Bless (आशीर्वाद)

A Blessed From Poor Person
Blessed From Poor Person

एक ब्यक्ति भारी सामान के साथ एक रिक्शा बाले के पास जाता है । रिक्शा बाले की उम्र करीब 50 के होंगे । बह ब्यक्ति उसको पूछता है कि कितना रुपये लोगे मेट्रो जाने केलिए । रिक्शा बाला बोलता है 20 रुपए । परंतु वहां से बैटरी रिक्शा में 10 रुपये लगता है । बह ब्यक्ति उस रिक्शा बाले से बोला कि “ताऊ जी 10 रुपये लोगे तो में बैठूंगा” अगर चाहता बह ब्यक्ति मेट्रो तक पैदल आराम से पहुंच सकता था उसके पास बहुत समय था । वहां पे कोई बैटरी वाला नहीं था । सामान को देखकर बह ब्यक्ति थोड़ा आलसी हो गया । ब्यक्ति ने आगे की और निकलते समय पीछे से रिक्सा बाले की पुनः आवाज़ आया । भाई साहब कितना दोगे बैठो । उस ब्यक्ति ने बोला कि 10 रुपये दूंगा ,रिक्सा बाले बोला 15 रुपये देदो साहब बहुत देर से खड़ा हूँ कोई सबारी नहीं मिला। आप चलोगे तो 10-20 रुपये मिल जाएगा । उस ब्यक्ति रिक्सा बाले की चेहरा को देखकर बोला ताऊ जी 10 रुपये दोगे तो चलो नहीं तो बैटरी रिक्सा से चले जाऊंगा । भारी सामान को देखकर रिक्सा बाले ने हाँ बोलते हुए कहा चलो साहब 10 रुपये दे देना। ब्यक्ति ने रिक्सा में बैठ गया तथा कुछ रास्ता चलने के पश्च्यात एक बूढ़ी औरत पैदल जा रही थी । रिक्सा बाले ने उनको बोला बैठ जाओ मां जी । वो बूढ़ी औरत को बिठाने केलिए रिक्सा बाले ने उस ब्यक्ति से अनुमति मांगी । ब्यक्ति के अनुमति मिलने पर बूढ़ी औरत को बिठाया । रास्ते में बहुत भीड़ था । बहां से मेट्रो स्टेशन की दूरी 1 km के आसपास होगा । रिक्सा बाले ने भीड़ को आवाज़ दे कर अपना रिक्सा आगे लेके जा रहा था । कभी रिक्सा से उतरता था तो कभी रास्ता साफ मिलने पर वह फिर से रिक्सा में पेडल देकर आगे ले जाता था । शाम को 6 बजने बाला था । मौसम साधारण था मगर गर्मी नहीं था । उस ब्यक्ति ने गौर किया कि रिक्सा बाले की बहुत फसीना आ रहा है । असल में वह फसीना मेहनत की थी ।

मेट्रो स्टेशन में पहुंचने बाला था । ब्यक्ति ने रिक्सा बाले से पूछा ताऊ जी आप दिन में कितना कमा लेते हो। तो रिक्सा बाले ने बोला “क्या बताऊँ साहब हमारी धंदा में ये बैटरी बालो ने ठप करके रखे हैं । कभी 1000 होता है तो कभी 500 और कभी कभी 100 भी बड़ी मुश्किल से होता है ” । तो ब्यक्ति पुनः सवाल किया आपके घर मे कौन कौन रहता है ? तो रिक्सा बाले थोड़ा दुःखी होकर जबाब दिया ।” में और मेरी पत्नी” । ब्यक्ति ने पूछा बेटा या बेटी नहीं है क्या ? रिक्सा बाले ने जबाब दिया ” क्या बताऊँ साहब सब स्वार्थि हो गये हैं । बेटा बहु को लेकर बाहर रहता है और बेटी तो कभी कभी आती थी आजकल बो भी नहीं आती है “। बेटा क्या करता है पुनः ब्यक्ति ने पूछा ? जबाब में रिक्सा बाले ने वोला बह मजदूरी करता है और मेरे घर से एक किलोमीटर की दूरी में रहता है । पुनः ब्यक्ति का सबाल था कि आपके साथ रह सकते थे बो बाहर क्यों रहते हैं । रिक्सा बाले के आँखों से आंशु आ गया और जबाब दिया कि ” बहु को पसंद नहीं है में रिक्सा चलाऊं और उसको हमारी रहन सहन अच्छा नहीं लगता है । इसलिए वह बाहर रहते है”। मेरा तो मजबूरी है , आज से 20 साल होने जा रहा है रिक्सा चलाते चलाते। इस धंदा को कैसे छोड़ दूं ।
तबतक मेट्रो स्टेशन पहुंच गया था । ब्यक्ति ने रिक्सा बाले से पूछा कितना हुआ ? रिक्सा बाले ने बोला “दे दो साहब जो देना है ” ब्यक्ति ने बोला 10 रुपये ना? तो रिक्सा बाले ने बोला ठीक है बाबूजी दे दो” । ब्यक्ति फिर से पूछा कितना बताओ ? रिक्सा बालो ने बोला 15 दोगे तो अच्छा रहेगा। ब्यक्ति ने बोला हमारी बात हुई थी 10 कि आप फिर से 15 बोल रहे हो । इतना बोलकर ब्यक्ति ने 100 रुपये निकाल कर रिक्सा बालो को दिया । रिक्सा बाले ने अपने पॉकेट से कुछ सिक्के और नोट्स निकाले । ब्यक्ति ने पूछा आज कितना कमाई हुआ है ? रिक्सा बाले ने जबाब दिया मेरे हात में जितना रुपये है ! इतना ही कमाई हुआ है । ब्यक्ति ने पूछा कितना है ये , रिक्सा बाले ने गिनकर बताया 335/- रुपये हुआ है सुबह से अभी तक की कमाई । ब्यक्ति ने पूछा छुट्टा है क्या आपके पास? रिक्सा बाले ने बोला कि हो जाएगा साहब । ब्यक्ति थोड़ा मुस्कुराते बोला ये 100/- रुपये आप रख लो । आप जितना मेहनत करते हो उसके बदले ये 100 रुपये कम है । इतना सुन ने के बाद रिक्सा बाले चकित हो कर ब्यक्ति की और देखता रहा गया ।अगले पल ही रिक्सा बाले की चेहरे पर मुस्कान आ गया । सायद बह ब्यक्ति रिक्सा बाले की मुस्कान देखना चाहता था । रिक्सा बाले ने ब्यक्ति को हाथ जोड़कर प्रणाम किया बोला धन्यबाद साहब । आपकी हर मनोकामना पूरी हो और आप जहां भी रहो भगवान आपको अच्छे से रखे । ब्यक्ति भी उसको धन्यवाद देकर आगे बढ़ने लगा ।
ब्यक्ति ने थोड़ा आगे जाकर देखा बह रिक्सा बालो ने दूसरे रिक्सा बालों को उस ब्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए कुछ बोल रहा था और 100 रुपये को बार बार देख रहा था । जैसे उसकी खुसी दुगुनी हो गया है । ब्यक्ति को रिक्सा बाले ने दूर से प्रणाम किया । ब्यक्ति मेट्रो स्टेशन की और चला गया ।
दोस्तों आज भी दुनिया में कुछ लोग रहते है जहां गरीब की एक मुस्कान केलिए खुसी से दान करना पसंद करते हैं। बह ब्यक्ति उस रिक्सा बाले से 10 या 15 रुपये देकर आ सकता था । पता नहीं उस ब्यक्ति के मन मे ऐसा दया क्यों आया?
दुनिया में बहुत कुछ कर लो मगर किसी गरीब आदमी की आशिर्बाद आपको मिलता है ना? तो आप सौभाग्यशाली मनुष्य हो। यह आशिर्बाद के आगे बड़े से बड़े कीमती सामान कम पड़ जायेगा । कितना भी पैसा खर्चा करलो मगर गरीब की दया और आशिर्बाद को आप नहीं खरीद सकते । आपकी इच्छा से दान करना भी एक पुण्य है । दान करने के उपरांत आपको पक्का खुसी मिलेगी ये मेरी अनुभूति है ।
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धन्यवाद
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