Wish.. इच्छा… ( A Message for all )

Thought
Wish





इच्छा एक ऐसा स्वाभाविक क्रिया है जिसमे हर मनुष्य इसके द्वारा प्रभावी बन जाता है । 

कभी कभी हम इतनी इच्छा रख लेते हैं की, बह साकार होना मुश्किल हो जाता है । और उसका परिणाम हम उस चीज़ को लेकर दुखी हो जाते हैं । 

इच्छा एक ऐसा मनो वैज्ञानिक क्रिया है जो हरवक्त मन में नया पौधा बन कर उभर आता है । जिसको केबल पानी की नही उसके बढ़ने केलिए खनिज पदार्थ की भारी मात्रा में जरूरत पड़ जाता है । 

दुनिया की हर प्राणी इस क्रिया से पीड़ित है । हर पल यह जिज्ञासा देता रहता है की यह मुझे प्राप्त नहीं हुआ ।  

यह क्रिया से लोग पीड़ित होकर अपनी जान हारने की बात भी कर लेते है मगर परिणाम कुछ नहीं आखरी में बह इच्छाएं पूरी नहीं हो पाती है । अच्छा यह होगा कि पाने की कोशिश करते रहो काश देर सही बह आपके नसीब में हो !!!

हां यह कभी कभी हो जाता है । हम इच्छा को एक रोग बना लेते है जिसका अंजाम तनाब का जन्म लेकर सारे काम को बिगाड़ने में सहायता करता रहता है । 

इच्छा को सीमित रख कर देखिए , हर इच्छा आपकी पूरा ना होगा मगर कुछ इच्छाएं तो पूरा हो सकता है । 

इच्छा एक मकड़ी की जाल की तरह है जिसमे हम एक बार फस जाते हैं तो हम बाहर नहीं निकल पाते है ।

जब मनुष्य इच्छा को जीवन का मूलमंत्र बना लेता है और मन में बिस्वास रख कर आगे बढ़ता रहता है तो कुछ राह पर उसको बह मिलने लगता है । 

इच्छा पूरा ना होने पर खुद को खोने की कभी प्रयास ना करें । 

जितना हो सके इच्छा को सीमित रखे और खुस रहें ।

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धन्यवाद….

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