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ଅଜବ ତଥ୍ଯ…୯

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Ajab thathy..୯




ଆଜି କିଛି ନୂଆ ଖବର !!!

ଯେତେବେଳେ ଆପଣ ବିରକ୍ତ ଅନୁଭବ କରନ୍ତି ସେତେବେଳେ ଆପଣ କଣ କଣ କରନ୍ତି ?? ନିଶ୍ଚୟ ଜଣାନ୍ତୁ ।

ତେବେ ସେ ବିରକ୍ତି କର ପରିସ୍ଥିତି ସମୟରେ ଆପଣ କଣ କରିବେ ସେ ବିଷୟରେ ମୁଁ ଆପଣଙ୍କୁ ନୂଆ ଆଇଡିଆ ଦେବୀ। 

Follow କରନ୍ତୁ ଏବଂ ଏବଂ ଏହି ଆଇଡିଆ ବ୍ଯବହାର ପରେ ନିଜ ଲୋକ ମାନଙ୍କୁ ମଧ୍ୟ ଜଣେଇ ପାରିବେ । 
 
ଚାଲନ୍ତୁ ଆରମ୍ଭ କରିବା ।

• ପିଲା ଦିନରୁ ଆପଣଙ୍କ ପ୍ରୀୟ ଫିଲ୍ମ ଯାହା ଆପଣ ଦେଖିଲେ ବହୁତ୍ ଖୁସି ହୁଅନ୍ତି । ତାକୁ ଦେଖନ୍ତୁ । 
ଏବେ ଆପଣ ପଚାରିବେ କେମିତି ? ତାହା ଆପଣ YouTube ଏବଂ ଅନ୍ୟ OTT ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ରେ ଦେଖି ପାରିବେ ।
• ପ୍ଲେ ଷ୍ଟୋର କୁ ଯାଆନ୍ତୁ ନୂଆ ନୂଆ Application ଆସିଛି ତାକୁ ଡାଉନଲୋଡ କରି ତାର ଆନନ୍ଦ ନିଅନ୍ତୁ ।
• ନିଜ ଫୋନ୍ ରୁ ତୁମର ମୂଲ୍ୟବାନ ଡାଟା ବେକ୍ ଅପ୍ ନିଅନ୍ତୁ । ଗୁଗଲ ଡ୍ରାଇଭ୍ ରେ ସେଭ୍ କରନ୍ତୁ ଅନ୍ୟଥା ନିଜ ଲାପଟପ୍ ରେ ସେଭ୍ କରନ୍ତୁ ।
• ନିଜ ପାଇଁ ଗୋଟିଏ ଲେଟର କିମ୍ବା ଡାଇରୀ ଲେଖନ୍ତୁ ଯାହା ଆପଣ ତାକୁ ଯେମିତି ଭବିଷ୍ୟତ ରେ ଦେଖି ପାରିବେ । ସେଥିରେ ନିଜର ଲକ୍ଷ୍ୟ ଆଉ ଆଶା ଲେଖି ରଖନ୍ତୁ । ଦିନ ଏବଂ ସମୟ ମଧ୍ୟ ନିଶ୍ଚୟ ଦେବେ । 
• Paint କରିବାର ଯଦି ଇଛା ରଖୁଛନ୍ତି ତେବେ Water Color ର ସାହାଯ୍ୟରେ କିଛି Paint ବନେଇବା ପାଇଁ ଚେଷ୍ଟା କରନ୍ତୁ । 
• ଯାହାକୁ ଆପଣ ଆଦର୍ଶ କିମ୍ୱା ଭଲ ଗାଇଡର ମାନନ୍ତି ତାଙ୍କୁ କଲ୍ କରି ତାଙ୍କ ଠାରୁ କିଛି ଉପଦେଶ ନିଅନ୍ତୁ କିନ୍ତୁ ପ୍ରଥମେ ତୁମ ଗାଇଡର ପାଖରେ ଉଚିତ୍ ସମୟ ଏବଂ ଅନୁମତି ନେଇ କଥା ହେବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରନ୍ତୁ। 
• ନିଜର Password କୁ ଚେଞ୍ଜ କରନ୍ତୁ ।
• ପୁରୁଣା ଫଟୋ ଆଲବମ ଦେଖନ୍ତୁ ।
• ଜୋକ୍ କିମ୍ବା କିଛି ଷ୍ଟୋରି ବହି ପଢନ୍ତୁ। 
• ତୁମର ମେଲ୍ ଆଇଡି ରେ ବେକାର ସାଇଟ active ଥିବ ତାକୁ Unsubscribe କରନ୍ତୁ ।
• ପୁରୁଣା ମେଲ୍ କୁ ଡିଲିଟ କରନ୍ତୁ ।
• ନିଜର ଆଗାମୀ Birthday ପାଇଁ କିଛି ପ୍ଲାନ୍ କରନ୍ତୁ ।
• ବୁଲିବା ପାଇଁ ସ୍ଥାନ ସ୍ଥିର କରନ୍ତୁ ।
• ନିଜର ପ୍ରିୟ ଜନଙ୍କୁ Surprise ଦେଲା ଭଳି କିଛି କାମ କରନ୍ତୁ ।
• ଆଲମାରୀ କିମ୍ବା ନିଜ ବକ୍ସ ରୁ ବେକାର ଜିନିଷ ବାହାର କରି ସେ ସ୍ଥାନରେ ନୂଆ ଜିନିଷ ରଖନ୍ତୁ ।
• ପୁରୁଣା Teeth Brush କୁ ଚେକ୍ କରନ୍ତୁ ଯଦି ପୁରୁଣା ହୋଇଥାଏ ତେବେ ନୁଆ ରଖନ୍ତୁ ।

ଏମିତି ବହୁତ୍ କାମ ଅଛି । ତେବେ ଏତିକି ଆପଣ ପାଇଁ ଥିଲା। ତେବେ ଏହି ପଏଣ୍ଟ ମଧ୍ୟରୁ ଆପଣ କୋଉ ପଏଣ୍ଟ କୁ ପାଳନ କରିବେ ନିଶ୍ଚୟ କମେଣ୍ଟ କରିବେ ତଥା ନୂଆ ଯଦି କିଛି କରନ୍ତି ତେବେ ସେ କାମ ଟି କଣ ମୋତେ ଲେଖି ଜଣେଇବେ ।

@@@ ଧନ୍ୟବାଦ @@@

By. Nilamadhab Bhuyan


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Lifestyle Changing Thoughts..100

Lct
Lct100


LCT-516
जब समय था तब बहुत समय बरबाद किए,
अभी पश्चाताप के सिवाय कुछ समय ही नहीं बचा,
इसलिए समय की कदर कीजिए।




LCT-517
बतन की बात आ जाएं तो
दिल में अजीब सी उमंग आ जाता है,
क्यूं की में उस मिट्टी का पुत्र हूं
जिन्हे सब हिन्दुस्थान कहते है ।




LCT-518
आपकी तकदीर बाली रेखा आपकी मेहनत से बनेगी, सोचने बाली बात यह है की आपको लक्ष्य की और जाना है या और कहीं ?

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/some-customs.html



LCT-519
कुछ लोग मजबूरी में गलत काम कर लेते हैं,
असल उस दौरान किया गया कार्य भविष्य में बड़ी समस्या बन कर आपके सामने खड़ी हो जाती है ।





LCT-520
किसी चीज़ केलिए पागल होना और किसी केलिए पागल होना दोनों में अंतर है। एक आपको ऊंचाई की और ले चलेगा तो दूसरा आपको पूरी तरह नीचे झुका देगा । चयन कीजिए ।




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Lifestyle Changing Thoughts..99

Lct99



LCT-511
अपनी काबिलियत उसके सामने दिखाइए
जहां आप उससे बेहतर कर सको ।

https://www.bhuyansblog.in/2019/05/the-bravery-girls.html



LCT-512
कोई कार्य केलिए झूट बोले हो और मन में पकड़े जाने की डर है।
सच तो ये है कि आप जरूर पकड़े जाओगे क्यों कि आप ईमानदार हो ।




LCT-513
झूट बोलना पसंद नहीं,
नहीं झूट बोलने वालों को पसंद है,
मगर यही सोच रखने बाले मुझे बहुत पसंद है ।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/kaincha-budhi.html



LCT-514
चिंता मुक्त होने का सवाल ही नहीं उठता
क्यूं की जीवन है तो चिंता तो रहेगा ।
अच्छा होगा खुश रहना सीख लो !!!




LCT-515
ऐसे सोच रखे कि जितना है मेरे पास बह पर्याप्त है । क्यूं की दूसरे को देखोगे तो अपने में कमी नजर आयेगा।



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Lifestyle Changing Thoughts..98

Lct98


LCT-506
दुसरे को कामयाबी दिलाना ही
आपकी सबसे बड़ी कामयाबी है ।



LCT-507
हर सख्स को देखकर उसकी कुंडली मत बताइए क्यूं की आप एक इंसान हो।
क्यूं की कुंडली देखने बाला नहीं जानता कि भविष्य में उसके साथ क्या होने वाला है ।



LCT-508
अगर आपकी दुश्मन दुखी है तो
सोच लो कि आपकी अच्छी समय चल रही है।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/magic-tree.html


LCT-509
आंख में पट्टी बांध कर गलती करने वाले से सतर्क रहें क्यूं की बही गलती आपके पीठ के पीछे फिर से करेगा ।


LCT-510
चुगली करना भी एक कला है,
जहां अपनी गलती को कायदे से छुपाया जाता है ।


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Lifestyle Changing Thoughts..97

Lct97

LCT-501
मुकाबला से बेहतर अच्छा ब्यबहार
आपको आसानी से जीता सकता है ।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/chandamama.html



LCT-502
स्वार्थ से सेवा करोगे तो परिणाम
मै थोड़ा बहुत कमी रह जाएगा ।
निस्वार्थ सेवा ही सच्चा सेवा है।





LCT-503
बनने की इच्छा और करने बाली जोश एक ही धारा मे चले तो सफलता वाली सीढ़ी अपने आप दिख जाएगा ।





LCT-504
दूसरे को कम समझना गलत फेहमी तब साबित हो जाता है जब बह आपसे एक कदम आगे रहता है ।




LCT-505
अपनी कार्य से कीसिके आंख में आशु आजाए यह सफलता नहीं आपकी हार कहलाता है ।


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Lifestyle Changing Thoughts..96



LCT-496
हर कदम के बाद नया मोड़ आयेगा,
ध्यान रहे हर मोड़ के बाद नई रास्ता सुरु होगा ।






LCT-497
आजकल अच्छा दिखने बाला इंसान
हदसे ज्यादा खतरनाक साबित होते है ।





LCT-498
बुराई की दौर से जीत हासिल करके
आगे बढ़ने बाला ही सफ़ल होता है।





LCT-499
अच्छा इंसान तब कहलाओग जब
पीठ के पीछे आपकी बुराई करने बाला हो।




LCT-500
है कोई इस दुनिया मे जिसने बिना चोट खाए
सफलता पे कदम रखा हो ???



Lct96

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Lifestyle Changing Thoughts..95

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LCT-491
असलियत को जाने बिना किसीको दोषी करार देना आपका धर्म से विरूद्ध है ।

https://hi.quora.com/q/dainika-jivani-cintadhara?invite_code=zdfuHZgkypCrbBinF4vM



LCT-492
कुछ नया करते चलो यारों दुनिया भी बोलेगा
कुछ सुधार हुआ है इस नए अवसर पर ।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/new-year-resolutions-2021.html



LCT-493
अगर कोई आपको दूसरो की कमी बता रहा है तो सावधान हो जाइए बह व्यक्ति आपकी कमी को और किसीको भी बताता होगा ।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/blog-post_1.html



LCT-494
साधारण सोच लेकर आगे बढ़ने पर दुनिया आपकी सोच से ज्यादा कठिन परिस्थिति उत्पन्न करता रहता है । खुद को मजबूत बनाएं।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/blog-post.html



LCT-495
मुफ्त में मिलने वाला फल को
मेहनत से किए गए कार्य के साथ तुलना मत करे ।

http://www.bhuyansblog.in/2021/01/102nd%20day.html

Lifestyle_Changing_Thoughts_In_Hindi_Part_95

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Lifestyle Changing Thoughts..94

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LCT-486
सबसे बड़ा हस्ती बही बनता है,
जो कार्य ज्यादा और कम सोता हो !!

http://www.bhuyansblog.in/2020/11/lakshman-rekha.html



LCT-487
दूसरे को बोलना तब आसान हो जाता है,
जब सामने बाला ब्यक्ती की कमी दिखता हो।

http://www.bhuyansblog.in/2020/11/cheating.html



LCT-488
अगर आप सुंदर दिखते है तो
जलने बाले आपको बुराई करते रहेंगे ।





LCT-489
भूक की असली हिसाब उन्हें पता होता है
जो हर रात भुका रहता हो।





LCT-490
लोग अपने ऊपर कभी विचार नहीं करते,
मगर दूसरे की बात को जल्द विचार करने लगते हैं ।



Lifestyle_Changing_Thoughts_In_Hindi_Part_94

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Lifestyle Changing Thoughts..92

 
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LCT-476
कहावत को बक्त के साथ जाने दो,
अपनी सोच इस्तेमाल करो देखोगे आगे बढ़ने में आपको कोई नहीं रोक सकता ।

http://www.bhuyansblog.in/p/surabhi-odia.html



LCT-477
दुश्मन कभी भी बोल कर बार नहीं करते इसलिए अपनी ताकत को बचा कर रखें ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/lifestyle-changing-thoughts-in-hindi.html



LCT-478
असलियत कोई नहीं जानता सिवाय आपके मन,
जबतक चर्चा नहीं करोगे तब तक आपके संदेह कभी दूर नहीं होगा ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/whats-your-options-new-tax-or-old-tax.html



LCT-479
कांटे बाली रास्ते हर जगह मिलेगा,
फूल बाला रास्ता जब मिलता है तब
हम महसूस नहीं कर पाते हैं ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/lifestyle-changing-thoughts-in-hindi_17.html



LCT-480
तरीका अच्छा या बुरा नहीं होता,
तरीका अपनाने वाले के कार्य के ऊपर निर्भर करता है।

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/lifestyle-changing-thoughts-in-hindi_21.html



Lifestyle_Changing_Thoughts_In_Hindi_Part_92

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Lifestyle Changing Thoughts..93

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LCT-481
संपर्क कितना भी मजबूत क्यूं ना हो,
दरार लाने केलिए एक गलती काफी है ।
गलती करने से पहले 10 बार सोचे…

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/lifestyle-changing-thoughts-in-hindi_3.html



LCT-482
ऐसा पल के बारे में सोचो ही मत
जिसकी वजह से आपको बार बार रोना पड़े ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/lifestyle-changing-thoughts-in-hindi_3.html


LCT-483
स्वयं के अंदर एक बार झाक कर देखिए,
कहीं अपने में कुछ कमी तो नहीं है ।

https://youtu.be/KfZq5p0S21k



LCT-484
आप सुंदर कैसे दिखेंगे ये आपकी कपड़ा के ऊपर निर्भर है ,
और कपड़ा की सुन्दरता उसकी रंग में नहीं आपकी पहनावे में है ।

http://www.bhuyansblog.in/p/prema-eka-bhabanara.html




LCT-485
एक परिक्षा है जिसमे आपको अकेले दुनिया में संयम के साथ आगे बढ़ना है। उसिको अकेलापन कहा जाता है ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/12/blog-post.html

Lifestyle_Changing_Thoughts_In_Hindi_Part_93

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Lifestyle Changing Thoughts 91

Lct91
LCT-471
पैसे की कीमत तब पता चलता है,
जब अपना कोई अस्पताल में भर्ती हुआ हो।
बचत भी जरूरी है।

http://www.bhuyansblog.in/p/thoughts.html


LCT-472
आपकी चेहरा मायने नहीं रखता जहां पर आपकी काम को देखा जाना चाहिए, मगर देखने बाला दयालु होना जरूरी है ।

http://www.bhuyansblog.in/p/prema-eka-bhabanara.html


LCT-473
भगवान की कृपा है जो आप चार दीबार के अंदर है, ठंड की असली अनुभव तो बह करते हैं जिन्हे केबल देशप्रेम उनके मन में बसा है ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/11/some-useful-tips.html



LCT-474
कपड़े में सुंदर नहीं,
असली सुंदर तो आपके मन में है,
मन को स्वच्छ रखें ।

http://www.bhuyansblog.in/2020/09/hospital.html




LCT-475
कुछ इच्छा सीमित होना जरूरी है
नहीं तो बह इच्छा आपको दुःख दे सकता है ।

http://www.bhuyansblog.in/p/other_15.html


Lifestyle_Changing_Thoughts_In_Hindi_Part_91

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ଲୁହା କଣ୍ଟା

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Iron pin
ଲୁହା ଖଣିରେ ଜନ୍ମ ମୋର । 
ଅଳ୍ପ ଲୌହ ରେ ଏମିତି ଏକ ବସ୍ତୁ ଯାହା ମଣିଷ ଜୀବନର ଆବଶ୍ୟକ କୁ ପୁରଣ କରିବାକୁ ସାହାଯ୍ୟ କରେ । 
ସତରେ ମୋତେ ମଣିଷ କେବଳ ସ୍ବାର୍ଥ ପାଇଁ ବ୍ୟବହାର କରେ । 
କଣ ମୋର ଜନ୍ମ ?
କେବଳ କାଠ କିମ୍ବା ସିମେଣ୍ଟ ପରତ କୁ ଚିରି ଗଭୀରତା କୁ ନ ମାପି ତାକୁ ଜାବୁଡ଼ି ଧରିବାକୁ । 
କଣ ଏ ଜିବନ କେବଳ ଶକ୍ତ ପ୍ରହାର ଖାଇବାକୁ ଜନ୍ମ ମୋର ??
କେତେବେଳେ ସୁଦୃଢ଼ ଭାବେ କାନ୍ଥ ଅବା କାଠ କୁ ଚିରି ପଶିଯାଏ ତ ଆଉ କେତେବେଳେ ମୋର ଅସ୍ତିତ୍ବ ରୁ ମୁଁ ବାହାର ହୋଇ ବଙ୍କା ହୋଇ ଗାଳି ଏବଂ ଅପଦାର୍ଥ ର ନାମକରଣ କରାଯାଏ।  
କଣ ଯେ ମୋର ଅସ୍ତିତ୍ବ ?? 
କାହିଁକି ମୋର ଏହି ଜୀବନ ରେ ଜନ୍ମ ମୁଁ ଜାଣେନା ?? 
ଅନ୍ୟ ର ଘର ସଜାଡ଼ିବା ର ଏକ ନାମ ମାତ୍ର ବସ୍ତୁ ମୁଁ ।
ମୁଁ ହେଉଛି ଲୁହା କଣ୍ଟା। 
ନୀଳମାଧବ ଭୂୟାଁ (ଲେଖକ)
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Ego(अहंकार)

कुछ लोगों का अहंकार ज्यादा रहता है ।
वैसे होना तो गलत है मगर मनुष्य बही अभ्यास नहीं छोड़ पाता है ।
एक उदाहरण के तोर पर बोल सकता हूं की अगर आप खुदको गर्व महसूस कर रहे हो तो इसका सीधा मतलब यह है की आपके पास कुछ चीजे ज्यादा हो गया है। 
चाहे बह धन हो या ज्ञान या ऐसा कोई चीज जो आप दूसरे के सामने दिखा सको ।
और बही दिखावा को अहंकार कहलाता है ।
दूसरे के साथ तुलना करना आरंभ कर देते हो। 
यह प्रक्रिया सब नहीं करते है , यह कला कुछ लोगों के पास सीमित रहता है। 
यह सब दिखावा कुछ व्यक्ति या महिला में देखने को मिलता है।  
उनका व्यवहार में आप देख पाओगे ।
की मेरे पास यह ज्वैलरी है, हमारे बड़े घर, बड़े गाड़ी है और अच्छा बंगला है । 
यह सब महिला को देखने को मिल रहा था मगर अभी पुरुष भी करने लगें हैं ।
 यह सच है की आप यह साथ में लेके नहीं जाने वाले हो । 
और साथ में लेने आपको कोई अनुमति नहीं देगा ।
जो कर रहे हो या दिखावा कर रहे हो । यह कुछ नहीं रहेगा । 
जिंदगी एक चुटकी में चले जायेगा तो सब बेकार हो जायेगा। 
जिस धन को लेकर गर्व कर रहे थे सब पराया हो जायेगा।  
बेहतर यह है की, आपके पास जितना महजूद है और जितना मिल रहा है उसमे संतुष्टि होने की कोशिश करो ।
संतुष्टि नहीं रहोगे तो आपको कहीं पे भी ठोकर लग सकता है। होस आने तक इंतजार न करें । क्यों की बिलंब हो गया तो सब बेकार हो जायेगा ।
आपकी अहंकार की बजह से आपकी अपने लोग दूर भाग जायेंगे ।
तब तक आपकी उम्र भी हो जायेगा और आप एक बेकार मनुष्य की गिनती में गिने जाओगे ।
फिर से कह रहा हूं , अहंकार को त्याग करे और सबके साथ मेल मिलाप से रहें ।
उसमे आपकी हो भलाई है ।
धन्यवाद ।
By. Nilamadhab Bhuyan

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ରାଜକୁମାର ( Rajkumar )

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Rajkumar
ସୁନିଳ ଆକାଶ ତଳେ ତରୁ ଲତା ବନ ପାହାଡ ମଧ୍ୟରେ ଗୋଟେ ବିରାଟ ବଡ ଘର ଥିଲା । ସେ ଘର ଥିଲା ଶ୍ୟାମ ବାବୁଙ୍କ ଘର । ସେହି ଘରେ ଶ୍ୟାମ ବାବୁ ଓ ତାଙ୍କ ସ୍ତ୍ରୀ ଏବଂ ତାଙ୍କ ମା ଓ କୁନି ଝିଅ ସହ ସେଠୀ ବାସ କରନ୍ତି । ସେହି ଘର କେଉଁ ସ୍ବର୍ଗ ମହଲ ଠାରୁ କମ୍ ନୁହେଁ । ଯେ କୌଣସି ଲୋକ ସେ ଘରକୁ ଦେଖି ଅଟକି ଯାଏ । ଦିନେ ଝିଅ ରାଣୀ ବାପାଙ୍କୁ କହିଲା କି ବାପା ଏହି ଘର କାହାର ଥିଲା । ବାପା କହିଲେ ଏହି ଘର ମୋ ବାପା ଙ୍କ ବାପାର ଥିଲା। ସେ ବହୁ ରାଜାଙ୍କ ଘର ବନେଇଥିଲେ । ସେ ମଧ୍ୟ ଏହି ଘରକୁ ରାଜମହଲ ଭଳି ଘର ବନେଇଲେ । ଏହା ଶୁଣି ରାଣୀ ବହୁତ୍ ଖୁସି ହେଲା ଏବଂ ବାପା ରାଣୀ କୁ କହିଲେ ତୋର ଆଉ ଯାହା ଜାଣିବାର ଅଛି ତେବେ ଜେଜେ ମା ଙ୍କ ଠାରୁ ପଚାରି ବୁଝିନେ । ମୋର ବହୁତ କାମ ଅଛି ମୁଁ ଯାଉଛି । ରାଣୀ ସେଠାରୁ ଧାଇଁ ଆସି  ଜେଜେମା ଙ୍କୁ ନିଜ ଘର ର ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ ବିଷୟରେ ପଚାରିଲା ଏବଂ ଜେଜେ ମା ସବୁ କଥା କହିଲେ  । ଜେଜେ ମା କହିଲେ ଆଜି ଜଣ ଙ୍କ ଘର କୁ ଯିବାର ଅଛି  ତୁ ଯିବୁକି ମୋ ସହିତ। ରାଣୀ ପଚାରିଲା କଣ ପାଇଁ ଯିବ ସେଠାକୁ  ଏବଂ କଣ କାମ ଅଛି ସେଠୀ  ? ଜେଜେ ମା କହିଲେ କି  ସେଠୀ ଜଣ ଙ୍କର ବାହାଘର ଅଛି ତେଣୁ ସେଠା କୁ ଯିବାକୁ ହେବ। ତୁ ମୋ ସହିତ ଯିବୁକି କହ ? ରାଣୀ ହଁ ମାରିଲା କହିଲା, ମୁଁ ଯିବି ବାହଘର କେମିତି ହେଉଛି ଦେଖିବି । ଜେଜେ ମା ତାକୁ ସାଙ୍ଗରେ ନେଇଗଲେ । ବାହାଘର ସାଜସଜ୍ଜା କୁ ଦେଖି ରାଣୀ ବହୁତ୍ ଆନନ୍ଦ ନେଲା । ଆଉ ସେ ଜେଜେ ମାଙ୍କ ସହ ସେ ଘର ଭିତରକୁ ଗଲା । ସେଠୀ ସେ ବର ଓ କନ୍ୟା କୁ ଦେଖି ପଚାରିଲା । ଏଠି ଏମାନେ କିଏ ଜେଜେ ମା ? ଜେଜେ ମା କହିଲେ, ଏମାନେ ହେଉଛନ୍ତି ନବ ଦମ୍ପତି । ଏମାନେ ଦୁହେଁ ଦୁହିଁଙ୍କୁ ବିବାହ କରିବେ । ସେଠୀ ଦେଖ ସେମାନଙ୍କ ବିବାହ ପାଇଁ ବେଦୀ ପଡ଼ିଛି । ସେ ସବୁ ଦେଖି ରାଣୀ ପଚାରିଲା ଜେଜେ ମା ଏମିତି ସମସ୍ତେ ବିବାହ କରନ୍ତି କି ? ଜେଜେ ମା ହସି କହିଲେ ହଁ ସମସ୍ତେ ଏମିତି ହିଁ ବିବାହ କରନ୍ତି । ସେଠୁ ବିବାହ ଉତ୍ସବ ସରିବା ପରେ ରାଣୀ ଓ ଜେଜେ ମା ଘରକୁ ଆସିଲେ ।
 ତାପର ଦିନ ସକାଳେ ରାଣୀ ଛାତ ଉପରେ ବସି ଭାବୁଥାଏ । ଜେଜେ ମା ଆସି କହିଲେ, ମୋ ଗେଲି ରାଣୀ ଏକା ବସି କଣ ଭାବୁଚି? ରାଣୀ କହିଲା ଜେଜେ ମା ତମକୁ ଗୋଟେ କଥା ପଚାରିବି ନା ? ଜେଜେ ମା କହିଲେ ହଁ ପଚାର, କଣ ପଚାରିବୁ ? ରାଣୀ କହିଲା ଜେଜେ ମା କାଲି ଆମେ ଯେଉଁ ବାହାଘର ଦେଖିଲେ ସେମିତି କଣ ମୋର ବି ବାହଘର ହେବ ? ଜେଜେ ମା ହସି ହସି କହିଲେ ହଁ ହଁ ମୋ ଗେଲି, ତୁ ବି ଏମିତି ବାହା ହେବୁ । ମୋ ଗେଲି କୁ ନେଇଯିବା ପାଇଁ ଆକାଶ ରୁ ରାଜକୁମାର ରଥରେ ବସି ଆସିବ । ରାଣୀ ଜେଜେ ମା ଙ୍କ ଏହି କଥା କୁ ଗଣ୍ଠି କରି ରଖିନେଲା ଏବଂ ତା ମନରେ  ସବୁବେଳେ ରାଜକୁମାର ହିଁ ରହିଲା । ସେ ରାଜକୁମାର ର ସ୍ବପ୍ନ ଦେଖିବା ଆରମ୍ଭ କରିଦେଲା। 
ଦିନ ପରେ ଦିନ ବିତି କିଛି ବର୍ଷ ବିତି ଗଲା । ରାଣୀ ବଡ ହୋଇ ଯାଇଥାଏ। ସେ ସମୟରେ ତା ଜେଜେ ମା ବହୁତ୍ ଅସୁସ୍ଥ ହୋଇଯାଇଥିଲେ । କିଛି ଦିନ ଅସୁସ୍ଥ ଅବସ୍ଥାରେ ରହିଲେ । ଦିନେ ରାଣୀ ବିଦ୍ୟାଳୟ ଯାଇଥାଏ । ସେହି ସମୟ ମଧ୍ୟରେ ଜେଜେ ମା ଙ୍କ ମୃତ୍ୟ ହୋଇଗଲା । ରାଣୀ ବିଦ୍ୟାଳୟ ରୁ ଆସି ବହୁତ୍ କାନ୍ଦିଲା କାରଣ ଜେଜେ ମା ତାର ବହୁତ୍ ଭଲ ସାଙ୍ଗ ଥିଲେ । ସବୁବେଳେ ରାଣୀ ଜେଜେ ମା ଙ୍କୁ ମନେ ପକାଇ ଦୁଃଖୀ ହୋଇ ରହେ । କିଛିଦିନ ଗଲାପରେ ରାଣୀ ର ବାପା ରାଣୀ ପାଇଁ ପୁଅ ଦେଖା ଆରମ୍ଭ କଲେ ଏବଂ ଦିନେ ରାଣୀ କୁ ଦେଖିବା କୁ ପୁଅ ଘର ଲୋକ ଆସିଲେ । ରାଣୀ କୁ ବହୁତ୍ ସଜେଇ ନେଇକି ଆସିଲେ ଠିକ୍ ରାଜକୁମାରୀ ପରି । ପୁଅ ଘର ରାଣୀ କୁ ଦେଖି ବୋହୂ କରିବାକୁ ଈଛା  କରିଲେ କିନ୍ତୁ ରାଣୀ ସେଇ ପୁଅ କୁ ବିବାହ କରିବାକୁ ରାଜି ନଥିଲା । କାରଣ ତା ଜେଜେ ମା କହିଥିବା ରାଜକୁମାର ଅପେକ୍ଷା ରେ ସେ ବସିଥିଲା । 
ରାଣୀ ଭାବୁଥାଏ ମୋ ରାଜକୁମାର ଘୋଡ଼ା ରେ ବସି କେବେ ଆସିବ ? ଏବଂ ମୋତେ ରାଜକୁମାରୀ କରି ନେଇଯିବ । ସେ ତା ବାପା ଙ୍କୁ ମନା କରିଦିଏ ମୁଁ ଏହି ପିଲାକୁ ବିବାହ କରିପାରିବି ନାହିଁ କିନ୍ତୁ ରାଣୀ ସେଇ ପୁଅ କୁ ଆଖି ଉଠେଇ ବି ଦେଖିନଥିଲା । ସେ ତାର ମନର ରାଜକୁମାର କୁ ବିବାହ କରିବ  ବୋଲି କହି ସେଠୁ ଚାଲିଗଲା। ଜେଜେ ମା ଙ୍କ ଫୋଟ ପାଖରେ  ବସି କାନ୍ଦି କାନ୍ଦି କହିଲା ତୁମେ ମୋତେ କହିଥିଲ ଯେ ମୋ ପାଇଁ କୁଆଡେ ରାଜକୁମାର ଆସିବ । ମୋତେ ବିବାହ କରି ତା ସାଙ୍ଗରେ ନେଇଯିବ କିନ୍ତୁ ମୋତେ ବିବାହ କରିବାକୁ ସେମିତି କିଏ ଆସୁନାହାନ୍ତି । ତୁମେ ମୋତେ କଣ ପାଇଁ  ରାଜକୁମାର ସହିତ ବିବାହ ପାଇଁ ଆଶା ଦେଖାଇ ଚାଲିଗଲ, ଜେଜେ ମା  । ଏମିତି କହି ରାଣୀ ବହୁତ୍ କାନ୍ଦିଲା । ସେହି ସମୟରେ ରାଣୀର ମା, ରାଣୀକୁ ପଚାରେ ତୁ କାହଁକି କାନ୍ଦୁଛୁ ? ତୁ ତ ବାହା ହେବୁନି ମନା କରିବା ପରେ ତୋ ବାପା ତାଙ୍କୁ ମନା କରିଦେଇଛନ୍ତି ପୁଣି କାହିଁକି କାନ୍ଦୁଛୁ । ଏହା ଶୁଣି ରାଣୀ ଚୁପ୍ ହୋଇଗଲା । ତା ପର ଦିନ ନିଜ ଘର ପାଖ ପାହାଡ ପାଖକୁ ବୁଲିବାକୁ ଯାଏ । ସେ ପ୍ରକୃତି ର ମଜା ନେଉଥିଲା ସେହି ସମୟରେ ଗୋଟିଏ ବଣୁଆ ହାତୀ ଭୟଙ୍କର ରଡ଼ି କରି ରାଣୀ ଆଡ଼କୁ ମାଡି ଆସିଲା। ରାଣୀ  ହାତୀକୁ ଦେଖି ଡରରେ ଦୌଡ଼ିବାକୁ ଲାଗିଲା। ନିଜ ପ୍ରାଣ ବଞ୍ଚାଇବା ପାଇଁ ସେ ଉପାୟ ଶୂନ୍ୟ ହୋଇ ଜଙ୍ଗଲ ଭିତରକୁ ଦଉଡ଼ି ଗଲା ।
ସେହି ସମୟରେ ଗୋଟିଏ ପୁଅ ମୁନିବର ଙ୍କ ଘୋଡ଼ା କୁ ବୁଲେଇବା ପାଇଁ ଆଣିଥାଏ । ଯେତେବେଳେ ସେ ରାଣୀ ର ଚିତ୍କାର ଶୁଣିଲା ସେ ଦୌଡ଼ିଗଲା ଜଙ୍ଗଲ ଭିତରକୁ ।  ସେଠୀ ସେ ହାତୀ ଠାରୁ ରାଣୀ କୁ ଉଦ୍ଧାର କରିନିଏ । ସେଠୁ ରାଣୀକୁ ଘୋଡାରେ ବସାଇ ତାକୁ ଆଣେ । ସେ ପୁଅକୁ ଦେଖି ରାଣୀ ବହୁତ୍ ଖୁସି ହୁଏ ।ସେ ସେହି ପୁଅକୁ ସ୍ୱପ୍ନର ରାଜକୁମାର ବୋଲି ଭାବିନେଲା । ଗେରୁଆ ବସ୍ତ୍ର ସହିତ ବଳବାନ ଦେହ, ଲାଗୁଥିଲା ଯେମିତି କେଉଁ ରାଜାଙ୍କ ପୁତ୍ର । ରାଣୀ ସେହି ପୁଅକୁ ନିଜ ପରିଚୟ ଦିଏ ଏବଂ ସେଇ ପୁଅ କୁ ତା ନିଜର ପରିଚୟ ପଚାରେ । ସେ ପୁଅ କହେ ମୁଁ ସୁରେନ୍ଦ୍ର । ମୁଁ ଏହି ପାଖ ମୁନିବର ଆଶ୍ରମ ରେ ମୁନିବରଙ୍କ ସେବା କରୁଛି । ସୁରେନ୍ଦ୍ର ରାଣୀ କୁ ନେଇ ମୁନିବର ଙ୍କ ଆଶ୍ରମ ଅଭିମୁଖେ ଚାଲେ । ମୁନିବର ରାଣୀକୁ ଦେଖି ପଚାରନ୍ତି ଏହି କନ୍ୟା ଜଣକ କିଏ ? ୟାଙ୍କ ନାମ ରାଣୀ ସେ ହାତୀ ର ଆକ୍ରମଣର ଭୟରେ ଜଙ୍ଗଲ ଭିତରକୁ ଚାଲି ଯାଇଥିଲେ । ଜଙ୍ଗଲ ଭିତରେ ଚିତ୍କାର ଶବ୍ଦ ଶୁଣି ମୁଁ ତାଙ୍କୁ ସେ ହାତୀ କବଳରୁ ଉଦ୍ଧାର କରି ଆଣିଛି । ଏହା ଶୁଣି ମୁନିବର ଖୁସି ହୋଇ ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ଦୀର୍ଘାୟୁ ଭଵଃ ର ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେଲେ ।
ମୁନିବର ରାଣୀ ର ମନ କଥା ପଢ଼ି ପାରିଲେ ଏବଂ ସେ ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ରାଜକୁମାର ଭାବେ ବାଛି ସାରିଛି ବୋଲି ଜାଣି ପାରିଲେ । କିଛି ବର୍ଷ ତଳର କଥା ମନେ ପକେଇବାକୁ ବାଧ୍ୟ ହେଲେ । ସୁରେନ୍ଦ୍ର ହେଉଛି ଜଣେ ରାଜକୁମାର। ସର୍ତ୍ତ ମୂଳକ ଭାବେ ମୁନିବର ରାଜା ଙ୍କୁ ପୁତ୍ର ପ୍ରାପ୍ତି ର ଆଶୀର୍ବାଦ ଦେଲେ ଏବଂ ପ୍ରଥମ ସନ୍ତାନ ମୁନିବର ଙ୍କୁ ଦେବେ ଏବଂ ଦ୍ଵିତୀୟ ପୁତ୍ର ସେ ଦେଶର ରାଜ କୁମାର ହେବ ବୋଲି କହିଥିଲେ।  ସର୍ତ୍ତ ଅନୁଯାୟୀ ରାଜା ଜନ୍ମ ପରେ ପରେ ନିଜ ପ୍ରଥମ ପୁତ୍ର କୁ ମୁନିବର ପାଖରେ ଛାଡି ଚାଲିଗଲେ ଏବଂ ସେ ଦିନ ଠାରୁ ସେ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ନାମରେ ପରିଚିତ ଏବଂ ସେବାୟତ ଭାବରେ ରହି ଆସିଛି । 
ମୁନିବର ବର୍ତ୍ତମାନ କୁ ଫେରି ଆସି ବହୁତ୍ ଖୁସି ହେଲେ ଏବଂ ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ଆଦେଶ ଦେଲେ ଯେ ରାଣୀକୁ ତାର ନିଜ ଘରେ ଛାଡ଼ି ଆସିବାକୁ କହିଲେ। ରାଣୀଙ୍କ ଘର ଲୋକ ମଧ୍ୟ ରାଣୀ ଆସିବାର ବହୁତ୍ ବିଳମ୍ୱ ହେବାରୁ ଡରିଯାଇଥିଲେ କିନ୍ତୁ ରାଣୀ ଠିକ୍ ସମୟରେ ଏବଂ ସୁରକ୍ଷିତ ଭାବେ ଫେରିବାର ଦେଖି ସମସ୍ତେ ଖୁସି ହୋଇଗଲେ । ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ଶ୍ୟାମ ବାବୁ ଧନ୍ୟବାଦ ଜଣାଇଲେ । ରାଣୀକୁ ଛାଡ଼ି ସୁରେନ୍ଦ୍ର ମୁନି ଆଶ୍ରମ କୁ ଚାଲିଗଲା କିନ୍ତୁ ରାଣୀ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ର କଥା ରାତିସାରା ଭାବୁଥାଏ । ସକାଳ ହେବା ପରେ ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ଦେଖା କରିବାକୁ ପାଇଁ ତା ବାପାଙ୍କୁ କୁହେ । ରାଣୀ ର କଥାକୁ ମନା ନ କରି ଶ୍ୟାମ ବାବୁ କିଛି ଖାଦ୍ୟ ଶସ୍ୟ ଆଉ ଟଙ୍କା ନେଇ ମୁନିବର ଆଶ୍ରମ କୁ ବାହାରିଲେ । ସୁରେନ୍ଦ୍ର, ରାଣୀ ଆଉ ତା ବାପାଙ୍କୁ ଦେଖି ଆଦରର ସହ କୁଟିର ମଧ୍ୟ କୁ ନେଇ ଚାଲିଲା ସେଠୀ ମୁନିବର ଙ୍କୁ ରାଣୀର ବାପା ସହ ସାକ୍ଷାତ କରେଇଲା । ରାଣୀକୁ ଏବଂ ବାପାଙ୍କୁ ଦେଖି ମୁନିବର ବହୁତ୍ ଖୁସିହେଲେ । ରାଣୀ ଆଉ ତା ବାପା ମୁନିବର ଙ୍କୁ ଟଙ୍କା ଓ ଫଳ ଆଗ୍ରହ ସହ ଗ୍ରହଣ କରିବା କୁ କହିଲେ କିନ୍ତୁ ମୁନିବର ସେ ସବୁ ଗ୍ରହଣ କରିବାକୁ ମନା କଲେ । ରାଣୀ ତା ନିଜ ହାତରେ ଦେଲେ ତଥାପି ମୁନିବର ଗ୍ରହଣ କଲେ ନାହିଁ । ରାଣୀ ଜାଣି ପାରିଲା ଯେ ମୁନିବର କେବଳ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ହାତରୁ ଗ୍ରହଣ କରନ୍ତି ବୋଲି । ତାପରେ ରାଣୀ ସୁରେନ୍ଦ୍ରଙ୍କ ଦ୍ଵାରା ମୁନିବର ଙ୍କୁ ସେ ଶସ୍ୟ ଏବଂ ଫଳମୂଳ ଦେବା ପରେ ସେ ଗ୍ରହଣ କରିଲେ। ସେଠାରୁ ରାଣୀ ଆଉ ତା ବାପା ଫେରି ଆସିଲେ । 
ରାଣୀ ବାପା ଙ୍କୁ ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ବିବାହ କରିବା କଥା କହିଲା କିନ୍ତୁ  ରାଣୀ ର ବାପା ଏହି ବିବାହ ପାଇଁ ଆଗ୍ରହୀ ନଥିଲେ । ରାଣୀ ଓ ମାଙ୍କ ଅନୁରୋଧ ରେ ବାପା ପୁଣି ରାଜି ହେଲେ ଏବଂ ରାଣୀର ପ୍ରସ୍ତାବ କଥା ନେଇ ରାଣୀର ବାପା, ମା ମୁନିବର ପାଖକୁ ଗଲେ ।  ମୁନିବର କହିଲେ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ହିଁ ମୋ ପାଇଁ ସବୁକିଛି । ସେ ମୋ ନିଜ ପୁଅ ଭଳି ଏବଂ ସେ ମୋ ବିଶ୍ଵସ୍ତ ଶିଷ୍ୟ । ତାର ଯଦି ଇଚ୍ଛା ଥାଏ ତେବେ ମୁଁ ନିରାଶ କରିବି ନାହିଁ । ପ୍ରଥମେ ଯାଇ ଆପଣ ପଚାରନ୍ତୁ । ସୁରେନ୍ଦ୍ର ଙ୍କୁ ଏହି ବିଷୟରେ ପଚାରିବାରୁ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ମନା କଲା । ସେ କହିଲା କି ମୁଁ ମୋ ଗୁରୁଙ୍କ ପାଖରେ ଏବଂ ତାଙ୍କ ସେବାରେ ଜୀବନ କଟେଇଦେବି କିନ୍ତୁ ତାଙ୍କ ଇଚ୍ଛା ବିରୁଦ୍ଧରେ ମୁଁ କେବେ କୋଉ କାର୍ଯ୍ୟ କରିନି ନା କରିବି । ତାଙ୍କ ଆଦେଶ ହିଁ ମୋ ଆଶୀର୍ବାଦ।  ରାଣୀ ତଥା ବାପା ମା ମୁନିବର ଙ୍କୁ ପୁଣି ଅନୁରୋଧ କରିଲେ କିନ୍ତୁ ମୁନିବର ଗୋଟିଏ ସର୍ତ୍ତ ରଖିଲେ ଯେ ବିବାହ ପରେ ତୁମ ଝିଅ ରାଣୀ ଆମର ଏହି କୁଟୀରରେ ରହିବ ଏବଂ ମୋ ସେବା କରିବ । ତାର ସେବାରେ ଯଦି ମୁଁ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହେବି ତେବେ ମୁଁ ଏମାନଙ୍କୁ ବିବାହ ପାଇଁ ଅନୁମତି ଦେବି । ତତ୍ ସହିତ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ମଧ୍ୟ ତୁମ ଝିଅ ର ସେବା ରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହୁଏ ଏବେ ପସନ୍ଦ କରେ ତେବେ ଏହି ବିବାହ ସଂପନ୍ନ ହେବ । ଅନ୍ୟଥା ଏହା ଅସମ୍ଭବ । ରାଣୀ ଏହି ସର୍ତ୍ତ ଶୁଣି ରାଜି ହୋଇଗଲା ଏବଂ ସେ ସ୍ଥିର କଲା ଯେ ମୁଁ ମୁନିବର ଙ୍କୁ ସେବାରେ ନିଶ୍ଚୟ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ କରିବି ଏବଂ ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ରାଜକୁମାର ଭାବେ ପାଇବି ।  ବାପା ମା ଝିଅ କୁ କୁଟୀରରେ ଛାଡ଼ି ଯିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରୁ ନଥିଲେ କିନ୍ତୁ ଝିଅ ର ଖୁସି କୁ ଆଖି ଆଗରେ ରଖି ସେ ଝିଅ କୁ କୁଟୀରରେ ଛାଡ଼ି ଚାଲିଗଲେ । 
ଦେଖୁ ଦେଖୁ ଗୋଟିଏ ବର୍ଷ ବିତିଗଲା।  ରାଣୀ ର ସେବା ରେ ମୁନିବର ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହେବା ସହିତ ସୁରେନ୍ଦ୍ର ରାଣୀ କୁ ପସନ୍ଦ କରିବାରେ ଲାଗିଲା।  ମୁନିବର ଏହା ଦେଖି ବହୁତ୍ ଖୁସି ହେଲେ ଏବଂ ଶ୍ୟାମ ବାବୁ ଙ୍କୁ ଖବର ଦେଇ ଡାକିଲେ ଏବଂ ବିବାହ ପାଇଁ ଆୟୋଜନ କରିବା ପାଇଁ ଅନୁମତି ଦେଲେ । ବିବାହ ହେଲା ପରେ ମୁନିବର ସୁରେନ୍ଦ୍ର କୁ ରାଣୀ ସହିତ ରହିବାକୁ ଶ୍ୟାମ ବାବୁ ଘରକୁ ଯିବାକୁ ଅନୁମତି ଦେଲେ। ଦୁହେଁ ସେଠୀ ଖୁସିରେ ନିଜ ଜୀବନ ଯାପନ କରିଲେ । ବେଳେବେଳେ ଆଶ୍ରମ ଆସି ମୁନିବର ଙ୍କ ସେବା ମଧ୍ୟ କରିଥାନ୍ତି।  ଦୁଇ ବର୍ଷ ପରେ ସେମାନଙ୍କ ଏକ ରାଜକୁମାରୀ ଜନ୍ମ ନିଏ ତାହା ଦେଖିବାକୁ ଠିକ୍ ରାଣୀ ପରି । ଶ୍ୟାମ ବାବୁଙ୍କ ପରିବାର ସହିତ ତାଙ୍କ ଝିଅ ରାଣୀ ଏବଂ କୁନି ଝିଅ ସହିତ ଖୁସିରେ  ରହିଲେ । 
ମୁଖ୍ୟ ବିନ୍ଦୁ :-
୧. କୌଣସି କାର୍ଯ୍ୟ ଅସମ୍ଭବ ନୁହେଁ ।
୨. ସବୁବେଳେ ପ୍ରତିଜ୍ଞାବଦ୍ଧ ହେବା ଦରକାର ।
୩. ଯଦି ମନ ଧ୍ୟାନ ଦେଇ କାର୍ଯ୍ୟ କରିବେ ତେବେ ଭଗବାନ ମଧ୍ୟ ଖୁସି ହୁଅନ୍ତି।  
ପୂଜା ସ୍ୱାଇଁ ( ଲେଖିକା) 
ସୋଲଣ୍ଡି, ଗଞ୍ଜାମ ।
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ରାଜା ଏବଂ ରାନୁ ଦୁହେଁ ଭଲ ସାଙ୍ଗ । ସକାଳ ଟିଉସନ୍ ରୁ ଆରମ୍ଭ କରି ସଂଧ୍ୟା ଖେଳ କୁଦ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସବୁ ସମୟରେ ସେ ରାନୁ ପାଖରେ ଥାଏ ।
 
ରାଜା ବହୁତ୍ ସରଳ ସେ ମାଛି କୁ ମ’ କହେନି କିନ୍ତୁ ରାନୁ ର ନାମ ସବୁ ଜାଗାରେ ଥାଏ । ସ୍କୁଲ୍ ଗଣ୍ଡଗୋଳ ହେଉ କିମ୍ବା ପାଠ ପଢା ରେ ହେଉ । ରାଜା, ରାନୁ ଭଳି ପାଠ ପଢ଼େ କିନ୍ତୁ ତାର ମନେ ରହେ ନାହିଁ। ପ୍ରତି ଥର ପରୀକ୍ଷା ରେ ରାନୁ ଯେତେ ମାର୍କ ରଖେ ରାଜା ତା ଠାରୁ କମ୍ ମାର୍କ ରଖେ।
 
ରାଜା ର ମା ଜଣେ ଶିକ୍ଷୟତ୍ରୀ ସେ ଅନ୍ୟ ସ୍କୁଲ୍ ରେ ପାଠ ପଢାନ୍ତି । ରାଜା ମଧ୍ୟ ଘରେ ପାଠ ପଢ଼େ କିନ୍ତୁ ତାର ବେଶି ମନ ନ ରହିବା ଫଳରେ ତାଙ୍କ ମା ସବୁବେଳେ ତାଙ୍କୁ ଗାଳି ଦିଅନ୍ତି ଏବଂ ସେ ଦୁଃଖୀ ହୋଇ ରାନୁ କୁ ଆସି କୁହେ । ରାନୁ ତାକୁ କହେ ତୁ ଚିନ୍ତା କର ନାହିଁ ଏଥର ପରୀକ୍ଷା ରେ ମୁଁ ତତେ ସାହାଯ୍ୟ କରିବି । ରାଜା କହିଲା ନା ନା କାହା ଠାରୁ ଦେଖି ଲେଖିବା ମହା ପାପ । ମୁଁ ନିଜେ ଚେଷ୍ଟା କରିବି ।
 
ରାଜା ଏଥର ମନ ଦେଇ ପଢିଲା । ବାର୍ଷିକ ପରୀକ୍ଷା ପାଖେଇ ଆସିଲା। ଏଥର ରାନୁ ବାହାନା କରି ରାଜା ପାଖରେ ବସିଲା କିନ୍ତୁ ଶିକ୍ଷକ ରାନୁ ଏବଂ ରାଜା ର ବନ୍ଧୁତା ବିଷୟରେ ଜାଣିଥିଲେ ସେଥିପାଇଁ ସେ ଦୁଇ ଜଣଙ୍କୁ ପରୀକ୍ଷା ହଲ୍ ରେ ଅଲଗା ବସେଇଲେ। ପରୀକ୍ଷା ଆରମ୍ଭ ହେଲା । ପରୀକ୍ଷା ସମୟ ଦୁଇ ଘଣ୍ଟା ଥିଲା ସେ ଦୁଇ ଘଣ୍ଟା ଭିତରେ ରାନୁ ରାଜା କୁ ବାରମ୍ବାର ଦେଖୁଥାଏ । ପ୍ରାୟ ଗୋଟିଏ ଘଣ୍ଟା ପରେ ଶିକ୍ଷକ ବାହାରକୁ ଯାଇଥିଲେ ରାନୁ ର ଲେଖା ସରିଥିଲା ସେ ରାଜା କୁ ନିଜ ପେପର ଶିକ୍ଷକ ଆସିବା ପୂର୍ବରୁ ଦେଇ ଆସିଲା କିନ୍ତୁ ରାଜା ମନା କରିଲା ।
 
ରାଜା, ରାନୁ ର ପେପର କୁ ଦେଖିଲା ନାହିଁ । ତାକୁ ଯାହା ଆସୁଥିଲା ତାହା ଲେଖି ଚାଲିଲା। ରାନୁ ବାରମ୍ବାର ଆଖି ଠାର ଦେଉଥାଏ । ପେପର ଦେଖି ଲେଖିବାକୁ କିନ୍ତୁ ରାଜା ତା କଥା ନ ଶୁଣି ସେ ନିଜେ ପଢିଥିବା ପାଠ ଲେଖି ଚାଲିଲା । ରାନୁ ଆଖି ଠାର ଦେଇ ଦେଇ ଥକି ଗଲା ମଧ୍ୟ ରାଜା ତାର ପେପର କୁ ତିଳେ ମାତ୍ର ଦେଖିଲା ନାହିଁ।
 
ପରୀକ୍ଷା ସମୟ ସରିଗଲା । ସମସ୍ତେ ପେପର ଦେଇ ଚାଲିଗଲେ ଶେଷରେ ଏହି ଦୁଇ ଜଣ ରହିଲେ । ରାନୁ ଏବଂ ରାଜା ଏକା ସାଙ୍ଗରେ ପେପର ଜମା କରିବାକୁ ଗଲେ । ରାଜା , ରାନୁ ର ପେପର କୁ ତା ହାତରେ ଚୁପ୍ କରି ଦେଇ ଦେଲା । ଦୁହେଁ ପେପର ଜମା କରି ବାହାରକୁ ଆସିଲେ।
 
ରାନୁ ରାଜା ଉପରେ ବହୁତ୍ ରାଗିଲା । ରାନୁ କହିଲା ତୋତେ ମୁଁ ସାହାଯ୍ୟ କରିଲି କିନ୍ତୁ ତୁ ମୋର ଟିକେ କଥା ମଧ୍ୟ ଶୁଣିଲୁ ନାହିଁ ଏବଂ ମୋର ପେପର କୁ ଦେଖିଲୁ ନାହିଁ । ରାଜା ରାନୁ ର କାନ୍ଧରେ ହାତ ରଖି କହିଲା । ତୁ ମୋତେ ଦେଇଥିଲୁ ନକଲ କରିବାକୁ କିନ୍ତୁ ମୋ ମନ ମୋତେ ନକଲ କରିବାକୁ ମନା କରିଲା ଏବଂ ମୁଁ ନକଲ କରିଲି ନାହିଁ । ଯାହା ଆସିଲା ତାହା ଲେଖିଛି ଯଦି ଅବା କମ୍ ମାର୍କ ଆସିଲା ସେଥିରେ ଅସୁବିଧା କଣ । ତୋର ଠାରୁ କିଛି ମାର୍କ ତଳେ ରହିବି କିନ୍ତୁ ଆମ ସାଙ୍ଗ ତ ସେମିତି ରହିବ ନା । କାଲି ଯେତେବେଳେ ମୋତେ ଅନୁଭବ ହେବ ଯେ ମୁଁ ନକଲ କରି ପାସ୍ କରିଛି ସେ ସମୟରେ ମୁଁ ନିଜକୁ ବହୁତ୍ ଦୋଷୀ ମାନିବି ।  ସେଥିପାଇଁ ମୁଁ ନକଲ କରିଲି ନାହିଁ ।  
 
ଏହି ଦୁଇ ଜଣଙ୍କ ସବୁ କଥା ଶିକ୍ଷକ ମହାଶୟ ଶୁଣୁଥିଲେ । ଶିକ୍ଷକ ମହାଶୟ ରାଜା ଏବଂ ରାନୁ ଦୁହିଁଙ୍କୁ ଅଫିସ କୁ ଡାକିଲେ । ସେଠି ରାନୁ କୁ ନକଲ କରିବା ପାଇଁ ରାଜା କୁ ବାଧ୍ୟ କରିଥିବା ଯୋଗୁ ଶିକ୍ଷକ ରାନୁ କୁ ଦଣ୍ଡ ଦେବା ପାଇଁ ସ୍ଥିର କରିଲେ । 
 
ରାଜା ଶିକ୍ଷକ ମହାଶୟ ଙ୍କୁ କ୍ଷମା ମାଗିଲା । ରାଜା, ଶିକ୍ଷକ ମହାଶୟ ଙ୍କୁ ଗୁହାରି କଲା ଯେ । ମହାଶୟ ସେ ମୋତେ ବନ୍ଧୁତା ରୂପରେ ସାହାଯ୍ୟ କରିଲା କିନ୍ତୁ ମୁଁ ସେ ସାହାଯ୍ୟ ଗ୍ରହଣ କରି ନାହିଁ  ଏବଂ ତାର କରିଥିବା ଭୁଲ ଯୋଗୁ ମୁଁ ଆପଣଙ୍କୁ କ୍ଷମା ମାଗୁଛି ଏବଂ ଯଦି ପାରୁଛନ୍ତି ତେବେ ମୋତେ ଆପଣ ଦଣ୍ଡ ଦେଇ ପାରନ୍ତି । 
 
ଶିକ୍ଷକ ମହାଶୟ ହସିଲେ । କହିଲେ ମୁଁ ତୁମର ବୁଦ୍ଧି ପରୀକ୍ଷା କରୁଥିଲି । ରାନୁ ଯେତେବେଳେ ପ୍ରଥମେ ପେପର ତୁମକୁ ଦେଲା ମୁଁ ସେ ସମୟରୁ ସେ ବିଷୟରେ ଜାଣିଥିଲି।  କିନ୍ତୁ ତୁମର ଭଲ ଗୁଣ ଯୋଗୁ ତୁମକୁ ମୁଁ ନଜର ରଖିଥିଲି ଏବଂ ପରେ ରାନୁ ର ଭୁଲ କୁ ନିଜ ଉପରେ ନେଇଛ ତାହା ଶୁଣି ମୁଁ ବହୁତ୍ ଖୁସି । ଏ ଲକ୍ଷଣ ଗୁଣି ଲୋକଙ୍କ ପାଖରେ ଥାଏ । ଶିକ୍ଷକ ମହାଶୟ କହିଲେ । ରାଜା ତମେ ଦିନେ ଉଚ୍ଚ ପଦ ରେ ଚାକିରି କରିବ.. କହି ସେ ଦୁଇ ଜଣଙ୍କୁ ବିଦାୟ ଦେଲେ । 
 
 
 
 
 
 
 
ପରୀକ୍ଷା ପରେ ଛୁଟି ଦିନ ଆସିଲା । ଛୁଟି ଦିନରେ ଦୁହେଁ ସାଥୀ ହୋଇ ଖେଳ ବୁଲା କରିଲେ । ଛୁଟି ପରେ ସ୍କୁଲ୍ ଖୋଲା ଗଲା । ଜଣା ପଡ଼ିଲା ଯେ ଗତ ପରୀକ୍ଷାରେ ରାଜା ରାନୁ ଠାରୁ ଅଧିକ ମାର୍କ ରଖି ପାସ୍ କରିଛି ଏବଂ ସେ ସ୍କୁଲ୍ ରେ ପ୍ରଥମ ସ୍ଥାନ ଅଧିକାର କରିଛି । ରାନୁ ମଧ୍ୟ ରାଜା ଠାରୁ 5 ମାର୍କ କମ୍ ରଖି ପାସ୍ କରିଛି।  ରାଜା ର ଏମିତି ସଫଳତା ଦେଖି ରାନୁ ଈର୍ଷା ନ କରି ସେ ବହୁତ୍ ଖୁସି ହେଲା ରାଜା ର ମା ମଧ୍ୟ ବହୁତ୍ ଖୁସି ହେଲେ । ରାଜା ଏବଂ ରାନୁ ର ବନ୍ଧୁତା ସେମିତି ଚାଲିଥିଲା ଏବଂ ଦୁହେଁ ଭଲ ପାଠ ପଢି ଚାଲିଲେ । 
 
ସେ ଦିନ ଠାରୁ ରାଜା କିମ୍ୱା ରାନୁ କେବେ କେଉଁ ପରୀକ୍ଷାରେ ନକଲ କରି ନାହାନ୍ତି । ସବୁବେଳେ ଭଲ ପାଠ ପଢି ଆସିଛନ୍ତି । 
 
ବର୍ତ୍ତମାନ ଦୁଇ ଜଣ ବଡ ହୋଇ ଯାଇଛନ୍ତି । ରାନୁ ପୋଲିସ ଅଫିସର ଏବଂ ରାଜା ଜଣେ ଭଲ ଡାକ୍ତର । 
 
ତାଙ୍କ ବନ୍ଧୁତା ଏବଂ ପାଠ ପଢ଼ା ଯୋଗୁ ସଫଳତା କେମିତି ହାସଲ କରିଲେ । ସେ ବିଷୟରେ ତାଙ୍କ ସ୍କୁଲ୍ ସେ ଦୁଇ ଜଣଙ୍କ କାହାଣୀ ଛୋଟ ପିଲା ମାନଙ୍କୁ ଗଳ୍ପ ମାଧ୍ୟମରେ କୁହା ଯାଇଥାଏ । 
 
ସେ ଦୁଇଜଣ କହି ଥିଲେ ଯେ ” ନକଲ”  ମଣିଷ କୁ ଦୁର୍ବଳ କରିଦିଏ । ଯାହା ଆମେ ପାଠ ପଢ଼ା ରେ ଅର୍ଜନ କରିଛନ୍ତି ତାହା ଆମେ କ୍ଷଣକ ମଧ୍ୟରେ ଭୁଲି ଯାଉ । ସେଥିପାଇଁ ପରୀକ୍ଷା ସମୟରେ ଆମେ ଯଦି ଦୁର୍ବଳ ମନେ କରିବା ତେବେ ଆମେ ଆମ ଭବିଷ୍ୟତ ରେ ମଧ୍ୟ ବହୁତ୍ ଦୁର୍ବଳ ହୋଇଯିବା । ସେଥିପାଇଁ ଦୃଢ଼ ସାହାସ ଏବଂ ଉଚ୍ଚା ମନବୃତି ଦ୍ଵାରା ମଣିଷ ଶୀଘ୍ର ସଫଳ ହାସଲ କରେ । 
 
 
ନୀଳମାଧବ ଭୂୟାଁ ଙ୍କ ଲେଖନୀରୁ….