The Bravery Girls, बहादुर लड़कियां !!! (बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ )

The Bravery Girls, बहादुर लड़कियां !!!  (बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ )
The Bravery Girls, बहादुर लड़कियां !!! (बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ )
भारत बर्ष में एक गांब जो सुंदर पुर के नाम से जाना जाता था । गांब में कुछ परिबार रहते थे । सब अनपढ़ और दूसरे गांब या सहर में जा कर काम करके घर चलाते थे । गांब से दूसरे गांव और सहर में जाने केलिय कच्चा रास्ता था । अगर एक बार बारिश हो जाता था तो कीचड़ दो फीट हो जाता था । अगर कोई बीमार होता था तो गांब से सहर जाते जाते उसका मौत हो जाता था । गांव के लोगों ने सरकार से बहुत बार अच्छा रास्ता केलिय दरखास्त कीए है मगर कोई सुनता था न रास्ता हो पाता था ।

उस गांब में संजय और सरला पति पत्नी रहते थे। दोनों मजदूरी करके घर चलाते थे । संजय मिस्त्री का काम करता था और सरला संजय के साथ मिट्टी उठाना और पानी देने की काम करती थी । कुछ दिन पश्च्यात संजय को पता चला कि वो बहुत जल्द बाप बन ने वाला है । दिन बीत रहा था संजय पत्नी की बहुत खयाल रख रहा था। 9 महीने के बाद प्रसब का समय आया और सरला जुड़वा लड़की को जन्म दी । प्रसब करने के पश्च्यात सरला दुनिया छोड़ के चल गई । संजय पत्नी जाने की दुःख तो था परंतु दो परी जैसी लड़की को देखकर सब दुःख भूल जाता था ।

देखते देखते दोनों लड़की बड़े होने लगे संजय दोनों को श्रीया और प्रिया के नाम पे बुलाता था । दोनों लड़की एक साथ हर काम करते थे । संजय दोनों लड़की को स्कूल भेजा । वो दोनों खेलने कूदने में बहुत अच्छे थे । सातबी परीक्षा खत्म हुआ । लड़की को सातबी से आगे पढ़ाना हो तो गांब से सहर जाना पड़ेगा । संजय और दोनों लड़की की इच्छा थी कि आगे की पढ़ाई केलिए सहर जाकर पढ़ाई करेंगे । ये बात पंचायत को पता चला और संजय को सभा मे बुलाया गया। सरपंच आदेश दिए की दोनों लड़की को अगर पढ़ाई केलिये सहर भेजा तो तुझे जुर्माना देना पड़ेगा और गांब की नल से पानी पीने की अनुमति नही दिया जाएगा । सरपंच बोले की आज तक हमारे गांब से कोई लड़की बाहर पढ़ने नहीं गया है और कभी नहीं जाएगा क्योंकि ये हमारे गांब की परंपरा है । सातबी तक पढ़ लिया ,इतना बहुत है अभी उनको घर की कामकाज सिखाया कर आगे ससुराल में काम आएगा । संजय सभा मे बोला कि दोनों बेटी को पढाना और उनको आगे बढ़ाना मेरा लक्ष्य है। अगर उनको सही दिशा न दिखाया तो वो दोनों भी मेरे जैसा अनपढ़ रहेंगे । मुझे जो भी दंड देंगे स्वीकार है । इतना बोलकर संजय सभा से निकल गया ।

संजय दोनों बेटी को शहर की स्कूल में दाखिला करबाया । दोनों लड़की पढ़ाई में बहुत अछे थे । सहर की स्कूल में अछि ब्यबस्था के साथ खेल केलिय अच्छा प्रशिक्षण दिया जाता था । दोनों Martial Arts(कराटे) सीखने केलिय क्लास में जॉइन किये । और दोनों स्कूल में अच्छा प्रदर्शन भी दिखाए । कुछ दिन बीत गया दोनों लड़की क्लास में प्रथम आये और Martial Arts केलिय स्कूल की तरफ से दोनों को चुना गया । Martial Arts प्रतियोगिता दूसरे सहर में आयोजित किया गया था । परंतु इसमें संजय को थोड़ा डर था कि कहीं मेरे बच्चे गुम ना हो जाये । दोनों लड़की पिताजी की हौसला बढ़ाया और बोले कि पिताजी आपके लड़की वहुत होशियार है और चालाक भी हैं । हम सही सलामत प्रतियोगिता में भाग लेके और जीत के बापस आएंगे ।

पहले की तरह बात पंचायत तक चली गयी , इस बार संजय को चेतावनी दिया कि तेरे लड़कीयों ने पहले से नाक कटबा कर रखी है । सरपंच बोले सुन ले संजय इस बार लड़की दूसरे सहर में खेलने गए तो तुझे भी गांब से बाहर जाना पड़ेगा । ये बात सुनकर संजय घबरा गया और बोला मेरे लड़कियां खेलने केलीये दूसरे सहर जा रहे हैं । इसमें मेरा क्या दोष है । सरपंच बोले हम बोल दिए ! नहीं जाएगा मतलब !! नहीं जाएगा ।

दो दिन के बाद दोनों लड़की को दूसरे सहर में खेलने जाना था ! उश रात करीब 10 बजह 02-04 गुंडे गांब में पहुंचे और नशे की हालत में हतियार के साथ सरपंच के घर घुसे। सरपंच को मारपीट करने लगे और घर मे जो सम्पति था उसको लेने केलिये संदूक को तोड़ने लगे । सरपंच की लड़की के साथ खराब ब्याबहार करने लगे। संजय की घर से सरपंच की घर थोड़े दूर में है। सरपंच की घर मे गुंडे घुसे है गांब बालो को पता है मगर किसी ने हिम्मत करके उनको बचाने केलिय नहीं गए । सरपंच की घर आवाज़ संजय को सुनाई दिया और बाहर आकर देखा तो पूरा गांब सुनसान और सरपंच की घर से रोने और चिलाने की आवाज़ आ रहा था । यह घटना दोनों लड़की भी देख रहे थे । बिना देरी किये दोनों लड़की सरपंच की घर की और निकल पड़े । दोनों लड़की गुंडे के ऊपर टूट पड़े । देखते देखते सारे गुंडे को मार के नीचे गिरा दिए । दोनों लड़की गुंडो के हात पेर बांध कर गांब के मध्य में ले गए । सुबह तक इंतज़ार किये और सरपंच पुलिस को खबर दिया और पुलिस मौके पर पहुंच कर गुंडों को गिरफ्तार कर लिया ।

सरपंच गांब में रहने बाले लोगो को कहने लगे कि आज अगर ये दोनों लड़की नहीं होते तो मेरे घर की इज़्ज़त मिटटी में मिल जाती। इसलिए आज में भी अपनी लड़की को स्कूल भेजूंगा और इनके जैसा बहादुर लड़की बनाऊंगा। तथा पुलिस भी दोनों लड़की को बहादुरता की पुरस्कार दिया। ये बात खबर कागज में आयी और जिला अधिकारी भी लडकियों को पुरस्कार दिए और गांब की उन्नति केलिए अच्छा रास्ता बनाये और गांब में स्कूल बना ने की मंजूरी दे दिया।

दोनों लड़की आगे होने वाला प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान ग्रहण करके गांब में लौटे। गांब में सारे लड़की को पढ़ने की सलाह दिया तथा गांब में Martial Arts की तालीम देने लगे।

इसी तरह अपने लड़की को बहादुर बनाइये और पढ़ने की हौसला बढ़ाइए।
धन्यबाद !!!
Rubi Nahak (Writer)
Buguda, Ganjam.
Stories main motto the Save Daughter and Teach daughter with save Girl child.
बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ
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