारे प्रश्न पूछे । उन्होंने मेरा नाम उनकी रेजिस्टर में दर्ज किये तथा SHO Sir के चैम्बर में जाने केलिए बोले और आदेश दिया कि जो जो सबाल हम आपको किये बही सबाल SHO Sir पूछ सकते हैं तो सही सही जबाब देना नहीं तो कोई Sign नहीं कराएंगे । उनकी आदेश का पालन करते हुए चैम्बर के अंदर गया । बहां SHO Sir के साथ और एक आदमी बैठे थे । मे उनको सम्मान देते हुए अंदर प्रबेश किया । SHO Sir ने मुझे प्रथम प्रश्न पूछे कि “आप आखरी बार police स्टेशन कब आये थे” तो मैने जबाब दीया Sir में आज पहली बार आया हूँ । दूसरा प्रश्न नहीं था एक सलाह था “आप एक देश के जवान बन ने जा रहे हो ” देश का नाम ऊंचा रखना । इतना सुन कर में बहुत खुश हुआ । Sir मुझे Pen मांगे और मेरे Pen से Verification पत्र पर Sign किये । दिन भर भूका था जब आखरी में SHO Sir की सलाह सुनकर दिल को थोड़ा सुकून मिला और मन मे एक अलग सी आशा जागने लगा था ।
तीसरा दिन मेरा तहसीलदार कार्यालय में Central OBC Certificate में Sign की जरूरत था । बह कार्य भी हुआ परंतु दोपहर के बाद हुआ क्योंकि तहसीलदार साहब कार्यालय से बाहर थे । आखरी में जिल्लापाल कार्यालय में कागजात बाकी रह गया । परंतु शनिबार होने हेतु काम होगा या नहीं होगा मन में डर बिठाकर जिल्लापाल कार्यालय में गया मगर बहां भी बहुत आदमी कतार में खड़े थे । परंतु उश जगह भी सही बक्त पर कागजात पर Sign हो गया ।
22 तारीख को शाम को बस से Rourkela की और निकल पड़ा और दूसरे दिन सुबह पहुंचा । अगले दिन सुबह यानी कि 24 feb को मेरा medical Examination था और सुबह Recruitment की गेट पर सही समय पर पहुंच गया था।
बाकी की कहानी में अगले Blog में लेकर आऊंगा । वह भी बहुत मजेदार कहानी है । मुझे पता है आप जरूर पढ़ेंगे परंतु इस से पूर्ब मेरा Blog को आप follow करना पड़ेगा तब आपको Email में Notification आएगा और बाकी की कहानी को आप आसानी से पढ़ पाएंगे ।
दोस्तो एक सबाल था आपसे की असल मे उश दिन भर मुझे पुलिस स्टेशन पर क्यों बैठना पड़ा । वह दोनों जवान मेरे साथ ऐसा ब्यबहार क्यों किये ??? अगर वह चाहते तो मेरा काम 10 मिनट में कर सकते परंतु सुबह 10.00 बजह से दोपहर 04.00 बजह तक बिठाके रखने का क्या तात्पर्य था ???
आपके पास इसका जबाब है तो Comment Box में जरूर बताएं !!
Style-1(Long Topic) भारत मेरी मातृभूमि है यहां के अधिकांश लोग गांवों में रहते हैं। यहां कई बड़े शहर भी हैं| मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई इनमें से कुछ हैं| भारत संतों का देश है| यह कालीदास, कबीर और गुरु नानक की भूमि है। भारत एक बहुत बड़ा देश है। इसके उत्तर में, हिमालय हैं वे दुनिया के सर्वोच्च पर्वत हैं। हिंद महासागर अपने दक्षिण में है भारत बड़े वन, झीलों, घाटियों और नदियों की भूमि है। वे अपनी सुंदरता को जोड़ते हैं भारत की मिट्टी बहुत उपजाऊ है यह हमें कई प्रकार की फसलों देता है भारत शेरों, बाघों और हाथियों की भूमि है और भारतीय बहादुर और बुद्धिमान लोग हैं वे शांतिप्रिय लोग हैं मुझे अपने देश और उसके लोगों पर गर्व है। मैं भारत को प्यार करता हूं| भारत, सबसे बड़ा लोकतंत्र है और विश्व के सबसे पुराने नागरिकों में से एक है, चेन के बाद दुनिया में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारतीय सभ्य लोग हैं मेरे देश ने पुरु, रण प्रताप और शिवाजी और जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे नेता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बगट सिंह और लाला लाजपेट रे जैसे स्वतंत्रता सेनानियों जैसे योद्धाओं का निर्माण किया है। साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में मेरे देश ने रबींद्रनाथ टैगोर, प्रेमचंद, सारा चंद्रा, सी.वी. रमन, जगदीश चंद्र बोस और डॉ अब्दुल कलामा ऐसे महान नाम मुझे अपने देश पर गर्व करते हैं। मेरा देश गांवों और खेतों से भरा इलाका है। मुझे उनके गाँव पर गर्व है जहां से भारतीय सभ्यता आगे बढ़ रही है। हमारे देश के महान नेताओं गांवों से आए थे। हमारे खेतों को गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा और कावेरी जैसे नदियों से पानी मिलता है। गंगा वैली हमारे देश के सबसे उपजाऊ क्षेत्र हैं। महासागर जो तीन तरफ उसके तटों को धोते हैं और उत्तर में खड़े शक्तिशाली हिमालय ने मेरे देश को प्राकृतिक सीमाएं पक्षों से दी हैं। फिर, पहाड़ों की लालच ने समृद्ध संस्कृति के इस देश में कई कारनामों को आकर्षित किया है। Style-2( Short Topic) जिस व्यक्ति का जन्म जहाँ पर होता है उसे वह भूमि बहुत प्यारी होती है। वह उस भूमि की गोद में ही बढ़ा होता है और वह उसकी माँ के समान होती है और उसे उसकी मातृभूमि कहा जाता हैं। मेरी मातृभूमि भारत है और मुझे इससे बहुत ही ज्यादा प्यार है। यह कला संस्कृति और साहित्य से भरपूर है। इसे रिशि मुनियों की भूमि भी कहा जाता है और यहाँ पर बहुत से महापुरूषों का भी जन्म हुआ है। मेरी मातृभूमि चारों तरफ से प्रकृति से घिरी हुई हैं। इसमें कहीं पर घने जंगल है तो कहीं पर पहाड़ और कहीं पर नदियाँ हैं।
इसमें बहुत से मंदिर और आश्रम बने हुए हैं। इसकी मातृभाषा हिंदी है। इसमें पर्यटन के बहुत सारे स्थल हैं। यहाँ पर सभी त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। मेरी मातृभूमि विभिन्नता में एकता की प्रतीक है। यहाँ पर सभी धर्मों के लोग रहते हैं और प्रत्येक राज्य की अपनी विशेषता है। इसके कण कण में माँ की ममता छिपी है और कृषि प्रधान देश होने के कारण यहाँ पर हर समय खेतों में फसलें लहलहाती नजर आती है। मेरी मातृभूमि बहुत ही सुंदर है और इसकी सुंदरता को देखने हर साल बहुत से पर्यटक विदेशों से भी आते हैं।
We woke up early in the morning because we had planned to visit the apple garden near the hotel. We spend more time in the apple garden. After roaming the garden we check out the hotel and start the tour towards the Bashisht Banu temple. There was a hot water spot nearby. There is a waterfall some distance away from the place where some people returned but after knowing its distance, we came back from halfway. Buy some goods from there and then we spend a lot of time on the banks of Beas river on the way. At 03 PM went to Mall Road to spend some time with enjoyed the light sunshine. In the evening, 4 o’clock arrived at the Bus Stand for Volvo Bus. we had got 31,32 Volvo Bus tickets. The bus ticket was already booked by the ITO agency. we gave thanks to ITO representative Babita Sharma and gave feedback for the entire tour. There was a doubt in my mind not to vomit during the tour. The conductor had given us polyethylene. If vomiting occurs, the Bus should not be dirty. Volvo was also given water bottles with blankets. We both slept in the evening for fear of vomiting and we did not eat anything at night when the car stopped for Dinner. We slept around 10-11 hours on that day. The entire Arrangement of the Tour was done by ITO agencies. Tour was very good and awesome. There was a complaint against the driver, we speaking daily for car cleaning. But in the 5-day journey, he cleaned his car only on the last day, after repeated complaints. We gave many many thanks to Miss Babita Sharma after the tour. she had supported us everywhere and I noticed one thing in Miss Babita Sharma. Whenever I used to call she would laugh and say “yes”, she never refused any request of us with never angry and show the way to the solution. One thing my Wife said that time “when our children plan to hang out after marriage, they will contact a representative like Babita Sharma and send them to the Tour”.
How did you like our tour? So friends please give the feedback on the above tour. If you are thinking to go to Shimla and Kullu Manali so call the ITO representative Miss Babita Sharma.
LCT-36: मन मे अगर कुछ आशा जगा है तो उसको उसी समय पूर्ण कीजिये । कहने का तार्पर्य बाद में आप सोचने लगोगे की वहां मुझे वह कार्य कर लेना चाहिए था । फिर आपको कभी मौका मिलेगा ये नहीं आप नहीं जानते । Lifestyle Changing Thought (Part-1) LCT-37: किसी से अगर बर्तालाप करते हो तो ध्यान दीजिए कि बह आपकी बातों पर संतुष्ट हो रहा हो। क्योंकि अछि बात पर लोग आपकी सारी गलतियां माफ कर देते हैं तथा संतुष्ट होते हैं तो खुसी से उपहार भी देने लगते हैं। Lifestyle Changing Thought (Part-2) LCT-38: आपकी स्तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं लेता है तो दुख मत करो । अर्थात बर्तमान स्तिथि में आप खुसी महसूस कर रहे हो !! तो उतना पर्याप्त है आपकी सुखी जीबन केलिए । खुस रहिए, दुःख करना मूर्खतापूर्ण है । Lifestyle Changing Thought (Part-3) LCT-39: ऐसा समय भी आया होगा किसके जिंदगी में, की उनके माता पिता अपने पुत्र को खाना खिलाकर खुद पानी पी कर गुजारा किये होंगे । और आज के दुनिया मे पैसे की मात्रा बढ़ गया है । कुछ लोग अपने माता पिता को खाना खिलाने के बजाय खाना फेंकना पसंद करते हैं। भगवान सुधरने का मौका देंगे या नहीं इस तरह पुत्र या पुत्रि को ??? Lifestyle Changing Thought (Part-4)
LCT-40: अगर आप किसी से कुछ ज्ञान प्राप्त किये हो, तो बह मार्गदर्शक ब्यक्ति को कभी मत भूलियेगा। क्योंकि आगे की सफर में आपको बह मार्गदर्शक के ज्ञान, सफल की और ले जायेगा। अपने गुरु की सम्मान आपकी आदर्श होना चाहिए ।। Lifestyle changing thought (Part-5)
LCT-33: ब्यक्ति की चाहत भगवान पूरा नहीं करते भगवान सिर्फ आपको मदद करते हैं। अर्थार्त अपनी अच्छा कार्य तथा दूसरे की दुआ को भगवान जल्दी सुनते हैं । मगर कर्म आपको करना पड़ेगा और दूसरे केलिए कभी कभी दुआ करते रहिए ।
LCT-34: दूसरे की कार्य को देखकर दुखी होने बाले जान लो वो अपनी अच्छे समय को बर्बाद कर रहै है । क्योंकी जलने से दुर्गंध ही नसीब होता है सुगंध से तो खुसी मिलती है ।