#Sucess Story (Part – 2)
24 तारीख सुबह 6.00 बजह रेपोटिंग था । परंतु में सुबह 5.30 बजह पहुंच चुका था और यह सब संभब हो रहा था केबल मेरे अंकल की बजह से । मेरे अंकल के बारे में थोड़ा जानकारी दे देता हूँ । वो मेरे गाँव के अंकल है (Mr. Ashok Kumar Nanda) जो पिछले कई सालों से अपनी परिबार के साथ Rourkela में आ कर रह रहे हैं । जब से मेरा Rourkela में selection process चलति आ रही है तब से उन्होंने मेरे लिये बक्त निकाल कर मुझे जाने आने तथा उनके घर मे रहने का बंदोबस्त किये थे । किसि तरह कोई भी असुविधा होने पर अंकल मुझे सलाह के साथ मदद भी करते थे । जब जरूरत पड़े बहां आकर खड़े होते थे । सुबह सुबह कड़ाके की ठंड में भी वो मुझे Recruitment Camp में छोड़ने जाते थे । उनकी मदद को में कभी नहीं भूल पाऊंगा । उनकी घर में प्रबेश के बाद सोचा था की मुझे अतिथि जैसे सेबाएं प्रबंध किया जाएगा परंतु बहां मुझे बेटे जैसे सम्मान दिया गया । जितना सम्मान उन्होंने मुझे दिए थे उतना सम्मान मेरे कोई अन्य रिस्तेदार के घर से नहीं मिला था । उनकी जितना भी तारीफ करूँ तो कम पड़ेगा । उनकी नम्र ब्यबहार आज तक वैसा ही है । पहला सिलेक्शन से लेकर आखरी तक बो मेरे साथ थे ।
Rourkela बिसरा कैम्प में हमको पहुंचना था । वह दिन खुसी तथा भाग्य बदलने बाला दिन था । 06.00 बजते ही एक एक करके सबकी मेडिकल call Letter जांच तथा नाम के साथ प्रबेश किया जा रहा था । एक जवान आये हमको एक लाइन में खड़े होने का आदेश दिए और क्या करना है और कहां जाना है उसके बारे में दिशा निर्देश किये तथा हमको सुभकामनाये दिए। आखरी में एक शब्द बोले और उश शब्द को सुनकर जितने भी लड़के गेट के अंदर प्रबेश किये थे सबके मुख में रौनक के साथ खुसी भर गया । बो शब्द था कि ” यह गेट आपकी भाग्य रेखा खोलेगी , जो भी लड़का यह गेट में कदम रखा बह आज यहां से नौकरी का कॉल लेटर अपने साथ लेकर जाएगा और जो नहीं आया उसका नसीब खराब हैं। ” इशलिये जो में बोलता हूं उसी तरह काम कीजिये । कोई भी लड़का बिना बताये कहीं नहीं जाएगा । जहां भेजा जाएगा एक एक करके जाएंगे और अनुसाशन का पालन करेंगे । कुछ मिनट के बाद एक ट्रक आया और हमको ग्राउंड में लिया गया । बहां पर हमारा फ़ोटो शूट किया गया और कुछ डॉक्यूमेंट चेक करके मेडिकल जांच हेतु लिया गया ।
मेडिकल में हम 08 बजह पहुंच गए थे । पहले हमको अपना यूरिन तथा Blood देने केलिए बोला गया । सारे लड़के एक एक करके blood एबं urine लैबोरेटरी में submit किये । फिर हमको X-Ray टेस्ट केलिए लिया गया । उसके बाद Eye,Ear, Body Parts, Body Scratching, Vein test Etc.. टेस्ट किया गया । समय का अंदाज़ा नहीं था । दिन निकल गया देखते देखते 04 बज गया । उस दिन 40 से अधिक लड़के को मेडिकल जांच हेतु बुलाया गया था । सबको भूक लग रहा था और कोई पूछता है तो उनको बाहर जाने केलिए मना था । मन मे डर था कहीं Reject ना कर दें । अभी बारी था इंटरव्यू मतलब मेडिकल के संदर्भ में कुछ पूछताछ करेंगे । दिन भर की मेडिकल जांच के बाद मेडिकल रिपोर्ट में जो कुछ खामियां है उसके बारेमें पूछेंगे और अन्य कुछ जानकारी लेंगे । मेरा नम्बर 35 या 36 था , ठीक से याद नहीं आ रहा था । जब मेरा नम्बर आया में अंदर गया । वहाँ पर दो डॉक्टर बैठे थे । पहले मेरा height और Weight फिर से चेक किया गया । उसके बाद मुझे उनके सामने बैठने केलिए बोला गया ।जब उनके सामने बैठे कुछ प्रश्न किये तथा शरीर मे कुछ घाब के दाग था उसके बारेमें पूछने लगे । उसके बाद ऐसे कुछ प्रश्न किये जिससे में थोड़ा घबरा गया । मेरा BP चेक करने केलिए बोला गया । BP की पारा 130 छू गया । फिर बो मुझे समझाए बोले कि डरो मत !!! हम तो प्रश्न कर रहे हैं । इसमें डरने बाली बात कुछ नहीं है । फिर मुझे कहा गया देश के जवान केलिए आये हो !! डरने से आपको रिजेक्ट कर दिया जाएगा । तब में थोड़ा साधारण अबस्था में आया और मे बोला !! नहीं sir , नहीं डरूंगा । डाक्टर साहब मुझे बोले अभी आप जा सकते हो ।
समय शाम की 7 बजह हमको बोला गया कि आप सब एक जगह बैठे रहेंगे । हमारा एक अफसर आएंगे आपको कुछ बोलेंगे । आप सिलेक्शन हुए या नहीं बो बताएंगे । उसके बाद सबकी हस्ताक्षर लिया गया ।
करीब 08 बजह एक ऑफिसर आया बोले कि आप सभी लड़को को इस फोर्स में स्वागतं है । आप सब हमारे फ़ोर्स के मेंबर बन ने जा रहे हैं । अंदर इतना खुसी महसूस हो रहा था मन कर रहा था वहाँ मन भर के Dance करूँ । उसके बाद उश ऑफिसर ने क्या क्या बोल रहे थे सब सुनाई दे रहा था मगर खुसी से जैसे बहरा(Deaf) हो गए थे । ये महसूस वहां के उपस्तित सारे लड़के के मन मे हो रहा था । आखरी में एक शब्द बोला गया कि 1 लड़का है उसका 18 साल पूरा नहीं हुआ है उसका गलती से सिलेक्शन हो गया है । और उस लड़के का सिलेक्शन किया जाएगा या रिजेक्ट किया जाएगा बह हमारा बोर्ड़ तय करके 10 मिनट में फैसला सुनाया जाएगा । हम उसी जगह बैठे रहे । 10 मिनट के बाद 4 ऑफिसर आये और बोले कि बोर्ड़ ने उश लड़के केलिए एक उपाय निकाला है जिस से उस लड़के को अस्थायी रूप से सिलेक्ट किया जाएगा । परंतु जब उश लड़के को 18 साल हो जाएगा उसको पुनः एक पत्र मिलेगा उसके तहत बह यहां आ कर अपना जोइनिंग लेटर लेके ट्रेनिंग करने जाएगा । उसके बाद सबको जोइनिंग लेटर दिया गया । आदेश दिया गया की आप सबका मार्च 06 से ट्रेनिंग आरंभ होगा इशलिये कोई भी लड़का अपना हात,पेर नहीं तोड़ेगा ना ही एक्सीडेंट होंगे । अपनी शरीर को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग सेन्टर में समय पे पहुंचेंगे । साथ ही जिस लड़का का अस्थाई रूप से सेलेक्ट किया गया था , उसको भी निर्देश दिया गया अपना शरीर को चोट नहीं पहुंचना चाहिए । इतना बोलकर हमको छोड़ दिये ।
सब बहुत खुश थे एबं भूक भी लग रहा था । मेडिकल की गेट के बाहर आये तो सामने एक समोसा और कुछ फास्टफूड बेच रहा था । देखते देखते उसका सारा सामान खतम हो गया । सब लड़के कुछ खाये और जब ट्रक में बैठे। उसके बाद हर एक लड़का अपने घर में कॉल करके बात करने लगे । ऐसे की सारे लड़के एक साथ बात कर रहे थे । कोई भी लड़का खाली नहीं बैठा था । सब खुसी से अपनी घर मे कॉल करके खुसी जाहिर कर रहे थे । वो समय देखने लायक था की ऐसे लग रहा था जैसे उस बस में कोई बड़ा Conference चल रहा हो । में भी घर मे कॉल करके अपना खुसी जाहिर किया और सिलेक्शन हो गया इसके बारे में बताया । हम सबको बिसरा चोक के पास छोड़ा गया और सब अपने अपने घर या होटल में गए ।
रात को 10 बजह मेरे अंकल के घर पहुंचा तब तक सबकी रात्रि भोजन हो गया था । किंतु मेरे लिए चाची ने फिर से खाना बनाये ।
25 तारीख सुबह हम कुछ दोस्त आगे की टिकट केलिए रेलवे स्टेशन गए । मगर टिकट मिला परंतु वह waiting मिला । शाम को 4 बजह बस लेकर गांब आ गया। 26 फरबरी से लेकर 03 मार्च तक मेरा कैसे दिन निकल गया मुझे पता नहीं चला । उतना दिन में कहीं नहीं गया सिर्फ घर मे रहा और माँ की गौद में सोता था ।
अब बारी आया जाने की 03 मार्च को भुवनेस्वर से ट्रेन था Kota केलिए । क्योंकि हमारा ट्रेनिंग राजस्थान के Deoli में होने बाला था । सही समय पर हम सब दोस्त भुबनेश्वर में पहुंचे और ट्रेन लेकर कोटा केलिए निकल पड़े । waiting टिकट की बजह से हम 4 दोस्त पूरे ट्रैन सफर में कभी लैट्रिन के पास तो कभी किसीके सीट पर मात्र रात में सब लोग अपनी अपनी सीट पर सो जाने के बाद हम लैट्रिन के पास बैठके 2 दीन 2 रात निकाल दिए । कोई भी पैसेंजर लैट्रिन में आता था तो परेशानी होता था । दूसरे दिन रात को 02 बजह कोटा में उतरे । ओडिशा से जितने भी लडके आये थे सब उसी ट्रैन में थे । 2 बजह हम बाहर आ कर deoli केलिए local बस में बैठे सुबह सुबह 6 बजह हम deoli ट्रेनिंग सेन्टर में पहुंच गए थे ।
गेट पर प्रबेश के बाद हमारा नाम के साथ कॉल लेटर को चेक किया जा रहा था । गेट के दक्षिण में एक मैदान था उसमें कुछ लड़के की ट्रेनिंग चल रही थी । फ़ोर्स में कुछ गलती करोगे तो आपके साथ जितने लड़के होंगे सबको दंड मिलता था । सायद कोई लड़का गलती किया होगा इशलिये पूरे प्लाटून को दंड दिया जा रहा था । उसी समय से मन मे डर बैठ गया था कि ट्रेनिंग । परंतु जब ट्रेनिंग सुरु और कैसे खत्म हुआ पता नहीं चला । हम जितने लड़के थे सबको अपनी ऊंचाई के हिसाब से कंपनी में भेज दिया गया । सोचे थे सारे लड़के एक जगह रहेंगे परंतु वहां सबको अलग अलग कर दिया गया और कंपनी के साथ एक Chest Number दिया गया । किसी भी जगह जाओ आपकी पहचान वही Chest Number से जाना जाता था । एक हफ्ते के पश्च्यात हमारी ट्रेनिंग आरंभ हुआ हुआ और सितंबर में खत्म हो गया था ।
दोस्त यह था मेरा ट्रेनिंग तक जाने का सफर । मेरा ये स्टोरी आपको कैसा लगा कमेंट जरूर कीजिये और मेंरे ब्लॉग को Subscribe कीजिये । ट्रेनिंग की कुछ यादें है अगर आपको ट्रेनिंग की कहानी पढ़ना है तो कमेंट में जरूर बताएं।
धन्यबाद