कुछ रिश्ते (By. Nilamadhab)



दो अनजान व्यक्ति प्यार का असूल को लक्ष्य बनाकर एक दूसरे के साथ नए नाम देने को संपर्क कहलाता है । 


एक दूसरे के साथ संपर्क में आकर मजबूत बनकर नए रिश्ते का प्रारंभ हो जाता है ।

कोई सारा जीवन साथ निभाने को कसम खा लेता है । 

संपर्क को मजबूत बनाने केलिए अनोखा कसम भी खा लेते हैं ।

 कुछ रिश्ते लंबे समय का सफर तय करके अच्छे नाम देते है ।
मगर कुछ रिश्ते सीमित समय तक ही कायम रहता है । 

कारण एक है ।

आपसी मत भेद, ईर्षा और गर्व को हार बनाकर संपर्क बनाने में दोनो हार जाते हैं। 

कुछ रिश्ते तो फिर से जुड़ जाते हैं।

 मगर कुछ रिश्ते गर्व गरिमा को हतियार बनाकर संपर्क को खिलौना समझ बैठते हैं ।

जहां पर गर्व ऊंचाई छू लेता है वहां फिर से रिश्ते बनाना मुश्किल हो जाता है ।

समाधान :

रिश्ते को अच्छे से समझे,

आपस की बाते दूसरे को मत बताए और दूसरे की बातों को कदर ना करें,

खुद समस्या का हल ढूंढ़ने की कोशिश जरूर करें,

समस्या को ज्यादा समय तक वंचित बनाकर ना रखें,

आपसी समाधान जरूरी है,

दोनो को समझना जरूरी होता है,

एक अगर गुस्से में हैं तो दूसरे को समझना चाहिए,

हो सके तो खुद को शांत रखें,

कम बोलना और कार्य का अपनाना जरूरी होता है,

ज्यादा बोल कभी कभी संपर्क को खराब स्थिति में ले आता है,

असल में सब अपने मन का खेल है ।

मन को जितना शांत रखोगे उतना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। रिश्ते क्या बड़े बड़े समाधान भी हल हो जायेगा। 

दूसरे को भी समझे और उनकी मन की बातों को सुनने की कोशिश करें ।

आशा है हल जरुर निकलेगा ।


निलमाधब भुयां


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