# REAL STORY NEVER ERASE
Hi friends मेरा परिचय Nilamadhab Bhuyan, ये Blog कुछ स्पेशल है मेरे और मेरे दोस्तों की है , पढ़िये आखरी तक अगर अच्छा लगे तो शेयर जरूर करना ।
हम चार दोस्त है मेरा नाम Nilamadhab Bhuyan, Normal Looking, Hairstyle: Classic, Color: मध्यम काला, Argument Character एंड हर काम मे साथ रहने वाला वो लड़की कॉमेंट करना हो या कही जाने हो । लड़की के मामले में Zero मगर देखते थे कभी कभी। दूसरा दोस्त Goutam Nayak, Romeo Boy, Hair style: Tere Naam, Colour- Black(Bold Handsome) , laughing character एंड लड़कियों को कोमेंट करने में नम्बर one है । जैसे कोमेंट करने की ट्रेनिंग लीया हो । बहुत Strong कविता लिखने वाला दोस्त है। तीसरा दोस्त Manoj Kumar Behera, silent character, दिखने में गोरा और हसमुख चेहरा वो हमारे ग्रुप के कबि है जो चीज़ उनको दिखा कविता लिखना सुरु हो जाता था । लड़की के मामले में थोड़ा पीछे रहते थे मगर देखते थे सोचते थे कही कोई मुझे देखले । चौथा तो खतरनाक है Digambar Sethi, रंग मध्यम काला, dangerous character, बातों बातों पे मारने पे आ जाते थे । हमारे ग्रुप के Don थे । जुगाड़ करने में ठीक थे और लड़की के मामले में बिल्कुल नहीं जाना है।
हम एक ही कॉलेज (People’s College Buguda) की स्टूडेंट्स हैं और यह कॉलेज ओडिशा के गंजाम डिस्ट्रिक्ट में है । सबका परिचय तो हो गया अब आते हैं कहानी पे कहानी में भी एक लडक़ी है जिसकी नाम है कृष्णा । गौतम उसके पीछे फॉलो करते थे मगर लड़की को पता है कि नहीं हमको पता नहीं था ।
कहानी है 2007 कि कार्तिक महीना का । एक प्रसिद्ध मंदिर जिसका नाम बुधखोल जो कि पांच शिव भगवान की पबित्र स्थल पहाड़ी के मध्य में है । सब लोग प्रति सोम बार दर्शन करने केलिए जाते हैं। उश महीने में हर सोमबार को हम चार दोस्त मंदिर जाते थे आखरी में कार्तिक पूणिमा के दिन भी हम 03 दोस्त Digambar को छोड़ कर मंदिर दर्शन हेतु निकल पड़े ।
भगवान की दर्शन के बाद अगर हमारी Romeo Boy की Girl Friend कहीं दिख जाए तोह और मजा आ जाता यह हम तीनों सोच रहे थे । हम 800 सीढ़ी चढ़ कर भगवान दर्शन किये मगर दर्शन के बाद हमारी जो मन्नत था वो पूरा नहीं हो पाया । करीब 02-03 घंटे इंतज़ार किये और आने बाले सारे लोगो से चुन रहे थे कही वो आये तो नहीं पहाड़ी चढ़ कर हम थक चुके थे। दोपहर 02 बज गया इंतज़ार करते करते 03 घंटे बीत चुके थे । मेरा दोस्त गौतम की मन्नतें पूरी होने की आशा खत्म होने बाली थी मगर मन मे आशा था बापस लौटते समय कहिं दिख जाए । आते समय रास्ते में बही बात की आज दिन ठीक नहीं गया ऐसे बोलकर मंदिर से बापस आ रहे थे । नीचे से मंदिर तक पहुंचने कलिये हम को 20 से 25 मिनिट लगता था ।
मंदिर आखरी सीढ़ी जहां एक Swimming Pool है वहां अचनाक गौतम की नज़र एक लड़की के ऊपर पड़ी और वो कृष्णा थी । मेरा दोस्त बहुत खुश हो गया और बोलने लगा देखो कृष्णा आखरी दिख गयी । सब थक गए थे हम दोनों मनोज और में घर जाने की राह पर थे परंतु गौतम उसके पीछे जाने की सोच रहा था । गौतम ने कहा की चलो उसके पीछे पीछे चलते है । परंतु थकान की बजह से दोनों की इच्छा नहीं था । इच्छा के विरुद्ध जाकर दोस्त की बात को नहीं काट पाए और हम तीनों उसके पीछे जाने की बापस मंदिर की और चले । बापस मुड़ कर देखा तो लड़की गायब गौतम अंदाज़ लगाया कि वो मंदिर की और गयी होगी चलो फिर से मंदिर की और चलेंगे । जब मंदिर का नाम लिया तोह हम दोनों को और थकान महसूस होने लगा ।
आखरी में हमको मंदिर की और जाना पड़ा । रास्ते भर हर एक आदमी को देख रहे थे और परंतु वो न दिखी और हम मंदिर की और बढ़ने लगे । ऐसा लगा कि वो उड़के तो नहीं चल गई ।
उश मंदिर की सीढ़ी को पार करने में 20-25 मिनिट लगता था उश समय हमको मात्र 05 मिनिट समय लगा मगर हम उश लड़की को फॉलो करने का कोई फायदा नहीं हुआ न वो लड़की मंदिर में दिखी न रास्ते में । बहुत थक चुके थे शाम की 04 बजने वाला था । बापस फिर नीचे आये । आखरी में पता चला कि वो ऊपर मंदिर तक नहीं गयी थी।
बहुत दर्द महसूस हुआ और चक्कर भी आने लगा।
अभी भी उश समय को याद करते है तो पेर में दर्द होने लगता है ।
कहानी अच्छा लगा है तो कमैंट्स एंड शेयर कीजिये और अगर नया रियल स्टोरी चाहिए तोह कमेंट जरूर कीजिये ।
धन्यबाद ।