LCT-97:
कुछ लोग कपड़े को देखकर
दूसरे के साथ बुरा ब्यबहार करते हैं ।
परंतु उन लोगो को दूसरे आदमी के काम
और उसके अच्छा ब्यबहार को देखना चहिए ।
उस जगह *”सम्मान”* की सही उपयोग होगा।।
LCT-98:
आगे होने बाले कुछ महत्वपूर्ण कार्य को सोचकर हम बहुत तनाब में रहते है ।
असल में उस कार्य के बारे में ज्यादा सोचो मत, वह कार्य समय आने पर बहुत सरल हो जाएगा ।
LCT-99:
मोबाइल की नया Update जब आता है तो सब उत्सुकता से अपडेट करके उसका नए तरीके से आनंद लेते हैं।
उसी तरह संपर्क में जब कभी अच्छा संदेश आता है तो उसी संदेश से खुस हो कर जीबन का नबनिर्माण कीजिये, बह संपर्क और बेहतर बन जाएगा।
LCT-100:
गलत काम मत करो और करने पर कड़ी से कड़ी सजा देंगे, ये बात कुछ लोग दूसरे को बहुत सरल से बोल देते हैं ।
सच बात तो ये है कि ! उसके अपने लोग ही सबसे ज्यादा गलत काम करते हैं ।
LCT-101:
कुछ बंधु आपकी समस्या दिखने पर ! बह निसंदेह आपके द्वार पर पहुंच जाते होंगे।
यह नहीं कि उनका कोई स्वार्थ है, परंतु बह बंधुत्व का मूल्य और उसको निभाना जानते हैं ।
Nice thought bro…
Thanks
Thanks