LCT-113 इच्छा को सच बनाना है तो?? मेहनत को गुप्त रखें । कायनाथ आपकी इच्छा को जरूर पूरी करेगा । ଇଛା କୁ ସତ୍ୟ ରେ ପରିଣତ କରିବାକୁ ହେଲେ?? ପରିଶ୍ରମ କୁ ଗୁପ୍ତ ରଖ । ଭଗବାନ ଆପଣଙ୍କ ଇଛା ନିଶ୍ଚିତ ପୁରା କରିବ ।
LCT-114 किसी भी समय बिस्तर जाने से पूर्ब अपने पैर को अच्छी तरह साफ करके जाएं । इससे ऊर्जा पैदा होने के साथ, बुरी चिंता और खराब तत्व का प्रभाब कम होता है ।
LCT-116 कुछ लोगों का लक्ष्य यह रहता है कि दूसरे ब्यक्ति की मनोबल को तोड़ना, चाहे कार्य हो या ना हो । परंतु कार्य में प्रगति तब होगा जब आपकी मनोबल को बढ़ावा दिया जाए ।
LCT-108 जितना हमारे लिए पर्याप्त है ! भगवान उतना ही धन और सम्पति हमको देते हैं । इसलिए जिस कार्य केलिए आप सक्षम हो वह करते रहिये, दूसरा बिकल्प को लेकर अपना समय खराब मत करें ।
LCT-111 दुनिया में दोस्त सबसे ज्यादा मदद करते हैं । परंतु जब कभी ज्यादा जरूरत होगा, उश बक्त वह दोस्त मददगार नहीं, सलाहकार बन जाता है । क्योंकि यह समस्या सरकारी कर्मचारी दोस्त को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है ।।।
सम्मान भी अजीब आदत है । अपनी गांब में जो सम्मान है, काश सरकारी कर्तब्य के दौरान भी ऐसा सम्मान दिया जाता ? तो कर्तब्य प्रति मनोबल बहुत बढ़ जाता ।।
LCT-93:
कुछ बातें बहुत चुभती है गुस्सा को संयम रखते हुए, नज़र अंदाज़ करना पडता है। सायद ‘ यही जीने का नया तरीका है ।।
LCT-94:
भूलने की रोग !!! किसीकी परीक्षा हॉल में होता है तो किसी ने ऊधार लिया हुआ हो !!! ऐसे लोगो को सतर्क रहना है और आप भी साबधान रहिये इस तरह लोगो से ?
LCT-95:
जन्म से लेकर मुत्यु तक, आग !!! जीबन का एक अंग बनके रहता है । असली आग !! तो जंग में पैदा होता है जब सामने बाला की आंखों में गुस्सा और हमारे आंख में आग होता हो !!!
LCT-96:
कुछ लोगो का आदत है कि अपने धन को बचाकर आपकी धन को ब्यय करेंगे। और आप उनकी बातों पे अपनी धन को ब्यय भी करते हैं । चिंता ना करे सुध समेत सबकुछ बसूली होगा !! एबं उसको धन की कमी महसूस होता रहेगा । आपके आस पास भी ऐसे कुछ लोग होंगे ???
पैसे की भार से रिस्ते जल्दी टुटते हैं इसलिए दुनिया पैसे केलिए सोचता है और हम रिस्ते केलिए ।
LCT-90: भगवान के सामने हाथ जोड़कर प्रणाम करने से शरीर मे ऊर्जा इकट्ठा होता है।
LCT-91: कितनी मात्रा में बारिश होगा उसको अनदेखा करके छतरी के साथ कार्य केलिए निकल पड़ते है ! उसी तरह कितना भी बड़ी समस्या हो उसको अनदेखा करके समस्या का हल करके आगे बढ़ना चाहिए ।
अगर किसी से धार लिए हो तो याद करके बापस करने की कोशिश करें। क्यों कि आधे से ज्यादा रिस्ते धार – ऊधार से टूट जाता है ।
LCT-78:
अगर किसी को ज्ञान देना है तो पूरा देने की प्रयाश करें ।
क्या पता वो आधा ज्ञान बाद में आपको आगे की जिंदगी में खतरा बन जाए ।।
LCT-79:
मेरा हालात को समझना और समाधान करना मतलब आप एक ज्ञानी ब्यक्ति हो हालात को ना समझते हुए गलत ब्यक्ति के सलाह पर फैसला लेना मुर्खता है ।
LCT-80:
“मुझे बदलना चाहिए और काम करने तरीके में सुधार लाना है” । यह शब्द के बारे में आपका खयाल आ रहा है । अर्थात आपकी चिंताधारा आपको उचित मार्ग की और लेके जा रहा है।।
PUBG खेलने बालों का जोश देखकर मेंरे दिमाग में खयाल आता है । China की तरह हमारा Govt. भी हर एक नागरिक को 1 साल की Defence ट्रेनिंग Compulsury कर देना चाहिए ।
Follow my blog and comment me about my thoughts if you are interested for odia poem Click Here to redirect the page.
LCT-72: उजाला की मक़सद यह है कि ?? जब आपकी घर मे दिया जले तो दूसरे की घर मे खुसी का उजाला आएं । इस उजाला की पर्ब में दिया बेचने बाले से दिया खरीद कर उनके घर में रोशनी देने की कृपा करें ।।
LCT-73: रात का भी अलग महत्त्व है । किसीको गहरी नीदं में सुलाता है तो किसीको रात भर जागने केलिए मजबूर कर देता है ।
देश के जवान को समर्पित है।।
LCT-74: जिस प्रकार तीली का माचिस के ऊपर सही गर्षण से आग का जन्म होता है । उसी प्रकार जीबन में ज्ञान के साथ परिश्रम का सही उपयोग से कर्म फल जन्म लेता है ।।
निर्णय आपको करना है ।।
LCT-75: लोग बोलते हैं सुबह सुबह जिसका चेहरा देखते हैं दिन का नियति उस ब्यक्ति के चरित्र जैसा हो जाता है । क्यों ना अपनी चेहरा देखकर दिन का सुभारम्भ करते हैं, नियति अपने विचार पर चलें और अच्छे की कामना से हमारा दिन भी अच्छा चलेगा ।।
LCT-76: कुछ लोग को आपकी जरूरत पड़ने पर आपका नाम और काम को इज़्ज़त करते हैं। मगर कुछ दिन या महीने के पश्च्यात छोटी से मदद केलिए उनको गुज़ारिश करो!! देखोगे पहचानते हुए भी मुहं फेर लेंगे । यह भी जबाब मिल सकता है “यह मेरे द्वारा संभब नहीं है” इसलिए अगली बार सोच समझ के मदद करियेगा ।।
LCT-66: किसीको खुसी करने केलिए कुछ कहना पड़े तो पहले करना चाहिए । अर्थात अगर कोई झूठी तारीफ से बहुत खुश होता है तो आप जरूर कीजिये क्योंकि इसमें कोई पाप नहीं है ।
LCT-67: ” मेरा मन जो कहे में बही करूँगा ” बात तब पैदा होता है जब अहंकार को अपना लेते हैं । मगर सलाह देने वाला व्यक्ति आपकी भलाई केलिए बोलता हो । जरा सोचिए???
LCT-68: ऐसा समय था साधारण जल की स्नान से दिन का प्रारंभ होता था । परंतु बर्तमान ठंड की मात्रा धीरे धीरे बढ़ रही है जल की तापमान की बजह से तबीयत खराब होने का डर है । सचेत रहें ।।।
LCT-69:
कभी कभी आपके सारे मार्ग बंद हो जाते है । गलत कदम से पेहले सयंम तथा शांत मन से बह ब्यक्ति से सलाह लीजिये जिन्हें मार्ग का सरल उपाय पता हो । इस परीक्षा में खुद की काबिलियत का पता चलता है ।।
LCT-70: भगवान का दिया हुआ आज का यह दिन को खुसी से उपभोग कीजिये । क्योंकि अस्पताल की बेड में पड़ा ब्यक्ति को एक दिन बिताना बहुत कष्टदायक है ।।
खुसी में सुख का तलाश कीजिये और यह सबको बांटने की कोशिस करें ।
LCT-61: किसीके बारे में बेकार चिंता अर्थात अपनी समय का बरबाद करना बराबर है । सुप्रभात अपने लिए और परिवार केलिए सोचना अर्थात समय का सही उपयोग माना जाता है ।।
LCT-62: जहां पे प्रतिदिन बरशात होता है वहां बारिश का हालचाल नहीं पूछा जाता। अर्थात कोई कार्य को किसी ब्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन किया जाता हैं तो उशी कार्य के बारे में पूछताछ करना मुर्खता है ।।
गम को कुछ समय केलिए भुला देता है। मन हल्का तथा शरीर को पीड़ा मुक्त करता है ।। अर्थात यह महसूस कुछ समय केलिए है। उसके पश्च्यात आपको गलत एहसास होता है । इसीलिए मदिरा पान का त्याग खुसी का उचित मार्ग है ।।
LCT-36: मन मे अगर कुछ आशा जगा है तो उसको उसी समय पूर्ण कीजिये । कहने का तार्पर्य बाद में आप सोचने लगोगे की वहां मुझे वह कार्य कर लेना चाहिए था । फिर आपको कभी मौका मिलेगा ये नहीं आप नहीं जानते । Lifestyle Changing Thought (Part-1) LCT-37: किसी से अगर बर्तालाप करते हो तो ध्यान दीजिए कि बह आपकी बातों पर संतुष्ट हो रहा हो। क्योंकि अछि बात पर लोग आपकी सारी गलतियां माफ कर देते हैं तथा संतुष्ट होते हैं तो खुसी से उपहार भी देने लगते हैं। Lifestyle Changing Thought (Part-2) LCT-38: आपकी स्तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं लेता है तो दुख मत करो । अर्थात बर्तमान स्तिथि में आप खुसी महसूस कर रहे हो !! तो उतना पर्याप्त है आपकी सुखी जीबन केलिए । खुस रहिए, दुःख करना मूर्खतापूर्ण है । Lifestyle Changing Thought (Part-3) LCT-39: ऐसा समय भी आया होगा किसके जिंदगी में, की उनके माता पिता अपने पुत्र को खाना खिलाकर खुद पानी पी कर गुजारा किये होंगे । और आज के दुनिया मे पैसे की मात्रा बढ़ गया है । कुछ लोग अपने माता पिता को खाना खिलाने के बजाय खाना फेंकना पसंद करते हैं। भगवान सुधरने का मौका देंगे या नहीं इस तरह पुत्र या पुत्रि को ??? Lifestyle Changing Thought (Part-4)
LCT-40: अगर आप किसी से कुछ ज्ञान प्राप्त किये हो, तो बह मार्गदर्शक ब्यक्ति को कभी मत भूलियेगा। क्योंकि आगे की सफर में आपको बह मार्गदर्शक के ज्ञान, सफल की और ले जायेगा। अपने गुरु की सम्मान आपकी आदर्श होना चाहिए ।। Lifestyle changing thought (Part-5)
LCT-33: ब्यक्ति की चाहत भगवान पूरा नहीं करते भगवान सिर्फ आपको मदद करते हैं। अर्थार्त अपनी अच्छा कार्य तथा दूसरे की दुआ को भगवान जल्दी सुनते हैं । मगर कर्म आपको करना पड़ेगा और दूसरे केलिए कभी कभी दुआ करते रहिए ।
LCT-34: दूसरे की कार्य को देखकर दुखी होने बाले जान लो वो अपनी अच्छे समय को बर्बाद कर रहै है । क्योंकी जलने से दुर्गंध ही नसीब होता है सुगंध से तो खुसी मिलती है ।
LCT-26: काश में उसकी तरह होता अच्छा मार्क लाता ? बिना मेहनत करके बह अच्छा नंबर लाता है । कुछ याद आया स्कूल या कॉलेज की ? रुको बताता हूँ स्कूल या कॉलेज के समय क्लास में अच्छा पढ़ने बाले को देखके खयाल आता था ना ? और ये सच है । मेरे सारे Viewer पढाई अच्छे थे ! यह यादेंमध्य और पीछे बैठने बाले को समर्पित है । Lifestyle Changing Thought(Part-1)
LCT-27: बचपन का कुछ पल हम कभी नहीं भूलते हैं। हमको अछि तरह पता था गलती किसकी थी !! चेहरा गुस्सा से लाल भी हो जाता था । ऐसा क्यों होता था ?? बचपन में जरूर पिटाई खाये होंगे! बह तो एक सामान्य दंड था और कुछ देर पश्च्यात हम भूल जाते थे । आज की दुनिया हमें तनाब एबं मानसिक दंड दे रहा हैं । उसको कैसे भूलें । सच बताओ बचपन बहुत अच्छा था ना ? Lifestyle Changing Thought (Part-2)
LCT-28: समस्या का कोई समय नहीं किसी भी बक्त आपके दरवाज़े पे आ सकता है आपको सतर्क रहना है!!! अर्थार्त समस्या को कैसे सुलझा सकते हो, सोचो? नहीं तो मार्गदर्शक ब्यक्ति के तरीका अपनाओ समस्या अगर हल नहीं हुआ तो समस्या झेलने की तरीका तो मिल जाएगा । Lifestyle Changing Thought (Part-3)
LCT-29: समस्या दिखे तो समाधान करने की कोशिस जारी रखना। कभी सरल में हो सकता है तो कभी देरी से होगा ! समय आपकी समस्या का हल निकाल सकता है । बताओ कैसे ?? कभी दूसरे की जान बचाने की जरूरत पड़े तो पहले उनको मदद करें । क्या पता उनकी मदद से भगवान आपकी समस्या को हल कर दें।
LCT-30: मोती की इकट्ठा करने से आपकी कार्य पूरा नहीं हुआ । मोती को लेकर उसको हार बनाना आपका मुख्य लक्ष है । अर्थार्त बिद्या अर्जन करके प्रमाण पत्र को सजाकर रखने से कोई फायदा नहीं । उसी प्रमाण पत्र का सही उपयोग में अच्छे कार्य की प्राप्ति करना आपकी लक्ष्य होना चाहिए। Dangerous Night
LCT-21: मोबाइल की आंतरिक स्तिति को सुधारने तथा सही रखने केलिए हम Antivirus और अन्य स्रोत से Cached files को साफ करते हैं।
अर्थार्त
शरीर की गंदगी को भी समय समय पर पूरी तरह साफ करना चाहिए। आप निम्बू पानी गरम करके पियो या उपबास में ज्यादा पानी का सेवन करके करो । बजह यह है कि अभी से करेंगे तो बृद्ध काल मे दबाई का जरूरत ही ना पड़े।
LCT-22: धन का सही उपयोग करिये, दुरुपयोग करते हो तो साबधान !!! धन से खुसी को खरीद सकते हो और दुख को दूर कर सकते हो ।
अर्थार्त
धन बाली खुसी कुछ समय केलिए और जब जरूरत होगा तब दुरुपयोग ब्यय धन का एहसास होगा । मोह, माया और मदिरा पान में ब्यर्थ धन ब्यय मत कीजिए आने बाला समय आपको बहुत दुख देगा ।
LCT-24: मंद बुद्धि ब्यक्ति बहुत चालक होते हैं । बह अपना कार्य समय से पहले कर लेता है और बुद्धिमान ब्यक्ति शांत रहता है ।
अर्थार्त
बुद्धिमान ब्यक्ति सबको ज्ञान देते है और ज्ञान आहरण करने वाला ब्यक्ति बुद्धिमान ब्यक्ति की कार्य को और आसान कर देते है । इशलिये बुद्धिमान बनो तेज दिमाग लेकर मंदबुद्धि मत बनो ।
जिंदगी मेट्रो की तरह हो गया है कब कौनसा मेट्रो आएगा यकीन करना मुश्किल है?? समय देखो, खाली या भीड़ को देखकर सफर करो ।
अथार्त
जीबन में हरवक्त अच्छा समय आएगा ये कोई नहीं बता सकता । इशलिये अपनी दिमाग को ज्यादा जोर दे कर तनाब नहीं लेना !! आने बाले पल जैसा होगा उसी हिसाब से कार्य कीजिये एबं उसका आनंद लीजिये ।
घर मे प्रबेश से पहले हम दरबाजा के पास पड़ी चटाई में अछि तरह पेर को साफ करके प्रबेश करते हैं । जिस से संतुष्टि होते हैं कि मेरे द्वारा अनाधिकृत शक्ति या गंदगी घर मे प्रबेश नहीं हुआ है।
अथार्त
जीबन में कोई भी कार्य का पहला कदम सोच समझ कर बढाइये । दुष्ट चरित्रबान लोगो की बातो को अनदेखा करें और तनाब रहित कार्य करिए फलस्वरूप मन मे संतुष्टि उत्पर्ण होगा ।
सम्मान उनको दीजिये जो आपके उपर निगाह और घर पहुंचने तक चिंतित रहते हैं, बजह यह की आप उनके करीब रहें ।
अथार्त
हर एक मनुष्य की कोई ना कोई सुभचिंतक होते हैं । सुभचिंतक के अलाबा बाकी सब स्वार्थरूपी मनुष्य है । सुभचिंतक की सेवा और उनकी ध्यान रखना आपकी प्रथम कर्तब्य होना चाहिए ।
भाई, बहन, माता और पिता में परिबार अपूर्ण रहता है । समय के साथ परिबार में सदस्यता की बृद्धि होती है। तत्पश्चात मन मे लोभ जन्म लेकर “मेरा” शब्द का उत्पर्ति होता है ।
अथार्त
सदस्य पांच हो या दस जब लोभ का त्याग करेंगे तब परिबर्तन आ सकता है । “मेरा” के बदले “हमारा एक अच्छा परिबार” का पुनः निर्मित होगा, और आप एक पबित्र परिबार का सदस्य बन सकते हैं ।।
कुछ लोग का आदत है कि दूसरे द्वारा किया गया कार्य सम्पूर्ण से पहले उस कार्य की कमी को निकालना !!! उस कार्य का परिणाम तब अच्छा होता है जब कार्य को शांति से करने दिया जाय ।
उन ब्यक्ति को समर्पित है जो अपने कार्य को मन से करते हैं ।।
LCT-02
कुछ लोग आपको आपकी कमी के बारे मे बार बार याद दिलाएंगे परंतु आपको उनकी बातों पर अनदेखा करके कार्य को करते रहना ।
क्यों कि भोकने बाले की औकात नहीं है कि हमारे कार्य में बह बाधा दें।
बह लोग आगे बढ़ते हैं जो हाती जैसे कदम बढ़ा कर कुतों की आवाज़ को दबाना जानते हैं ।।
LCT-03
मेरा असफल होने का कारण में उचित मेहनत नहीं किया था । यह नहीं है कि में मेहनत करना छोड़ दूं । हर एक ब्यक्ति जरूर असफल हुआ होगा चाहे बह अच्छे Job, Business या Examination केलिए हो । लक्ष्य को focus करो back step लिया तो, उचित उम्र के बाद ये पश्च्यात ना हो कि “में उश समय थोड़ा अच्छा मेहनत किया होता तो आज का ये बुरा दिन मेरे साथ ना होता” ।।
LCT-04
अपनी गलति को छुपाने केलिए कुछ लोग, गलती का बोझ दूसरे के ऊपर देना पसंद करते हैं । परंतु परिणाम के बाद उनको अपनी गलती का एहसास हो गया तो बह सच्चा ब्यक्ति कहलाता है
अगर नहीं मानता है तो आप जानते हैं उसको कौनसा नाम और क्या गाली आप देते होंगे ????
LCT-05
सुसम्पर्क वहां तक बनाये रखे जहां तक आपकी ब्यबहार से उनको संतुष्टि मिले । इंतजार कीजिये आकस्मिक समय पर बह आपको जरूर याद करेंगे ।।
LCT-06
सास ससुर की सेवा करोगे तो धन मिलेगा । माता पिता की सेवा करोगे तो इज़्ज़त मिलेगा ।। बिकल्प चुनिए धन की आशा छोड़ दो सेवा करो क्यों कि ये सेवा कल आपकी उत्तराधिकारी आपको देने बाला है नहीं तो बह आपकी अर्जित धन की लालसा में आपको भूका ना रख दे ।।
LCT-07
दूसरे को अत्यधिक धन की मात्रा दिखाने से पहले अपने मन के अंदर जो काला धन नाम की मोह है उसको दूर करो । ऐसे धन की कोई फायदा नहीं जो अपनों की तन को संतुष्टि ना कर पाए ।।
LCT-08
माता, पिता की सम्पति पर अपना हिस्सेदारी मत समझो । खुद सम्पति अर्जन करके अपनी संपत्ति का मालिक बनो । कल ऐसे ना हो कि आपकी सेबा से असंतुष्ट हो कर माता, पिता किसी मंदिर में दान ना कर दें ।।
LCT-09
ऐसा समय आपके नसीब में न आये की आपके साथ बीते हुए पल और व्हाट्सएप की DP याद दिलाने का काम आये । गुस्सा ,जिद्दी और नजरअंदाज मत करे साथ मिल कर जिंदगी को खुसी खुसी बिताने की कोशिस करें ।।
LCT-10
समय का पता नहीं यारों कब आपके साथ होगा और कब नहीं खुसी बांटने और दुख को दूर करना ही जिंदगी की असली बजह रखो ।
मिट्टी के शरीर की खयाल रखो, गिरने के तुरंत बाद अगर शक्त होगा तो बच जाओगे नहीं तो पल भर में दुनिया Bye Bye बोल देगा ।।
LCT-11
कुछ लोग सुबह उठकर लोभ, लालसा और इच्छा के भावना में डूब कर अपना दिन को खराप कर देते हैं । खुस नसीब वो लोग होते हैं जो सुबह उठ कर ये सोचते हैं कि , एक अच्छा दिन आया इसको में मन भरके उपभोग करेंगे।।
LCT-12
संबंध और नदी का किनारा एक जैसा होता है महत्व तब तक दिया जाता है जब तक नदी में पानी और संबंध के पास धन होता है ।
संबंध का साथ देना और पानी को महत्व देने से सही बक्त पर सबन्ध आपके पास खड़ा रहेगा और अंतिम समय पर पानी भी मिलेगा ।। LCT-13
समय बीत जाएगा खुसी को ढूंढते ढूंढते !! खुसी तो आप के अंदर है उसको आप बाहर निकालने की कोशिस तो करो ।
बचपन की हसीन पल को याद करो खुसी से चेहरे पर मुस्कान उभर के आएगा ।।
LCT-14
अंतिम समय निकट आ रहा है सजाग रहें और बह समय आपके लिए भारी पड़ सकता है चौकन्ना रहें । मोबाइल की Voice/Data रिचार्ज कभी भी खत्म हो सकता है चेक करते रहिए । नहीं तो दूसरे दिन सुबह सुबह आपको परेशानी हो सकता है ।।
LCT-15
पौधे को तब तक पानी दीजिये जब तक उसको मिट्टी के अंदर पानी का स्रोत ना मिल जाये । उसी तरह अपने आने बाली पीढ़ी या उत्तराधिकारी को सक्ष्यम होने तक उसको मार्गदर्शक दिखाइए । जब बह सक्ष्यम हो जाएगा तब आप अनुभब करोगे की में एक महान कार्य किया हूँ ।।