रक्षा बंधन की कुछ पंक्तियां….

Raksha Bandhan, रक्षा बंधन, रक्षा
रक्षा बंधन

यह त्योहार अटूट बंधन को दर्शाता है।  
कलाई में बह प्रतीक झलकता है जहां बहन की आशा दिखाई देता है । 
यह दिन भाई बहन की असली रिश्ता को साबित करता है । 
यह पैसा और उपहार लेने का पर्व नहीं यह भाई से वचन लेने का दिन है जहां भाई अपनी बहन को हरवक्त रक्षा करने का वचन दिलाता है । 
एक धागा स्वरूप बहन अपनी भाई के कलाई पर बह आशा की प्रतीक छोड़ देता है जहां भाई अपनी बहन की मान को ऊंचा रखें ।
राखी बह आशा है जो दुनिया के प्रत्योक भाई अपनी बहन को सदैव रक्षा करने का वचन देता हो । 
रक्षा केबल बहन को नहीं किसी और को बीना स्वार्थ के उसकी इज्जत को बचाना भी रक्षा कहलाता है । 
असामान्य स्थिति में एक पुकार से आपके पास सदैव हाजिर होने बाला व्यक्ति ही असली रक्षक होते हैं ।
जहां आपकी इज्जत की रक्षा हो और एक धागे का स्वरूप हो । बही असली रक्षा है ।
यह एक ऐसा शब्द है जहां केबल एक भाई नहीं 
दुनिया के सारे व्यक्तित्व को समर्पित है जहां समस्या के वक्त अपनो के पास सदैव हाजिर रहते हैं ।
धन्यवाद
By. Nilamadhab Bhuyan
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2 thoughts on “रक्षा बंधन की कुछ पंक्तियां….”

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