आपकी बात कभी रहेगी भी नहीं !!
ना कभी आपकी बातों को रखा गया है ना आगे भी रखा जायेगा !!
क्यों की यहां मेरा हुकुम चलता है !!
आप बाहर राजा महाराजा हो मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता ।
मगर घर में बॉस हूं !!
अपनी दिमाग में यह फिट कर लो की में हमेशा सही थी और सही रहूंगी !!
अगर में गलत भी किया तब भी सही !!
अगर में सही करते करते गलत भी हो गई तब भी सही है ।
क्यों की में आपकी पत्नी हूं !!
आपकी अर्धांगिनी हूं !!
और सबसे बड़ी बात इस घर की मालकिन हूं !!
आपके ऑफिस में भले ही अपने बॉस की बात मानते हो मगर घर में अपनी पत्नी की बात माननी पड़ेगी !!
नहीं मानोगे तो, अंजाम बुरा होगा !! भुगतना पड़ेगा, और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है !!
एक दयनीय पति की कहानी है दोस्तो ,
जो ना कुछ बोल पाता है,
ना बोलने दिया जा रहा है यहां,
बाहर तो करप्शन है यहां घर में भी करप्शन शुरू होगया है !!
उसने सोच भी लिया तो चुप रहना ही, मेरे लिए भलाई है।
इसलिए B&W always Right
मतलब बॉस और पत्नी ऑलवेज राइट !!
आशा है आप समझ गए होंगे ।
अगर नहीं समझे हैं तो आप शादी सुदा नहीं हो ।
धन्यवाद,
इस लेख को यहां तक धैर्य का साथ पढ़ने केलिए,
कहीं यह तो नहीं पत्नी की दिया गया कार्य में कुछ भूल चूक तो नहीं हुई है।
जरा संभल के , अपना ध्यान रखें ।
स्वस्थ रहें, स्वस्थ रखें और चुप रहें ।
और कुछ नहीं….
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पासवर्ड में स्पैशल कैरक्टर का महत्व

पासवर्ड में स्पेशल characters का महत्व
अभी हर पासवर्ड में आपको स्पेशल कैरेक्टर्स देना अनिवार्य हो गया है
तो क्यों न हम स्पेशल कैरेक्टर्स से हमारे पासवर्ड को और स्पेशल बना दें ।
पहले जमाने में ना मोबाइल था ना ईमेल आईडी सब कुछ अनजान।
अभी हर एक व्यक्ति का उसका पर्सनल मोबाइल है ।
अगर पर्सनल मोबाइल है तो पर्सनल ईमेल आईडी भी होना है ।
और ईमेल में जी मेल को अपको इंस्टाल करना अनिवार्य है क्यों की 90 प्रतिशत से ज्यादा एप्लीकेशन गूगल से संबंधित है ।
तो हर एप्लीकेशन को चलाने केलिए ईमेल आईडी की जरूरत है ।
तो ईमेल आईडी को चलाने केलिए, आईडी और पासवर्ड की जरूरत है ।
और आज कल की पासवर्ड इतना सरल है की अगर कोई बच्चा भी कोसिस करें तो आसानी से खोल सकता है।
तो पहले में यह बता दूं कि लोगों की पासवर्ड देने की तरीका।
जैसे ऊपर में बताया था कि किसका नाम Ram है । तो उसकी पासवर्ड कुछ इस प्रकार है ।
Ram@1983
Ram@1234
Ram@54321
Ram@11111
Ram123@22
Ram@#123456
यह कुछ पासवर्ड Ram के नाम को लेकर और वैसे उसी तरह आपका नाम कुछ अलग है तो आप भी उस तरह लिखते होंगे।
आज की आर्टिकल के अनुसार कुछ नया सीखेंगे जो आपकी पासवर्ड को स्ट्रॉन्ग बनाएगा और कोई हैक करना तो नामुमकिन है ।
तो क्या है ? कुछ उदाहरण देखते हैं।
पासवर्ड में कुछ नियम का पालन करना अत्यंत जरूरी है
1. कैपिटल कैरेक्टर
2. स्मॉल कैरेक्टर
3. नंबर
4. स्पेशल कैरेक्टर
5. मिनिमम आठ करैक्टर होना भी चाहिए
तो ऐसे समूह को लेकर में कुछ पासवर्ड बताऊंगा और आप उस पासवर्ड को इस्तेमाल करके अपना पासवर्ड स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।
ध्यान रहें अपनी नाम और अपनी जन्म दिवस या वर्ष को इस्तेमाल करने से बचें ।
इस प्रकार पासवर्ड का इस्तेमाल जरूर करें,
यह कुछ अलग प्रकार के हैं ।
देखें जरूर , पसंद आया तो इस्तेमाल करें ।
Paisa: ₹$100Paisa
Rupaya: #₹2Rupaya
Space: Space_248
Ocean : O¢e@n5210
Dollar: 55Dollar$
Ram : @@Ram1348
Akhil Kumar : @khilKumar9514
Subhash : $Ub#@$5813
Ashok : @$#Ok24680
Facebook : Muk#Patrika8
Instagram : !N$tt@G6996
Twitter : 7wiTT£π
Reddit : R£dd!7Baba
Sharechat : $#@π3C#@t
Password: P@$$30πd
यह था कुछ उदाहरण
आप अलग तरीके से भी लिख सकते हैं
ज्यादा स्पेशल कैरक्टर की मदद से आप लिखने की कोशिश करें ।
तो आपको यह आर्टिकल कैसा लगा जरूर कॉमेंट करें और कौनसा पासवर्ड स्टाइल आपको अच्छा लगा जरूर बताएं।
जैसी करनी वैसी भरनी
हरेकृष्ण बाबू बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं। उनके पिता के त्याग के बाद, उनके सारा संपति हरेकृष्ण के लिए छोड़ गए हैं। हरकृष्ण बाबू 35 साल से शिक्षक भी रह चुके हैं। उसने अपने जीवनकाल में बहुत संपत्ति जमा कर ली है और उसका भोग करने वाला कोई नहीं है। भाग्य का न तो कोई पुत्र है और न ही कोई पुत्री। शायद उनके जीवन दुर्भाग्य पूर्ण है। अंत में उसने सोचा कि उसका भाई के पुत्र को अपना पुत्र के रूप में ग्रहण करेगा। यहां तक कि अगर कुछ नहीं होता है, तो वह उसके आखरी समय में साथ तो रहेगा। क्या हुआ? जैसा कि कहा जाता है, जिसके नसीब खराब है, उसके साथ अन्याय होता रहता है।
दिन बीत रहा था। हरेकृष्ण बाबू ने सोचा कि उनका बेटा आखिरी वक्त तक रहेगा । तो मुझे इस संपत्ति का क्या करना चाहिए? बिना आगे सोचे-समझे सब कुछ संपाती पुत्र के नाम पर कर दिया, लेकिन जो होने वाला था, धीरे-धीरे परिणाम दिखने लगा। भाई का बेटा, अनंत ने शादी कर ली और पत्नी के बात पे आ कर और हरे कृष्ण बाबू और उसकी पत्नी को घर से निकाल दिया।
अंत में हरेकृष्ण बाबू ने बुद्ध आश्रम में शरण ली। कुछ दिन बीत गए। यह बात हरेकृष्ण बाबू को पता चला कि असल में यह चाल उसके भाई का है ना की उसकी बेटे की पत्नी की है । यह उनके भाई और बेटे की पहले से योजना थी। और आज वो अपने उस प्लान में कामयाब हो गए हैं. सच्चाई का पता चलने पर हरेकृष्ण बाबू ने थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन किसी ने उसकी व्यथा नहीं सुनी। वह खाली हाथ लौट आया। कोई रास्ता न होने के कारण वह चुप रहा।
दिन गुजरते हैं। अंत में, हरेकृष्ण बाबू ने संपती और उनके पुत्र मोह को छोड़ कर भगवान की शरण लेने के लिए वृंदावन चले गए ।
वहां पहुंचे उन्हें एक साल से ज्यादा का समय भी हो गया । उसने खुशी-खुशी अपना जीवन भगवान को समर्पित कर रहे थे और इस दुनिया के सभी भ्रमों को भूल गए। लेकिन कहा जाता है कि अगर कोई पाप किया गया है तो उसका हिसाब जरूर होता है ।
इस बीच, सालों बाद, अनंत की पत्नि । वह अपनी योजना में सफल हो गई और सारी संपत्ति अपने नाम कर ली और एक अन्य युवक के साथ भाग गया। इधर अनंत और उसका परिवार अब भिखारी बन गए । जैसा कि कहा जाता है, “जैसी करनी वैसी भरनी।”
अनंत की पत्नी की शादी दूसरे युवक से हो चुकी है और अब वह विदेश में रह रही है, लेकिन उसकी भी हिसाब होगा, जो झूठ बोलकर धोखा देती है और धन कमाती है, वह धन भी अधिक दिनों तक टिक नहीं सकता।
हरेकृष्ण बाबू ने अपना जीवन ईश्वर को समर्पित कर दिया, लेकिन अनंत के परिवार को अब दो वक्त के भोजन के लिए भीख मांगना पड़ रहा है ।
दो साल बीत गए। एक दिन अनंत को पता चला कि उसकी पत्नी अपने गांव लौट आई है। वह बिना देर किए बदला लेने के लिए अपने ससुराल पहुंच गया। लेकिन वहां जो देखा वह इसके विपरीत था। वहां उसने देखा कि उसकी पत्नी के पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं है ।
उसे पता चला कि उसकी पत्नी जिस युवक के साथ चली गई थी, कुछ दिनों के बाद, युवक ने सारी संपत्ति अपने नाम कर के उसे वेश्या काम करने के लिए मजबूर किया, और जब उसने वेश्या के रूप में काम करने से इनकार कर दिया, तो उसे साथ ही जबरन वेश्या के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया। उसके एक साल बाद वह युवक की पत्नी को गांव में छोड़कर फिर विदेश चला गया।
वहां अनंत की पत्नी भी निराश पड़ी थी। न सम्मान, न मर्यादा, उन्होंने कानून का सहारा लेने की कोशिश तक नहीं की। उसने सोचा कि मैंने जो किया वह मेरे कर्म का फल है और वह अपना जीवन अकेले बिताना चाहती है। लेकिन अनंत को देखकर उनमें थोड़ी हिम्मत आई।
लेकिन अनंत ने आखिरकार अपनी पत्नी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और दुखी होकर दूसरे राज्य में वापस चला गया।
पुराणों और शास्त्रों में लिखी हुई सारी बातें सच हो गई हैं। एक बार फिर मैं कहूंगा, “जैसी करनी वैसी भरनी “
अब सोचिये उस युवक का क्या हुआ? उसके लिए भी कुछ सजा जरूर होगी। वह तो समय बताएगा लेकिन यह कहानी बस इतनी ही थी। इस कहानी के माध्यम से एक संदेश यह था कि यदि हम किसी की प्रति अन्याय करते हैं, तो वह निश्चित रूप से अन्याय के रूप में हमारे ऊपर ही आयेगा ।
तो आप कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको कहानी कैसी लगी।
आपका नीलामाधव भुयां
Fruits in Odia language
कुछ फल को ओड़िया में क्या बोलते हैं और बोलने की तरकीब ,
Some fruits called in Odia and how to speak them,
1. Apple : सेब : ସେଓ (सेओ)
2. Banana: केला : କଦଳୀ (कदली)
3. Mango : आम : ଆମ୍ବ (आंब)
4. Orange : संतरा : କମଳା (कमला)
5. Grapes : अंगूर : ଅଙ୍ଗୁର (अंगूर)
6. Papaya : पपीता : ଅମୃତ (अमृत)
7. Guava : अमरूद : ପିଜୁଳି (पिजुली)
8. Water melon : तरबूज : ତରଭୁଜ (तरबूज)
9. Pineapple : अनानास : ସପୁରୀ ପଣସ (सपुरी पनस)
10. Black berry : जामुन : ଜାମ କୋଳି (जाम कोली)
Shanti (Hindi Roman)
Yah hindi ki roman lipi hai,
Kisi jagah galti milta hai toh sansodhan karke padhne ki krupa karen.
Articles ko Prarambh karte hain,
Shanti Ek aisa shabd jisko sab hasil karna to chahte hain magar kisko milta hai toh kisko nahin. Haan ek kaam hum kar sakte hai kuch samay keliye kuchh rakam dekar woh bhi kuchh samay keliye shanti ko kharid kar hum usko nibha sakte hain.
Magar woh shanti nahin kaha jata hai woh toh paise ki garmi kaha jata hai. Shanti hasil karne ka jagah kahin aur hai aur Woh Hai bhagwan ke Dwar mein.
Woh kaise ?
Apni byast jiban se dur ho kar kuch samay nikalen aur yah samay ko apni Puja Ghar mein ya najdiki kisi mandir mein Jayen aur ush anmol samay ko bhagwan ki bhakti mein khudko leen kardein.
Apni Family ke saath ho ya Akele hi ish samay ko apnayen, jahan apne Maan mein sirf bhagwan ke prati bhakti ke sivay na koi chinta na koi shak sawal apke mann mein nahin chalna chahiye.
Jab app bhagwan ke dwar jate ho toh Khali haat mein Jayen, tight kapde na pahne,
mobile lekar na jaye,
Haan agar jate ho toh befikar hokar kisiki chinta chhod kar mobile ko switch off or Flight mode mein kar ke rakhein.
Agar app kisi jaruri karya mein byast rehte hain aur usi byast samay se kuchh samay bhagwan ke dwar mein bitana chahte ho toh byast se dusra rasta nikal kar wahan pahunche or kisi aur ko ush karya ko kuch samay keliye sonp kar ayen.
Kyun ki jiban mein asli shanti toh mobile ke bina hi sambhav hai.
Khud ko unki charan mein pura samarpit kardein. dekhoge shanti ka asli rah apko yahi milega aur mehsoos bhi karoge.
Bhagwan ka dwar ek aisi jagah hai sab kuch yahan milta hai aur sab yahan aakar dukh jatate hai magar dunia ki sabse dukh ki baat yah bhi hai.
Sab dukhi hone ke baad yahan apni dukh batane aate hain magar manushya jab khusi mein rehta hai tab woh bhagwan ke dwar ko kabhi yaad nahin karte hain.
Magar, mein ish article ka lekhak ke roop me apse binti karta huun ki, aap khus ho ya dukhi ho, mandir kabhi kabhi jaya karen.
Agar aap pratidin jaate ho toh apko bahut bahut dhanyabad magar kabhi kabhi jate ho toh apke liye yah anurodh hai ki mandir jaya karen aur shanti ki asli anubhab bhagwan ke dwar hi hota hai.
Dhanyabad.
सच्चे मित्र
एक गांव में दो दोस्त रहते थे। वे बहुत घनिष्ठ मित्र थे। एक आकाश और दूसरा राजा। जो एक दिन भी किसी को देखे बिना नहीं रह पाता। वे रोज एक साथ स्कूल जाते हैं, साथ बैठते हैं और साथ में खेलते हैं। राजा बुराई करता है, लेकिन आकाश हमेशा उससे कहता है, “राजा ऐसा नहीं करते,” और आकाश हमेशा उसे मना करता है। राजा कभी आकाश की नहीं सुनता और राजा किसी भी मुसीबत में आकाश की मदद नहीं करता। आकाश बहुत साहसी था।
पाँचवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के बाद, गर्मी की छुट्टी पर एक साथ मिलते हैं। आकाश पानी में तैर नहीं सकता लेकिन राजा हमेशा कहता है कि अरे डरो मत पानी में आओ मैं तुम्हें सिखाऊंगा। आकाश सोचता है यदि वह मुझे बिना सिखाए पानी के बीच में छोड़ दे तो मैं डूब जाऊंगी, वह इस बात से डरता था। एक दिन राजा की बात मान ली और आकाश के साथ जल में चला गया। राजा ने पहले तो उसका हाथ पकड़कर समझाया लेकिन फिर उसे गहरे पानी में छोड़ दिया। आकाश के पैर जमीन में नहीं लग रहा था । राजा तालाब के किनारे आया, कपड़े बदले और घर जाने के लिए निकल पड़ा। आकाश चिल्ला रहा था, मुझे बचाओ, मुझे बचाओ, लेकिन राजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और घर की ओर चल दिया। कुछ देर बाद आकाश बहुत पानी पिया भरसक प्रयास करने के बाद वह तालाब के किनारे पर पहुंचा। आकाश राजा से नाराज नहीं हुआ और न ही किसी को इसके लिए कहा। कुछ दिन बीत गए। कुछ दिनों बाद रविवार आया। राजा ने कहा, “चलो, जंगल के पास एक जाम का पेड़ है। बहां चले और बहुत सारे जाम खायेंगे।” आकाश के मना करने के बावजूद राजा उसे घसीट कर ले गया। धूप तेज होने पर सभी घर में हैं। दोनों जंगल के पास जाम के पेड़ के पास पहुंचे। जाम है लेकिन बहुत ज्यादा है। कुछ जमीन पर गिर था और उसने उन्हें इकट्ठा किया और खा लिया, लेकिन वह और खाना चाहता था। राजा ने पास में कुछ पत्थर पड़े देखे, उसने पत्थरों को उठाया और पेड़ की और फेंकने लगा । इस समय राजा जिन पत्थरों को मारता है वे पास की झाड़ियों में गिरता था तो कभी-कभी जंगल में चले जाते हैं। कुछ देर बाद उनका शोर और पत्थर गिरने की आवाज सुनकर दो भेड़िये आ गए। भेड़िये को देखकर दोनों डर गए, दोनों जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। भेड़िये भी उसका पीछा करने लगे। कुछ ही दूर जाने के बाद राजा एक पत्थर से टकराकर गिर पड़ा, जिससे उसका सिर टकरा गया और मूर्छित हो गया। जो राजा आकाश के सामने दौड़ रहा था। अचानक राजा के मुंह से कोई आवाज न सुनकर उसने पीछे मुड़कर देखा तो राजा बहुत दूर था और भेड़ियों ने उसे घेर लिया और राजा के पैर और हाथ काट रहे थे। यह देखकर आकाश बहुत डर गया, वह दौड़ने के लिए निकला पर भाग नहीं सका। एक तरफ है भेडि़ए का खौफ और दूसरी तरफ है राजा की जिंदगी। उसने निश्चय किया कि मैं राजा के प्राण बचाऊँ परन्तु उसके मन में बहुत भय था। आकाश ने हिम्मत जुटाई और चिल्लाते हुए भेड़ियों की ओर दौड़ा, पास के पत्थरों को उठाकर फेंकने लगा। तब तक भेड़िये नहीं जा रहे थे, लेकिन पत्थर फेंकने के बाद भेड़िये डर के मारे निकल गए। आकाश राजा को उठाने लगा। कुछ ही मिनटों के बाद राजा होश में आया और भेड़िए को शब्द याद आए और वह डरने लगा। आकाश ने कहा कि भेड़िये चले गए हैं। राजा ने आकाश से पूछा कि जब तुम आगे दौड़ रहे थे तो तुमने मुझे कैसे देखा। आकाश ने कहा कि तुम्हारे बेहोश होने के बाद भेड़िये तुम्हें काटने लगे। मैं डर गया था लेकिन मैं तुम्हारे जीवन के लिए वापस आ गया क्योंकि तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो। यह सुनकर राजा ने आकाश से पूछा, तुम मेरे सच्चे मित्र हो। राजा ने कहा कि तुम चाहते तो मुझे छोड़ सकते थे और आज तुम्हारे लिए मेरी जान बच गई। फिर वे दोनों गांव आ गए, राजा के पिता ने यह सुनकर आकाश को धन्यवाद दिया और राजा ने दवा और इंजेक्शन लिया और कुछ दिनों के बाद वह ठीक हो गया। बाद में दोनों परिवारों के बीच संबंध काफी घनिष्ठ हो गए। राजा कभी भी आकाश को अकेला नहीं छोड़ता था । हर समय साथ रहते थे। उन्होंने हमेशा एक दूसरे की मदद की।
इस कहानी से क्या सीखा जा सकता है ??
- किसी के साथ गलत नहीं करना है ।
- मुसीबत के समय हमेशा मदद करनी चाहिए।
- किसी के प्रति बुरा भाव न रखें।
ऐसा ही होता है
फिर भी,
मुस्कान और आंसू हैं।
कभी अपना रूप खोता है,
चाहे उम्मीदों की आँधी में हो या सपनों के ज्वार में
बरकरार बरकरार रहता है
अवसाद के विकृत रूप,
जब से समुद्र भी रोता है।
आसमान छूने के लिए,
और धुंधली यादें उभर आती हैं
आंसुओं के ठंडे स्पर्श में…
मेरे नंगे दिल की हर लहर
सपनों की यादें कितनी सुनहरी होती हैं
विडम्बना यह है की
चारों ओर मेरा
कष्टदायी दर्द और अन्य दर्द
उठता रहता है
निर्वाण किस समय बिदाई लेगा
पागलपन की आवाज इतनी कोमल है कि खून भी बहने लगा ।