कुछ लोगों का अहंकार ज्यादा रहता है ।
वैसे होना तो गलत है मगर मनुष्य बही अभ्यास नहीं छोड़ पाता है ।
एक उदाहरण के तोर पर बोल सकता हूं की अगर आप खुदको गर्व महसूस कर रहे हो तो इसका सीधा मतलब यह है की आपके पास कुछ चीजे ज्यादा हो गया है।
चाहे बह धन हो या ज्ञान या ऐसा कोई चीज जो आप दूसरे के सामने दिखा सको ।
और बही दिखावा को अहंकार कहलाता है ।
दूसरे के साथ तुलना करना आरंभ कर देते हो।
यह प्रक्रिया सब नहीं करते है , यह कला कुछ लोगों के पास सीमित रहता है।
यह सब दिखावा कुछ व्यक्ति या महिला में देखने को मिलता है।
उनका व्यवहार में आप देख पाओगे ।
की मेरे पास यह ज्वैलरी है, हमारे बड़े घर, बड़े गाड़ी है और अच्छा बंगला है ।
यह सब महिला को देखने को मिल रहा था मगर अभी पुरुष भी करने लगें हैं ।
यह सच है की आप यह साथ में लेके नहीं जाने वाले हो ।
और साथ में लेने आपको कोई अनुमति नहीं देगा ।
जो कर रहे हो या दिखावा कर रहे हो । यह कुछ नहीं रहेगा ।
जिंदगी एक चुटकी में चले जायेगा तो सब बेकार हो जायेगा।
जिस धन को लेकर गर्व कर रहे थे सब पराया हो जायेगा।
बेहतर यह है की, आपके पास जितना महजूद है और जितना मिल रहा है उसमे संतुष्टि होने की कोशिश करो ।
संतुष्टि नहीं रहोगे तो आपको कहीं पे भी ठोकर लग सकता है। होस आने तक इंतजार न करें । क्यों की बिलंब हो गया तो सब बेकार हो जायेगा ।
आपकी अहंकार की बजह से आपकी अपने लोग दूर भाग जायेंगे ।
तब तक आपकी उम्र भी हो जायेगा और आप एक बेकार मनुष्य की गिनती में गिने जाओगे ।
फिर से कह रहा हूं , अहंकार को त्याग करे और सबके साथ मेल मिलाप से रहें ।
उसमे आपकी हो भलाई है ।
धन्यवाद ।
By. Nilamadhab Bhuyan
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